थांग: यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है । श्रोताओं को श्याओ थांग का नमस्कार।
अनिल:श्रोताओं को अनिल का भी प्यार भरा नमस्कार। आपका पत्र मिला कार्यक्रम में आपका स्वागत है।
थांग: दोस्तो, आज के इस कार्यक्रम में पहले आप सुनेंगे हमारे कुछ श्रोताओं द्वारा भेजे गए पत्रों का उद्धरण, फिर सवालों के जवाब । इसके बाद आप सुनेंगे भारतीय फिल्म उत्सव में भाग लेने वाले अतिथि व चीन की यात्रा करने वाले भारतीय युवा प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों के साथ हुईं बातचीत और अंत में एक गीत पेश किया जाएगा।
अनिल:अब हम पढ़ते हैं बेलगाम, कर्नाटक के सुनील मांडीवाल का पत्र । उन्होंने कहा कि मैं छात्र हूँ और आपका एक नियमित श्रोता हूँ। मैं सी.आर.आई. के सभी हिन्दी और अंग्रेज़ी कार्यक्रम नियमित रूप से सुनता हूँ। मुझे सी.आर.आई से प्रसारित होने वाले सभी कार्यक्रम बेहद पसंद हैं। आपके कार्यक्रमों में एक विशेष प्रकार का आकर्षण है। मैं जहां भी रहूँ, आपके कार्यक्रम सुनना ही रहता हूँ। सुनील जी धन्यवाद कि आप सी.आर.आई हिन्दी व अंग्रेज़ी कार्यक्रमों को इतना पसंद करते हैं। उम्मीद करते हैं कि आप हमें लगातार पत्र भेजते रहेंगे।
थांग: वलीदपुर, मऊ, उत्तर प्रदेश के नव दुर्गा शिक्षण संस्थान के अनुराग रेडियो लिस्नर्स क्लब के सुनील जायसवाल ने एक छोटा सा पत्र भेजकर हमारे कार्यक्रम के प्रति अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि वह पहली बार पत्र लिख रहे हैं, यदिजवाब मिलेगा, तो फिर आगे भी पत्र लिखेंगे। सुनील भाई, आपका पत्र देखकर अच्छा लग रहा है। आपको हमारी तरफ़ से जवाब जरूर मिलेगा। आपके नए पत्रों के इन्तज़ार में।
अनिल:अब हमारे पास एक पत्र है, जो पिछले साल के दिसम्बर का है। इतनी देर से आपका पत्र अपने कार्यक्रम में शामिल कर रहे हैं, इसके लिए क्षमा चाहते हैं। यह पत्र प्रमिलागंज, आलोट, रतलाम, मध्य प्रदेश के मालवा रेडियो श्रोता संघ के बलवन्त कुमार वर्मा, राजुबाई, माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहुल, ज्योति और अतुल ने भेजा है। उन्होंने पत्र में कहा कि आपसे मिले कार्यक्रम में डा. कोटनिस के दामाद से भेंटवार्ता सुनवाई गई, इसके अलावा, विशेष कार्यक्रम में डा.कोटनिस सहित 10 विशेष मित्रों की जानकारी के साथ ही डा. कोटनिस की दो बहनों और भतीजी की चीन यात्रा पर विशेष कार्यक्रम प्रसारित किया गया, अत्यंत रोचक लगा। चंद्रिमा जी सहित सी.आर.आई. की बेहतर प्रस्तुति के लिए धन्यवाद।
थांग: दोस्तो, डा.कोटनिस चीन के जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध के दौरान सहायता के लिए चीन आए और अपनी जान अर्पित की। उन्होंने चीन भारत मैत्री के लिए भारी योगदान किया और वे हमेशा चीनी लोगों के दिल में जिन्दा रहेंगे। गत मई में भारतीय राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने चीन की यात्रा की। उनके सत्कार के लिए पेइचिंग में एक भव्य समारोह आयोजित हुआ था। इस मौके पर हमारी मुलाकात डॉ. कोटनिस की छोटी बहन से हुई। उनकी उम्र ज्यादा होने पर भी उनका स्वास्थ्य अच्छा है, और अपने भाई की ही तरह वे चीन भारत मैत्री की दिशा में प्रयास करती रहती है।
