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श्रोताओं के विचार
2010-03-10 16:15:31
मुजफ्फरपुर बिहार के मुकेश कुमार ने अपने इस पत्र में कहा कि मैं सीआरआई का नियमित श्रोता हूं। आप का कार्यक्रम हमारे क्लब सदस्यों के बीच काफी लोकप्रिय है।

आप का पत्र मिला कार्यक्रम 7265 किलोहर्ज पर जो प्रसारित होता है, वह अत्यन्त स्पष्ट था। कार्यक्रम में अनेक श्रोता मित्रों के पत्रों को शामिल किया गया । सभी शामिल किए गए पत्र सराहनीय रहा तथा आप का जवाब देने का अंदाज उत्कृष्ट है। मुझे दीपक कुमार दास जी तथा जसीम अहमद जी के पत्रों ने काफी प्रभावित किया । ये दोनों श्रोता भाई आप के कार्यक्रमों को एक लम्बे अरसे से सुन रहे हैं। मैं उन दोनों श्रोता भाई दीपक कुमार जी और जसीम अहमद जी से नियमित रूप से मिलता हूं तथा चाइना रेडियो इंटरनेशनल के कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करता हूं । एक अच्छी प्रस्तुति के लिए पूरे परिवार को सहृदय धन्यवाद।

साथी ही इस पत्र के माध्यम से आप सबों को वसंत त्योहार के अवसर पर अपने क्लब सदस्यों की ओर से आप को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं। नया साल पूरे हिन्दी परिवार की समृद्धि में सहायक सिद्ध हो।

चीन के नए साल के लिए और हिन्दी परिवार के लिए श्री मुकेश कुमार जी की शुभकामनाओं पर हम उन के बहुत आभारी हैं। श्री मुकेश कुमार भी सी आर आई हिन्दी प्रसारण के नियमित श्रोता हैं और अकसर पत्र लिखते हैं। हमारी आशा है कि इस नए साल में आप और आप के क्लब सदस्य सीआरआई हिन्दी कार्यक्रमों में किए गए नये बदलाव के बारे में अपनी राय और सुझाव पेश करेंगे। जो हमारे कार्यक्रमों के सुधार में ज्यादा सहायक सिद्ध हो सकेगा। साथ ही हम दीपक कुमार दास और जसीम अहमद को भी धन्यवाद देते हैं कि आप दोनों भी हमारे नियमित पुराने श्रोता हैं और अकसर पत्र लिखकर सी आरआई हिन्दी प्रसारण पर अपने विचार लिखकर बताते हैं, जिस से हमारे प्रसारण कार्य में सुधार के लिए मदद मिली है। जसीम अहमद भाई ने 2008 में पेइचिंग ओलंपिक तथा उस से पहले के विभिन्न ओलंपिक के बारे में काफी चर्चा की और अच्छी जानकारी भी दी थी। इस के लिए भी यहां हम उन्हें हार्दिक धन्यवाद देते हैं। और आशा है कि अन्य विषयों के संदर्भ में भी आप और आप के क्लब सदस्य राय और सुझाव देते रहेंगे। हम आप लोगों के नए पत्रों का इंतजार कर रहे हैं।

अब प्रस्तुत है कि गोरखपुर उत्तर प्रदेश के ब्रदी प्रसाद वर्मा अनजान का पत्र। श्री बद्री प्रसाद वर्मा अनजान ने अपने इस पत्र में लिखकर कहा कि आप को कई पत्र लिखा, मगर आप ने हमारे किसी पत्र का जवाब नहीं दिया। हम आप के नाम से वाकिफ है तथा हमें सी आर आई के 40 साल पुराने श्रोताओं में एक हूं। मगर आप लोगों ने नए श्रोताओं के आगे हमें भूला दिया। जिस का हमें अपार गम है।

