आपका पत्र मिला---0331
थांग:ये चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है । श्रोताओं को श्याओ थांग का नमस्कार।
अनिल:श्रोताओं को अनिल का भी नमस्कार
थांग:दोस्तो, आज से मैं और अनिल भाई आपका पत्र मिला कार्यक्रम पेश करेंगे। हम इस कार्यक्रम में कुछ बदलाव करने जा रहे हैं। इसके तहत आपके द्वारा भेजे गए पत्र, सवाल-जवाब के अलावा, श्रोताओं से सीधे संपर्क भी किया जाएगा। वहीं कार्यक्रम में श्रोताओं के मनपसंद गीत भी शामिल किए जाएंगे।
अनिल:दोस्तो, आज से हम आपके अनुरोध पर एक भारतीय गीत भी पेश करेंगे, अगर कार्यक्रम में सुधार के लिए आप कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो हमें पत्र, ई-मेल व फोन के जरिए संपर्क कर सकते हैं। हमारा ई-मेल का पता है:hindi@cri.com.cn।
थांग:अच्छा दोस्तो, आइए, मुज़फ़्फ़रपुर बिहार के मुकेश कुमार के पत्र के साथ अब शुरू करते हैं आज का कार्यक्रम। उन्होंने अपने इस पत्र में लिखा है, मैं चाइना रेडियो इन्टरनेशनल का नियमित श्रोता हूँ। आपका कार्यक्रम हमारे क्लब सदस्यों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है। इस कार्यक्रम का प्रसारण हमें 7265 किलोहर्ज़ पर स्पष्ट सुनाई देता है। कार्यक्रम में कई श्रोता मित्रों के पत्रों को शामिल किया जाता है। सभी पत्र सराहनीय होते हैं। आपका जवाब देने का अंदाज बहुत अच्छा है। मुझे दीपक कुमार दास व जसीम अहमद जी के पत्रों ने काफ़ी प्रभावित किया। ये दोनों आपके कार्यक्रमों को एक लम्बे अरसे से सुन रहें हैं। मैं उन दोनों से नियमित रूप से मिलता हूँ और सीईआरआई के कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करता हूँ। एक अच्छी प्रस्तुति के लिए पूरे परिवार को सहृदय धन्यवाद। साथी ही इस पत्र के माध्यम से आप सभी को वसंत त्योहार की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। नया साल पूरे हिन्दी परिवार की समृद्धि में सहायक हो।
अनिल:चीन में वसंत त्योहार बीत चुका है, मुकेश कुमार जी हमें नए साल की शुभकामनाएं देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मुकेश सी.आर.आई. हिन्दी प्रसारण के नियमित श्रोता हैं और अक्सर पत्र लिखते रहते हैं। हमें उम्मीद है कि नए साल में आप और आपके क्लब के सदस्य सी.आर.आई. हिन्दी कार्यक्रमों में किए जा रहे बदलावों के बारे में अपनी राय व सुझाव पेश करेंगे, जो कार्यक्रमों को और बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं। साथ ही हम दीपक कुमार दास और जसीम अहमद को भी धन्यवाद देते हैं कि आप दोनों भी हमें समय-समय पर पत्र लिखकर अपने विचारों और सुझावों से अवगत कराते रहते हैं।
जिससे हमारे प्रसारणों में सुधार करने में मदद मिली है। जसीम अहमद जी ने 2008 में पेइचिंग ओलंपिक व उससे पहले के विभिन्न ओलंपिकों के बारे में काफ़ी चर्चा की और अच्छी जानकारी दी थी। इसके लिए भी यहां हम उन्हें धन्यवाद देते हैं, और आशा है कि अन्य विषयों में भी आप हमें राय व सुझाव देते रहेंगे। हम आप लोगों के नए पत्रों का इंतज़ार कर रहे हैं।
थांग:अच्छा बहनो और भाइयो, हमने भाई मुकेश कुमार से फोन पर बात की और उन्होंने हमारे कार्यक्रमों के सुधार के बारे में अपने सुझाव पेश किए। सुनिए उनकी आवाज़।
अनिल:अच्छा दोस्तो, अब श्रोताओं के सवालों के जवाब देने का वक्त आ गया है। भागलपुर बिहार के इजराइल कस्तूरी, मिकाइल अंसारी और इसराइल अंसारी ने पत्र भेज कर यह सवाल पूछा है कि चीन में खेल पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी कौन हैं? और उन्होंने यह पदक कब जीता था।