अनिल:गरहिया सियोहर,बिहार के स्टार लिस्नर्स क्लब के सदस्य इसरारुल हक (Israrul Haque) ने पत्र भेजकर एक आलेख लिखा, शीर्षक है"मां, जो इस प्रकार है:
मां कैसी भी हो, उसका रंग रूप कैसा भी हो, उस की शक्ल सूरत कैसी भी हो, लेकिन बच्चों को अपनी मां हमेशा सुन्दर लगती है, मां तो सुन्दर ही होती है। मां जैसा सुन्दर तो कोई हो ही नहीं सकता। अपनी मां कुरूप भी हो तो सुन्दर ही लगती है। मां के सम्बंध में सौन्दर्य का कोई विचार भी नहीं करता। मां को तो सुन्दर ही होना है।
हिन्दुओं में एक देवी है, जिस का नाम है"काली"। उनका चेहरा विकराल रूप, गले में पड़ी हुई नरमुंड की माता, लपलपाती जीभ द्वारा खून पीना, जिन्दा खा लेने वाली आंख, सब कुछ भयावह है, लेकिन फिर भी उन को मां कहा है। मां है इसलिए हम ने उस की इस कुरूपता को नज़र अंदाज कर दिया। मां काली है, तो सुन्दर लगती है।
जी हां। दुनिया में मां सबसे महान है। मां के बिना हम कहां आएंगे। मां का प्यार है सबसे महान। हमें अपनी मां को प्यार करना चाहिए।
अच्छा दोस्तो, अब समय आ गया है सवाल जवाब का। आज हम देखेंगे हमारे प्रिय श्रोताओं ने क्या सवाल पूछे हैं। अब देखिए, भागलपुर, बिहार के आज़ाद रेडियो लिस्नर्स क्लब के इज़राइल कस्तुरी, मिकाइल अंसारी, इसराइल अंसारी और इसमाइल अंसारी ने पत्र भेजकर यह सवाल पूछा है कि क्या चीन में प्रसारण के क्षेत्र में कोई महिला महानिदेशक बनी हैं?अगर हां, तो उन के बारे में संक्षिप्त जानकारी देने की कृपा करें।
थांग: दोस्तो, वर्तमान में चीनी महिलाओं का स्तर दिन ब दिन बढ़ता रहा है। चीन में पुरूषों व महिलाओं की समानता वाली व्यवस्था अच्छी तरह चल रही है। चीनी महिला पुरूषों की तरह विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं। वास्तव में चीनी प्रसारण क्षेत्र में कई पुरूष महानिदेशक हैं, महिला महानिदेशक तो हैं, लेकिन संख्या ज्यादा नहीं। जैसा कि च्यांगसू प्रांत के रेडियो व टी.वी. स्टेशन की महानिदेशक चो ली। वर्ष 2003 के अप्रेल से वे च्यांगसू प्रांत के रेडियो व टी.वी. ग्रुप की महानिदेशक बन गई हैं। पिछले सात सालों में उन के नेतृत्व में च्यांगसू रेडियो व टी.वी. स्टेशन चीन में मशहूर रेडियो व टी.वी. स्टेशन बन गया, इस प्रसारण संस्था द्वारा बनाए गए कार्यक्रमों को और ज्यादा से ज्यादा दर्शकों का स्वागत मिला। दोस्तो, चीनी प्रसारण क्षेत्र में महिला मानिदेशक की संख्या कम होने के बावजूद उप महानिदेशकों की संख्या ज्यादा है। लगभग हरेंक प्रसारण संस्था में कम से कम एक महिला उप महानिदेशक होती है। वे अपनी संस्था के महानिदेशकों के साथ सहयोग कर कार्य के विकास के लिए भारी योगदान कर रही हैं।
अनिल:अच्छा, अब हम पढ़ते हैं अगला पत्र । ढोली सकरा, मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार के रायल लिस्नर्स क्लब के जसीम अहमद, फरजंद अहमद अरमान, शमीम अहमद, गुलाम नवी, रजिया सुल्ताना और अदीबा सुल्ताना ने पत्र में सवाल पूछा है कि चीन की राजधानी पेइचिंग की आबादी कितनी है?चीन में भारत के कितने लोग बसे हैं, और वे किस-किस शहर में रहते हैं?