इधर के आठ सालों से हमारे नाम को भी सभी ने भूल दिया। आप हमारे साथ कभी फोन से इंटरव्यू नहीं लिया। पता नहीं आप को हमारा नाम याद होगा या भूला दिया होगा।

हु मीन भाई, हमारे जैसे एक सक्रिय श्रोता को नजर अंदाज करके गहरा आघात पहुंचाया है। हम दिल्ली से दूर गोरखपुर शहर में रहते हैं ,इस कारण आप से मिल नहीं पाते हैं। आज आप से बातें इस खत के द्वारा कर रहा हूं। उम्मीद है कि हमारे खत का जवाब जरूर देंगे।

आप की रिपोर्टे मैं सी आरआई पर अकसर सुनता हूं। बुहत बढिया लगती है। आप हमें पत्र तथा अपना फोटो जरूर भेजेंगे।

बद्री प्रसाद वर्मा अनजान जी, आप का यह पत्र पढ़कर हमें दुख हुई है कि आप ने इस पत्र में जिस तरह सी आर आई हिन्दी विभाग के हु मीन आदि पर जो शिकायत की है, वह अन्याय है। आप हिन्दी विभाग के बहुत पुराने नियमित श्रोता हैं और अकसर हमें लिखते भी है। इस बात को हम कभी नहीं भूलते। हमारे विभाग में कर्मचारियों की कई बार तब्दीली हुई है, पुराने लोग सेवानिवृत्त होकर रिटायर हुए और नए लोग आ गए और इन सालों में फिर अनेक नए चेहरे और नयी आवाजें आप लोगों के सामने आ गयी है, फिर भी हम पुराने श्रोता मित्रों को कभी नहीं भूलते। पुराने श्रोता मित्रों में आप हैं, चुन्नीलाल केवर्त हैं, दीपक कुमार दास है, मुमरी कृष्णराम सिंह किसान है, बलवीर सिंह है, हेम सागर नाएक हैं, सुनील केशरी है, उमेश कुमार है, कौशलेश्वर कुमार वर्मा है, पी सी गुप्ता है, काल्क प्रसाद कीर्ति प्रिय है, प्रदीप मिश्रा है, परस राम श्रीवास है, कृष्ण कुमार जयसवाल है, राम कृष्ण प्रसाद है, आदि आदि, वे लम्बे अरसे से सी आर आई हिन्दी प्रसारण सुनते आए हैं और पत्र लिखकर भेजते हैं। वर्तमान में भी वे आप की ही तरह सी आर आई सुनते रहते हैं और समय समय पर खत लिखकर भेजते हैं। हम आप और इन पुराने श्रोता मित्रों को कभी नहीं भूले, हमारे पुराने कर्मचारी रिटायर होकर चले गए, लेकिन जो नए आए हैं, वे भी पहले की ही तरह पुराने श्रोता मित्रों को पत्र व सामग्री भेजते रहते हैं और उन के पत्र कार्यक्रम में शामिल करते हैं । सी आर आई आयोजित ज्ञान प्रतियोगिता में पुरस्कार जीतने के लिए मदद करते हैं और जब मौका मिला, तो उन्हें पेइचिंग बुलाते हैं। इधर के सालों में सी आर आई की ज्ञान प्रतियोगिताओं में विश्व के विभिन्न देशों व क्षेत्रों में अनेकों ईमानदार श्रोता मित्रों को चीन की मुफ्त यात्रा के लिए आमंत्रित किये गए है। जिन में हमारे हिन्दी विभाग के पुराने व नियमित श्रोता शामिल थे। यह बात हमारे श्रोताओं ने रेडियो प्रसारण से जरूर सुनने को मिली है। लेकिन हमारे श्रोताओं की संख्या अधिक है, नियमित व पुराने श्रोताओं की संख्या भी कम नहीं है। सबों को पेइचिंग में बुलाना असंभव है। हम पत्ते की बात कहते हैं कि इसलिए जो श्रोता मित्र एक बार चीन की मुफ्त यात्रा के लिए आमंत्रित किया गया था, उन्हें दोबारा बुलाने की संभावना जरूर कम है। हम समझते हैं कि आप को हमारी इन बातों का मतलब अपनी समझ में आ सकता है। और अपने पत्र में इस पहलु में ज्यादा शिकायत मत करेंगे। वास्तव में आप जानते हैं कि हम आप को नहीं भूले, बल्कि आप को पेइचिंग बुलाना आसान नहीं है, क्योंकि श्रोताओं को ज्ञान प्रतियोगिता में विशेष पुरस्कार देने का अधिकार सी आर आई प्रतियोगिता निमायक कमेटी के हाथ में है। नकि किसी भाषा विभाग में । आशा है कि आप हमारी मजबूरी समझेंगे और हमारे हिन्दी प्रसारण सुनते रहेंगे और सीआरआई हिन्दी कार्यक्रमों के बारे में अपनी राय व सुझाव देते रहेंगे। इसके लिए हम आप के आभारी हैं।

