थांग: यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। श्रोताओं को श्याओ थांग का नमस्कार।
अनिल:श्रोताओं को अनिल का भी नमस्कार। आपका पत्र मिला कार्यक्रम में आपका स्वागत है। आज के इस कार्यक्रम में सबसे पहले आप सुनेंगे कई श्रोताओं की राय, इसके बाद सवालों के जवाब और फिर आप से मिले। अंत में होगा एक भारतीय गीत।
थांग: अच्छा, अब हम कुछ श्रोताओं के पत्र पढ़ते हैं। आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश के श्याम जतन चौहान ने पत्र भेजकर कहा कि सी.आर.आई के सभी कार्यक्रम मुझे बहुत अच्छे लगते हैं क्योंकि आप लोगों द्वारा पेश किए गए प्रोग्राम काफी ज्ञानवर्धक होते हैं। वहीं आपकी ओर से भेजी गई श्रोता वाटिका पत्रिका भी हम लगातार पढ़ते हैं, उससे भी हमें बहुत जानकारी मिलती है। मैं आशा करता हूँ कि आप लोग आगे भी श्रोता वाटिका और पत्रिका भेजते रहेंगे,जो हमारे लिए और हमारे दोस्तों के लिए भी लाभकारी होगी। मैं आपका कार्यक्रम सुनकर अपने दोस्तों को भी सुनने की सलाह देता हूँ और पत्र लिखने को भी कहता हूं। आजकल मेरे तीन व चार दोस्त पत्र लिखने भी लगे हैं।
श्याम जतन चौहान जी, आपका पत्र पाकर हमें बड़ी खुशी हुई। आपने अपने दोस्तों से हमारे कार्यक्रम सुनने और पत्र लिखने की सलाह दी है, हमारे कार्यक्रम और श्रोता वाटिका के समर्थन के लिए आपका धन्यवाद। आशा है कि आप और आपके ज्यादा से ज्यादा दोस्त हमारे सी.आर.आई परिवार में भाग लेंगे और पत्र व्यवहार जारी रखेंगे।
अनिल:गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के मीनू रेडियो श्रोता क्लब के अध्यक्ष बद्री प्रसाद वर्मा अनजान ने पत्र भेज कर हमारे कार्यक्रम खेल जगत, मनोरंजन का वक्त, आज का तिब्बत आदि की चर्चा की। पत्र में उन्होंने पश्चिम दिशा की तरफ उड़ती एक चिड़िया और जमीन पर खड़े दो व्यक्तियों की तस्वीर बनाकर भेजी है, जो चीन जाने के इंतजार में हैं। तस्वीर काफी दिलचस्प है। पत्र भेजने के लिए आपका धन्यवाद। इसके अलावा उन्होंने हमारी श्रोता वाटिका के लिए एक कविता भेजी है। सज कर संवर कर आती है श्रोता वाटिका
हर श्रोता के दिल को गुदगुदाती है श्रोता वाटिका
चाइना रेडियो इन्टरनेशनल की
तोहफ़ा कहलाती है श्रोता वाटिका
ज्ञान की ज्योति हर दिल में जलाती है श्रोता वाटिका
चीन देश की झांकी दिखलाती श्रोता वाटिका
चीन की घर बैठे सैर कराती है श्रोता वाटिका
सभी श्रोताओं का साथी बन जाती श्रोता वाटिका
हर श्रोता के हाथों में मुस्काती श्रोता वाटिका
चीन भारत का पैगाम सुनाती श्रोता वाटिका
हर श्रोता से दोस्ती बढ़ाती है श्रोता वाटिका
श्रोताओं के विचार, फ़ोटो छापती श्रोता वाटिका
कविता और गजलों से खुश कर देती श्रोता वाटिका
हर महीने छपती तो अच्छा होता श्रोता वाटिका
कई महीने का इंतज़ार ना करवाती श्रोता वाटिका
चीन देश की ज्ञान कहलाती श्रोता वाटिका
हिन्दी का सम्मान बढ़ाती श्रोता वाटिका
थांग: जौहरी कोथी, समस्तीपुर, बिहार के इन्टरनेशनल रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष पी.सी. गुप्ता ने अपने पत्र में कहा कि हम सीआरआई से कई वर्षों से जुड़े़ है व समय-समय पर आप लोगों द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में भाग भी लेते रहे हैं। लेकिन खेद की बात है कि आज तक हमारे किसी भी सदस्य को न पुरस्कार मिला और न कोई उपहार। हम लोग क्लब के लिए आप लोगों से ऐसे उपहार की अपेक्षा रखते हैं, जो यादगार होने के साथ-साथ उपयोगी भी हो। गुप्ता भाई, हमारे कार्यक्रम सुनने और प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आप और आपके क्लब सदस्यों को धन्यवाद। आपने कहा कि हमारी प्रतियोगिता में भाग लेने के बाद आप लोगों को कोई पुरस्कार न मिला। सच बात यह है कि कई लोग प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। हम सही उत्तर देने वाले श्रोताओं और जल्दी से उत्तर देने वाले श्रोताओं को चुनकर पुरस्कार देते हैं। आशा है कि इस वर्ष आयोजित प्रतियोगिताओं में आपको हमारा पुरस्कार मिलेगा।
