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भारतीय युवाओं की मैत्रीपूर्ण चीन यात्रा
2010-07-28 10:22:02

यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है । श्रोता दोस्तो, श्याओ थांग की नमस्ते।

पिछले हफते के इस कार्यक्रम में मैंने आप लोगों के लिए एक विशेष कार्यक्रम पेश किया, शीर्षक था चीन की यात्रा करने आए भारतीय सौ युवा प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों की नज़र में शांगहाई विश्व मेला। आज मैं सौ भारतीय युवा की मैत्रीपूर्ण चीन यात्रा के बारे में एक और विशेष रिपोर्ट पेश करूंगी। आशा है आप को पसंद होगा।

दोस्तो, भारतीय सौ युवाओं के प्रतिनिधि मंडल की चीन यात्रा अठारह जून से औपचारिक तौर पर शुरू हुई। इसी दिन प्रतिनिधि मंडल ने शांगहाई विश्व मेले के उद्यान का दौरा किया। युवा प्रतिनिधियों ने भारतीय हॉल, प्रमुख थीम हॉल आदि मंडपों को देखा और शांगहाई विश्व मेले की भूरि भूरि प्रशंसा की। हमारे पिछले हफ्ते के कार्यक्रम में इस के बारे में आप ने कुछ प्रतिनिधियों के बयान अवश्य सुने होंगे।

अठारह तारीख की रात को शांगहाई संयुक्त युवा संघ ने प्रतिनिधि मंडल के स्वागत में एक भव्य सत्कार समारोह आयोजित किया। अखिल चीन संयुक्त युवा संघ के नेता श्री नी च्येन ने समारोह में भाषण देते हुए कहा कि चीन और भारत अच्छे पड़ोसी है, दोनों देशों के बीच आवाजाही का इतिहास लम्बा पुराना है। विश्व में दो बड़े विकासमान देशों के नाते चीन और भारत विश्व शांति व मानव विकास के लिए बड़ा योगदान कर रहे हैं, दोनों पक्षों के युवाओं के बीच आदान प्रदान बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा:

"इधर के वर्षों में चीन भारत संबंधों में स्थिर व स्वस्थ विकास का रूझान बरकरार रहा है। दोनों देशों की सरकारों व नेताओं के समर्थन में द्विपक्षीय युवा आदान प्रदान का अच्छा माहौल पैदा हुआ। हाल के वर्षों में दोनों देशों के युवाओं के बीच बड़े पैमाने वाली आवाजाही के जरिए उन में एक दूसरे की समझ व पारस्परिक मैत्री काफी बढ़ गयी, जिस से द्विपक्षीय संबंध के विकास के लिए मजबूत नींव डाली गयी है।"

भारतीय युवा प्रतिनिधि मंडल के नेता भारतीय युवा और खेल मंत्री डॉ. एम.एस. गिल्ल ने कहा कि चीन और भारत एशिया के महान देश हैं, दोनों के प्राचीन इतिहास है। युवा लोग हमारे दोनों देशों का भविष्य है, इस तरह युवाओं के बीच परस्पर समझ बढ़ाना और एक दूसरे से सीखना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। श्री गिल्ल ने आशा जतायी कि भविष्य में दोनों देशों के युवा कृषि, खेल, संस्कृति आदि क्षेत्रों में आवाजाही को और आगे बढ़ाएंगे। उन्हों ने कहा:

"मुझे लगता है कि दोनों देशों के लोगों को एक दूसरे देश की यात्रा करना चाहिए, विशेष कर युवा लोग, वे हमारे दोनों देशों का भविष्य है, इस तरह उन्हें एक दूसरे से सिखना और पारस्परिक समझ लेना चाहिए। "

दस दिनों की यात्रा के दौरान भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने शांगहाई व छङछिंग केंद्र शासित शहरों तथा आनह्वेई प्रांत की राजधानी हफ़ी का दौरा किया। हर जगह पर उन्होंने स्थानीय सांस्कृतिक पर्यटन स्थलों की सैरसपाट की, चीनी युवाओं के साथ बातचीत की। भारतीय युवा प्रतिनिधि के लिए आयोजित सत्कार समारोह में दोनों देशों के युवा लोग खूब गाते नाचते। संगीत व नृत्य के उमंग से भरे माहौल में वे नज़दीक से एक दूसरे की समझ लेते हैं और एक दूसरे देश की सांस्कृतिक विशेषता का लुत्फ उठाते हैं।

घनश्याम प्रजापति युवा प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों में से एक है। भारत में वे सामाजिक कार्यकर्ता हैं और महिलाओं की आर्थिक स्थिति को ऊंचा उठाने, महिलाओं और बाल बच्चों के स्वास्थ्य सुधार पर कार्य करते हैं। इसी क्षेत्र में अपने उत्तम कार्य के लिए उन्हें वर्ष 2008 का नेशनल युथ अवॉर्ड भी मिल चुका है। मौजूदा चीन यात्रा की चर्चा में उन्होंने कहा कि चीन आने के बाद उन्होंने चीनी संस्कृति के बारे में बहुत सी जानकारी हासिल की है और चीनी लोगों के साथ और अधिक नजदीकी पायी है। सुनिए घनश्याम प्रजापति के साथ एक बातचीत:

हरेंद्र सिंह राव राजास्थान से आए एक गायक हैं। उन्हें अपनी दस दिवस की मौजूदा चीन यात्रा को बहुत अच्छा लगा। उन के साथ हुई बातचीत में उन्होंने चीन से बहुत प्यार करने की भावना प्रकट की। उन्होंने कहा कि चीन की यात्रा से उन्होंने बड़ा आनंद उठाया है और वे चीन भारत मैत्री को आगे बढ़ाने के लिए भरसक कोशिश करने को तैयार है।

सच है, हम युवा लोग दुनिया का भविष्य है। चीन भारत मैत्री को और मज़बूत करने के लिए हमें अथक कोशिश करनी चाहिए। यह विश्व शांति व स्थिरता तथा समान विकास के लिए लाभदायक है, साथ ही हमारा कर्तव्य भी है। अच्छा अब सुनिए भारतीय युवा हरेंद्र सिंह राव से हुई बातचीत।

दोस्तो, अभी आपने सुना है मशहूर चीनी गीत《दोस्त》का एक अंश। भारतीय युवा प्रतिनिधि मंडल की दस दिन की चीन यात्रा के दौरान यह गीत समय समय पर सुनाई देता है। दोनों देशों के युवाओं ने इन दस दिनों में दोस्ती बनायी और एक दूसरे के प्रति समझदारी बढ़ायी । चाहे भारतीय युवा हो या चीनी युवा, वे तहेदिल से चीन भारत मैत्री को आगे बढ़ाने को अपना कर्तव्य मान लेते हैं। विश्वास है कि दोनों देशों के युवाओं के बीच इस प्रकार की आवाजाही से चीन भारत दोनों देशों का संबंध और सुदृढ़ होगा।

अच्चा दोस्तो, आज का यह कार्यक्रम यहीं तक समाप्त हुआ। अब आज्ञा दें, नमस्कार।

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