अब है रामपुराफुल पंजाब के बलवीर सिंह का पत्र। श्री बलवीर सिंह ने अपने पत्र में कहा कि यह जानकर दुख हुआ कि उत्तर चीन में हो रही भारी बर्फबारी के कारण ह पै प्रांत के एक स्कूल की कंटीन की छत्त गिरने से 8 बच्चे मारे गए और 28 घायल हो गए। पता चला है कि पिछले 54 सालों के दौरान इतनी भारी बर्फबारी वहां पहली बार हुई थी। प्रशासन ने प्रांत की राजधानी शिचाज्वांग के सभी स्कूल तीन दिन तक बंद कर दिए। अधिकारियों के अनुसाह यह घटना लौंग फांग एलीमैंटरी स्कूल में हुई है। अब सुरक्षा की दृष्टि से सभी स्कूलों की इमारतों की जांच की जा रही है। पेइचिंग के आसपास तथा शानसी, ल्याओ निंग व ह पै के मुख्य मार्गों पर 30,000 से अधिक वाहन बर्फ में फंस गए । इस बर्फबारी के मौसम में पेइचिंग के अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दो सौ उड़ानें रद्द की गयी थी क्यों कि पेइचिंग में बर्फबारी तूफानों का मौसम बन गया था।

बलवीर सिंह को धन्यवाद कि आप को इस साल सर्दियों के दिन में चीन के उत्तरी भाग में आयी बर्फबारी से हुए नुकसान पर दुखी हुई है। उस बर्फबारी की हालत की विस्तृत चर्चा की है। दरअसल, इस साल के सर्दियों में अमेरिका, यूरोप और चीन के कुछ स्थानों में अभूतपूर्व बर्फबारी हुई और बर्फीली तूफान चले, जिस से लोगों के जीवन और यातायात आदि पर भारी नुकसान पहुंचा। प्राकृतिक विपत्तियों से पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूति प्रकट करना मानवता की झलक है।

अब प्रस्तुत भोजपुर आरा बिहार के राघोराम का पत्र। श्री राघोराम ने अपने पत्र में लिखकर कहा कि रात्रिकालीन प्रसारण यु टी सी समयानुसार 16.00 से 16. 57 तक 7395 किलोहर्ज पर साफ, सुन्दर और बेहतर था। विश्व समाचार की प्रस्तुति के बाद पसंदीदा साप्ताहिक कार्यक्रम आप की पसंद थी, जिसे राकेश जी ने अपने स्वर में उद्घोषिका साथी के साथ प्रस्तुत किया। यह कार्यक्रम बेहद मनोरंजक तथा कर्णप्रिय है। इस कार्यक्रम में प्रस्तुत गानें बेहद अनमोल खजाने से निकाली गयी प्रतीत होती थी। इस कार्यक्रम में प्रस्तुत गानें काफी अच्छी लगीं। इसके लिए आप सभी को धन्यवाद। इस के बाद राकेश जी और शाओथांग जी ने प्रस्तुत की है वह कार्यक्रम अपनी मातृभाषा में चीनी भाषा सीखिए, इस कार्यक्रम में पार्टी में देर हो जाने पर आप घर वापस लौटना चाहते हैं , तो आप मेजबान से कहेंगे वाक्य के लिए चीनी भाषा सिखायी गयी है, जो चीनी भाषा सीखने में काफी मददगार है।