अनिल:अच्छा, अब समय आ गया है सवालों के जवाब का। गोरखपुर उत्तर प्रदेश के मीनु रेडियो श्रोता क्लब की शकुन्तला अनजान ने पत्र भेज कर सवा पूछा है कि चीन की सबसे बड़ी आदिवासी जाति कौन सी है, इस जाति के बारे में विस्तार से बताइए। इस के साथ ही कोआथ, बिहार के हाशिम आजाद ने इस संदर्भ में सवाल भी पूछा है कि चीन की आबादी में सब से अधिक किस जाति के लोग रहते हैं।
थांग: शकुन्तला अनजान बहन और हाशिम आजाद भाई, चीन एक बहुजातीय देश है, देश में कुल 56 जातियां रहती हैं। हान जाति चीन में सबसे बड़ी जाति है, जिस की जनसंख्या चीन की कुल जनसंख्या का 92 प्रतिशत है जो चीन के विभिन्न प्रांतों में बसी हुई है। थाईवान क्षेत्र में हान जातीय लोग इस प्रांत की कुल जन संख्या के 98 प्रतिशत हैं, जबकि हांगकांग व मकाओ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों में हान जाति की जनसंख्या क्रमश. 95 प्रतिशत व 97 प्रतिशत है। चीन में हान जाति के अलावा, अन्य 55 अल्पसंख्यक जातियों में मंगोल जाति, ह्वेई जाति, तिब्बती जाति, वेवुर जाति, म्याओ जाति, च्वांग जाति, कोरिया जाति, कज़ाक जाति, मान जाति समेत 18 जातियों की जनसंख्या दस लाख से अधिक है, इनमें च्वांग जाति की संख्या एक करोड़ 60 लाख से ज्यादा है, वह मुख्य तौर पर दक्षिण पश्चिमी चीन के क्वांग शी च्वांग स्वायत्त प्रदेश में रहती है।
अनिल:मऊनाथ भंजन, उत्तर प्रदेश के वाइस रेडियो क्लब की रेशमा बानो ने यह सवाल पूछा है कि क्या चीनी मुसलमानों को ईद के मौके पर चीन में मेला लगने की अनुमति है?अगर हां, तो कितने दिन मेला लगता है?
थांग: रेशमा बानो जी, चीनी मुसलमान हर वर्ष ईद का त्योहार मनाते
हैं। चीन में ह्वेई जाति, वेवुर जाति, उज़बेक जाति, ताज़िक जाति,
तातार जाति, कर्कज़ जाति, सारा जाति, तुंगश्यांग जाति और पाओआन जाति आदिअल्पसंख्यक जातियां ईद त्योहार मनाती हैं। इसके साथ ही ईद चीनी ह्वेई जाति का नया वर्ष भी है। ईद चीनी मुस्लमान तीन दिन मनाते हैं। पहले दिन मुसलमान लोग सुबह जल्दी उठते हैं और नहाते हैं। पुरूष नए कपड़े बहनकर मस्जिद की ओर जाते हैं। ईद के दिन मुसलमान मस्जिद में नमाज अदा करते हैं । इसके बाद दोस्तों व रिश्तेदारों के घर जाते हैं । परिवार में स्वादिष्ट पकवान बनाई जाते हैं। आजकल ईद के दौरान युवक व युवती शादी भी करने लगे हैं। हर क्षेत्र में भिन्न-भिन्न मनोरंजन कार्यक्रम पेश किए जाते हैं। चीनी मुस्लमान ईद त्योहार में खूब मज़ा लेते हैं।
अनिल:दोस्तो, अब समय आ गया है आप से मिले का। नई दिल्ली में रहने वाले त्यागी भाई हमारे हिन्दी विभाग के नियमित श्रोता है। उन्हें चीनी संस्कृति के बारे में बहुत रुचि है। हाल में नई दिल्ली स्थित हमारे संवाददाता हूमिन ने उनसे बातचीत की, सुनिए यह बातचीत।
थांग: अच्छा दोस्तो, अब समय आ गया मनोरंजन का। यहां हम आपके लिए एक मधुर भारतीय गीत पेश कर रहे हैं। जो कि फिल्म 《देवदास》का गीत《हमेशा तुम को चाहा》है। यह गीत विशेष तौर पर अस्तुपुरा, नई बस्ती, मऊनाथभंजन, उत्तर प्रदेश के सादिक रेडियो लिस्नर्स क्लब के मज़हर अली अनसारी, रज़िया बेगम अनंसारी, राशेदा खातून अंसारी, अबुबकर अली अंसारी, सादिक, साजिद, सारिक और सारिम;प्रमिलागंज, आलोट, रतलाम, मध्य प्रदेश के मालवा रेडियो श्रोता संघ के बलवन्त कुमार वर्मा, राजुबाई, माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहूल, ज्योति और अतुल;भोजपुर, बिहार के मनीष रेडियो श्रोता क्लब के राघोंराम, अंकित कुमार, मनीष कुमार, अशोक कुमार, नेहा कुमारी तथा जयंती कुमारी आदि श्रोताओं के लिए पेश किया जा रहा है, जिन्होंने पत्र भेजकर भारतीय फिल्मी गीत सुनने की फ़रमाइश की थी।
अनिल:अच्छा दोस्तो, आज का कार्यक्रम यही समाप्त होता है। अब श्याओ थांग और अनिल को आज्ञा दें।
थांग: अगले हफ्ते फिर मिलेंगे। नमस्कार।