तु-च्यांग बांध - सछ्वान प्रान्त के मनुहारी स्थलों में तु-च्यांग बांध दर्शनीय बांध हैं, जो कि मिं च्यांग नदी पर बनाया गया है | इसे विश्व की सबसे पुरानी जल परियोजना के रूप में जाना गया है | तु-च्यांग बांध की कल्पना में गोते लगाकर लबों पर ये गीत याद आ जाता होगा "चलो दिलदार चलो, चाँद के पार चलो" | हर इंसान के जीवन में एक ऐसा पड़ाव जरूर आता है जब दुनिया के लोक चारों से दूर अपनी रूमानी दुनिया को भरपूर जी लेने की इच्छा प्रबल हो रही है | नवविवाहित जोड़े अपने मधुमास को किसी ऐसे जगह मनाना चाहते है जहाँ किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं है | ऐसे जोड़ों के लिए यह जगह मेरे हिसाब से बहुत ही अच्छी होगी |
सानश्येनत्वी अवशेष खंडहर- सछ्वान में सानश्येनत्वी अवशेष खंडहर सछ्वान प्रान्त की सुन्दरता में चार चाँद लगा देता है | ये खंडहर पुरात्व की याद को ताज़ा कर देते हैं | यहाँ का वातावरण फुर्सत के पलों में इन खंडहरों की गोद में आने को मचल उठता है |
च्योजेक्वो रमणीय स्थान- सछ्वान प्रान्त में रमणीक स्थलों में च्योजेक्वो स्थान अपनी विशेष गरिमा के लिए जाना जाता है | सछ्वान की गोद में च्योजेक्वो स्थान का प्राकृतिक सौंदर्य बदलते मौसम सुंदर संस्कृति, सही अर्थों में यह स्थान देवलोक को पारिभाषित करता है | पर्यटकों के लिए यह स्थान सहज उपयुक्त स्वर्ग है | यहाँ बिताये हुए पल जीवन में सदैव इस्मरण होता है | विस्तृत मैदानों का सफ़र तय करते-करते इसके चारों ओर फैली खूबसूरत वादियाँ एक अपनेपन का अहसास कराती है |
सछ्वान प्रांत में रहने वाल पांडे - सछ्वान प्रान्त एक ओर प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, तो वहीँ दूसरी ओर यहाँ पर खेलते-कूदते, भागते-दोड़ते पांडों के लिए जाना जाता है |यहाँ के रमणीक स्थलों में जब कभी पांडे दिख जाते हैं, तो शरीर रोमांच से भर उठता है | इनकी मधुर आवाजों से वातावरण और भी मधुर हो जाता है| यहाँ रहने वाले पांडों को सछ्वान प्रान्त का प्रतीक मना गया है |
वॉ-लुंग पांडा संरक्षित क्षेत्र-सछ्वान प्रान्त की धरो हर वॉलुंग पांडा संरक्षित क्षेत्र है | सछ्वान प्रान्त में रहने वाल पांडों के नज़रिए से यह उपयुक्त स्थान है | पांडों को बचाए रखने के लिए इस क्षेत्र की बुनियाद रखी गई है | मुझे विश्वास है की इस स्थान पर जाकर यह अहसास होगा कि इसके क्रियावान के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास होते रहते हैं | ओर पांडा जाती को हर हाल में मिलता रहे, ताकि इसका अस्तित्व सछ्वान प्रान्त में बना रहे |
सछ्वान की ऐसे जगहों ने मुझे आकर्षित कर दिया जो मैंने कल्पनाओं में की थी | उन्ही कल्पनाओं से सरोवर होकर सछ्वान प्रान्त के सम्बन्ध में, मैं यही कहूँगा कि यहाँ के चौड़े विस्तृत मैदान,कल-कल बहती नदियाँ, झरने ओर सुंदर पहाड़ों से मुझे देवीय आकर्षण महसूस होता है जो मुझे इनकी ओर ल जाता है, जिनका जिक्र मैंने कल्पनाओं के तौर पर किया है |
नीला आकाश मीलों तक फैल पत्तियों व पेड़ों का समूह,नदियों व झरनों पर उठती व गिरती लहरों का मधुर संगीत और सूर्य की रूपहली किरणों का जादू अपनी आलोकिक छठा से यहाँ के पर्यटकों को सरोवार कर देती है | दूर-दूर तक फैली नयन मिराम झीलों का सौदर्य प्रायः हर पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करता है | झील के किनारे पंहुचकर शहरी वातावरण से दूर एकांत व प्राकृतिक दृश्यों को देखकर मन में उत्साह की तरंगे उठने लगती है और काफी हद तक मन का तनाव भी मुक्त हो जाता है | बच्चे हो या व्यस्क, प्रेमी-प्रेमिका सभी झील के किनारे नौका विहार का आनंद लना चाहते हैं |
सछ्वान प्रान्त को प्राकृतिक सौंदर्य का राजा कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी | चांदनी रात में यहाँ का लुभावना स्वरुप देखते ही बनता है | इसे देखने वालों को अहसास होगा कि प्रकृति का आकर्षण किसे कहते हैं |
दोस्तो, अनिल ताम्रकार ने अपने इस आलेख में सछवान प्रांत की सुन्दरता की बड़ी सुन्दर कल्पना की है, जो वहां के वास्तविक वातावरण के बहुत नजदीक है। हम अनिल जी की कल्पना की शक्ति की तारीफ किए बिना नहीं रह सकते। इस सुन्दर आलेख के लिए हम अनिल जी को सहृद्य धन्यवाद देते हैं।