थांग:इजराइल कस्तूरी और भाइयो, चीनी महिला खिलाड़ियों का लोहा दुनिया भर में माना जाता है। वर्तमान में चीन विश्व का एक शक्तिशाली खेल देश है। चीनी खिलाड़ियों ने ओलंपिक और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। चीन को खेल में महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में महिला खिलाड़ियों का योगदान पुरूषों से अधिक है । चीनी महिला खिलाड़ियों का योगदान हमेशा चीनियों को याद रहेगा। वर्ष 1958 में चीन ऊंची कूद खिलाड़ी सुश्री तङ फङरोंग ने विश्व पथ-मैदान खेल प्रतियोगिता में 1.77 मीटर लांग कर इस इवेंट के विश्व रिकोर्ड को तोड़ा और चीन के लिए विश्व में महिला वर्ग का पहला स्वर्ण पदक भी जीता। इसके बाद वर्ष 1961 में चीनी महिला टेबल टेनिस चैम्पिनशिप में महिला वर्ग के एकल इवेंट का स्वर्ण पदक जीता। ओलंपिक में चीन ने देर से भाग लेना शुरू किया था। वर्ष 1984 में चीन ने पहली बार ओलंपिक खेलों में भाग लिया। उसी साल लॉस एजेल्स में आयोजित 23वें ग्रीष्म ओलंपिक में चीनी महिला निशानेबाज़ वु शाओश्वान ने महिला स्टैंडर्ड राइफ़ल शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता। यह ओलंपिक में चीनी महिलाओं का प्रथम स्वर्ण पदक है। इसके बाद चीनी महिला खिलाड़ियों ने ओलंपिक व अन्य अंतरराष्ट्रीय खेलों में लगातार स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतने में कामयाबी पायी है। चीनी महिलाओं की इतनी जबरदस्त सफलता अन्य देशों में देखने को नहीं मिलती है।
अच्छा, अब आज के कार्यक्रम के अगले भाग में प्रवेश करते हैं। दोस्तो, आप जानते हैं कि इस महीने के शुरू में भारत में होली की खुशियां मनाईं। उसी मौके पर राजस्थान के हमारे श्रोता ओ.पी. वर्मा ने हमें फोन किया और एक कविता पेश की, नाम है"आशाओं का हमारी एक संसार हो"। सुनिए यह कविता:
जीवन पथ पर प्यार हो
आशाओं का हमारी एक संसार हो
रहें हम सब मिलकर एक ऐसा संसार हो
आशाओं का एक संसार हो
सभी को हम समझेंगे जब एक समान
सी.आर.आई और भारत महान
सब देशों की लगी एक कतार हो
आशाओं का हमारी एक संसार हो
जहां हो तन मन धन का समर्पण हो
सत्य अहिंसा प्रेम जीवन का आधार हो
पग बढ़कर सब हम एक साथ चलें
ऐसे साकार हो
आशाओं का एक संसार हो
अनिल:बहुत खूब। इसे सुनने के बाद मेरा मन भी कविता करने को कर रहा है। तो दोस्तो, रंगों का त्योहार होली बीत चुका है ही। लेकिन इस बारे में शोले फिल्म का एक गीत मुझे बहुत पसंद है। शायद ही कोई भारतीय इस फिल्म को कभी भूल पाएगा, 1975 में आई फिल्म में अमिताभ व धर्मेंद यानी जय व वीरू की दोस्ती को आज भी मिसाल के तौर पर पेश किया जाता है। इस कार्यक्रम में हम आपके लिए यह गीत पेश करेंगे। जिसका नाम है:"होली के दिन दिल मिल जाते हैं"। हमारे श्रोता भाई सलमान अहमद अन्सारी, अदनान अहमद अंसारी, इमरान अहमद अंसारी, फरमान अहमद अंसारी, फरहान अहमद अंसारी, सुलतान अहमत अंसारी, मुजफ्फर अली अंसारी, मुनोवर अली अंसारी आदि ने होली से जुड़ा एक गीत सुनने की फ़रमाइश की है। इस गीत को गाया है किशोर कुमार व लता मंगेश्कर ने...लीजिए सुनिए यह "होली के दिन दिल मिल जाते हैं"
थांग:अच्छा बहनो और भाइयो, इस मधुर गीत के साथ ही हमारा आज का"आपका पत्र मिला"कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। सी.आर.आई के नाम पत्र लिखने, फ़ोन करने व चीन के बारे में सवाल पूछने के लिए आप सभी का एक फिर धन्यवाद।
अनिल:दोस्तो हम आप लोगों के पत्रों, ई-मेल और फोन का इंतज़ार करेंगे।अब श्याओ थांग और अनिल को आज्ञा दें, नमस्कार।
थांग:नमस्कार।