यह भागलपुर बिहार के इजराइल कस्तूरी, निकाइल अंसारी और इसराइल अंसारी का पत्र । इजराइल कस्तूरी और साथियों ने अपने पत्र में कहा कि कई लोग यह कहते दिखे जाते हैं कि रविवार अवकाश का दिन है, तो इस अवसर पर खूब आराम और मौज मस्ती किया जाना चाहिए । मेरी सुनें तो मैं तो सिर्फ यही कहूंगा कि हमारे लिए रविवार सी आर आई से मित्रवत संबंध को प्रगाढ़ बनाने के लिए आता है।

रविवार को हमारे क्लब में सदस्यों व अतिथियों को आमंत्रित कर एक मीटिंग का आयोजन किया जाता है तथा कार्यक्रम पर जोरदार, गर्मागर्म बहस होती है। कार्यक्रम की गुणवत्ता तथा इसे लोकप्रिय बनाने के लिए तौर तरीके पर बातचीत की जाती है। कुलमिलाकर रविवार का दिन हम लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन का प्रयोग हम लोग सी आर आई के लिए काफी खुश होते हैं। आप से अनुरोध है कि रविवार को कोई मित्रवत संबंध को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम को आरंभ करें।

इजराइल कस्तूरी और साथियों को धन्यवादा है कि आप लोग हर रविवार को सी आर आई कार्यक्रम सुनते हैं और उस पर चर्चा करते हैं। इस के अलावा कार्यक्रम पर सुझाव के लिए भी आप को धन्यवाद।

आप लोगों ने पत्र के साथ यह सवाल पूछा है कि चीन की प्रथम खेल पदक जीतने वाली महिला खिलाई कौन है तथा यह इनाम उन्हें कब मिला था?

भाइयो, चीनी महिला खिलाड़ियों का लोहा विश्व भर में माना जाता है। चीन वर्तमान में विश्व का एक शक्तिशाली खेल देश है। चीनी खिलाड़ियों ने ओलंपिक और विभिन्न अन्तरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं, चीन को खेल में इस प्रकार की शोभा देने में महिला खिलाड़ियों का योगदान पुरूष से अधिक है। चीनी महिला खिलाड़ियों का योगदान हमेशा चीनियों की याद में बना रहेगा। सन् 1958 में चीन की महिला ऊंची कूद खिलाड़ी सुश्री तङ फङ रोंग ने विश्व पथ-मैदान खेल प्रतियोगिता में 1. 77 मीटर लांग कर इस इवेंट के विश्व रिकोर्ड को तोड़ा और चीन के लिए विश्व में महिला वर्ग का प्रथम स्वर्ण पदक जीता। इस के बाद 1961 में चीनी महिला टेबिल टेनिस खिलाड़ी सुश्री च्यो चुंग ह्वी ने 26 वीं विश्व टेबिल टेनिस चैम्पिनशिप में महिला वर्ग के एकल इवेंट का स्वर्ण पदक जीता । ओलिंपिक में चीन ने देर से भाग लेना शुरू किया था। 1984 में चीन ने पहली बार ओलंपिक खेलों में भाग लिया। उसी साल लॉस अजेंल्स में आयोजित 26 वें ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में चीनी महिला निशानेबाजी खिलाड़ी सुश्री वु शाओ श्वान ने महिला स्टैंडर्ड राइफल शूटिंग में स्वर्ण पदक प्राप्त किया, यह ओलंपिक खेल में चीनी महिला खिलाड़ी का प्रथम स्वर्ण पदक है। इस के बाद चीनी महिला खिलाड़ियों ने ओलंपिकों और अन्य अन्तरराष्ट्रीय खेलों में लगातार स्वर्ण, रजत और कांश्य पदक शुमार किए हैं। इस प्रकार की स्थिति अन्य देशों में नहीं देखने को मिलती है।