थांग: पेइचिंग म्युनिसिपल के सांख्यकी ब्यूरो व चीनी राष्ट्रीय सांख्याकी ब्यूरो के पेइचिंग सर्वेक्षण दल द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2008 के अंत तक पेइचिंग में स्थाई रूप से रहने वाले लोगों की संख्या एक करोड़ 63 लाख 30 हज़ार थी, जिस में बाहर से आए व्यक्तियों की संख्या करीब पचास लाख। आज तक यह संख्या जरूर बढ़ गई होगी। खबर के अनुसार आगामी पहली नवम्बर से चीन में छठा जन संख्या सर्वेक्षण किया जाएगा, तब पता चलेगा कि वर्तमान में पेइचिंग की जनसंख्या कितनी है ।
अब मैं जसीम अहमद और साथियों के दूसरा सवाल का जवाब दूंगी। चीन में कई भारतीय लोग बसे हैं। लेकिन उनकी सही संख्या के बारे में हमें जानकारी नही हैं। भारतीय लोग ज्यादातर चीन के पेइचिंग, शांगहाई, क्वांगचो, शनजङ आदि शहरों में रहते हैं, जहां का आर्थिक विकास दूसरे स्थलों से विकसित है और भारतीय लोग मुख्य तौर पर चीन में व्यापार करते है।
थांग: श्रोता दोस्तो, वर्ष 2010 भारतीय फ़िल्म दिवस 24 जून को पेइचिंग के ब्रॉडवे फ़िल्म केंद्र में उद्घाटित हुआ। इस गतिविधि का आयोजन चीनी राष्ट्रीय रेडियो, फ़िल्म व टी.वी. महा ब्यूरो, फिल्म प्रबंधन ब्यूरो और भारतीय प्रेस व प्रसारण मंत्रालय आदि विभागों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। गतिविधि के घटनास्थल पर हमारी संवाददाता चंद्रिमा को चीन व भारत के कई विद्यार्थियों से मिले। पेइचिंग विदेशी भाषा व संस्कृति विश्वविद्यालय में चीनी भाषा पढ़ रहे भारतीय विद्यार्थी अखिल उनमें से एक है। उन्होंने कहा कि वे अपने सपने को साकार करने के लिए पेइचिंग आए। तो अब सुनिए फिल्म दिवस के बारे में उनकी बातचीत।
अनिल:जगसलाई टाटानगर के इन्द्रपाल सिंह भाटिया, इन्द्रजीत कौर भाटिया, साबो भाटिया, सोनक भाटिया, मनजीत भाटिया, बंटी, लाडो भाटिया, रश्मी भाटिया और पाले भाटिया व चंपावती नगरी बीड शहर के कमल कुल्थे, संगीता कुलथे, जयश्री बुरांडे, पुष्पा शहाणे और पुजा आडाणे ने फिल्म《हम आप के हैं कौन》का गीत《दीदी तेरा देवर दिवाना》सुनने की फ़रमाइश की है।
थांग: इसके साथ ही हम यह गीत नादिया, पश्चिम बंगाल के धीरन बसक और पार्थ दत्ता;रतलाम, मध्य प्रदेश के मालवा रेडियो श्रोता संघ के लक्षमण लाल तथा विक्रम मालवीय;पूर्व चंपारण , बिहार के सुनील कुमार;भोजपुर बिहार के मनीष रेडियो श्रोता क्लब के राधो राम;हैदराबाद के शहबाज़ खान सहिब;समस्तीपुर बिहार के राजेश कुमार आदि श्रोताओं की पसंद पर भी पेश कर रहे हैं। आप लोगों द्वारा भेजे गए पत्र हमें मिल गए हैं। हमारे कार्यक्रम के समर्थन के लिए आप सभी का धन्यवाद। अब सुनिए यह गीत।
अनिल:अच्छा दोस्तो, इसी गीत के साथ साथ हमारा आज का कार्यक्रम यही समाप्त होता है। अगले हफ्ते फिल मिलेंगे, नमस्ते।
थांग: नमस्कार।