गाजीपुर उत्तर प्रदेश के विजय कुमार गुप्ता ने पूछा है कि चीन का भौगोलिक विस्तार कितना है, तथा चीन की जलवायु कैसी है, चीन किस जलवायु कटिबंध में पड़ता है?

विजय कुमार गुप्ता जी, चीन एक विशाल देश है, जिस की भूमि 96 लाख वर्ग किलोमीटर है और विश्व रूस व कनाडा के बाद तीसरे स्थान पर है। इतनी विशाल भू-भाग पर चीन की भू-स्थिति काफी विविध और जटिल है। चीन में विश्व की सब से ऊंची पर्वत चोटी यानी हिमालय की चुमलांगमा चोटी है, विश्व की तीसरी बड़ी नदी यांगत्सी नदी तथा विश्व की पांचवीं बड़ी नदी पीली नदी है। चीन में विश्व का चौथा बड़ा गोबी रेगिस्तान है। चीन का तूरूफान बेसिन समुद्र-तल से भी नीचा है और सछवान बेसिन विश्व में मशहूर है। चीन का पमीर और छिंगहाई- तिब्बत पठार विश्व में सब से ऊँचा है। पूर्वी चीन के तीन विशाल मैदान देश के अनाज उत्पादन केन्द्र है और चीन के सिन्चांग व भीतरी मंगोलिया में विशाल घास मैदान पर मवेली पालन केन्द्र है। चीन में विश्वविख्यात जंगल है जो तिब्बत स्वायत्त प्रदेश, युन्नान-क्वीचो पठार पर और उत्तर पूर्व चीन के हेलुंगचांग प्रांत में है। चीन के पूर्वी व दक्षिण भाग में विशाल समुद्र है और समुद्र में चीन का थाइवान द्वीप जग-मशहूर है।

विशाल भूमि वाले चीन में जलवायु भी विविध है, यहां शीतकटिबंध प्रदेश है, शीतोष्ण कटिबंध प्रदेश है, अर्ध उष्णकटिबंध प्रदेश है। उत्तर पूर्व चीन के हेलुंगचांग प्रांत में सर्दियों में जब तापमान शून्य से नीचे तीस चालीस डिग्री तक पड़ सकता है, तब दक्षिण चीन के क्वांग तुंग प्रांत में तापमान शून्य से ऊपर बीस डिग्री से अधिक होता है। पश्चिम चीन में भूमि ऊंची है, वहां ऊंचे ऊंचे पर्वत हैं और पठार हैं, तो पूर्वी चीन में भूस्थिति नीची है, वहां समतल मैदान और टीले उपलब्ध है। चीन के समुद्र प्रशांत सागर से जुड़े हुए है और वहां बहुत से छोटे बड़े द्वीप मिलते हैं। चीन के सब से बड़े द्वीप थाइवान में उष्णकटिबंध व अर्ध उष्णकटिबंध मौसम मिलता है। विशाल चीन की थल सीमा 22 हजार किलोमीटर है और कुल समुद्र-तटीय सीमा 32 किलोमीटर है, जिस में मुख्य भूमि की समुद्रतटीय सीमा 18 हजार और द्वीपों की कुल तटीय सीमा 14 हजार किलोमीटर है।

तो विजय कुमार गुप्ता जी, आप के सवाल का इतना विस्तार से जवाब दिया गया है। आशा है कि आप इस प्रकार के जवाब पर संतुष्ट होंगे।

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