अब आप के सामने है इसरी बाजार बिहार के सुनिल कुमार जैन का पत्र । उन्हों ने कहा कि हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि नव वर्ष में आप का और हमारा संबंध यूं ही प्रगाढ़ होता जाएगा । एवं आप हमें नयी जानकारी के साथ साथ भारत चीन मैत्री के संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे ।
लगभग पिछले 20 वर्षों से आप के साथ संबंध दिन पर दिन मजबूत ही हुआ है । आपने हमारे बारे में हमारे पत्रों के बारे में , हमारे विचारों के बारे में पूरा न्याय किया है , साथ ही उचित सम्मान भी किया गया है , जो हमारे लिए गौरव की बात है । हम अपने विचारों को कोरे कागज पर उतार कर आप तक पहुंचाते हैं , पर उन विचारों को आपने पूरा सम्मान दे कर हमारा मान ही बढ़ाया है ।
समय समय पर जानकारी से परिपूर्ण ज्ञानवर्धक प्रश्न प्रतियोगिताओं के द्वारा आप ने बहुत बड़ा श्रोता वर्ग तैयार किया है , जो आप की बहुत ही बड़ी उपलब्धि है , श्रोताओं के पत्र एवं प्रश्नों के उत्तर बहुत ही शालीनता के साथ दे कर उन के मन में सीधे जगह बना लेते है , आशा है कि भविष्य में भी आप हम श्रोताओं के साथ हृद्य से जुड़े रहेंगे ।
वर्ष 2007 के लिए हमारे श्रोता भाई सुनिल कुमार जैन ने बड़े अरमान से भरा पत्र लिख कर सी.आर.आई के हिन्दी परिवार और श्रोता मित्रों के वर्षों से स्थापित घनिष्य संबंधों के और प्रगाढ़ होने की आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास भी व्यक्त किया है । हम हमेशा यह मान कर चलते हैं कि हमारे श्रोता बहन भाई हमारे प्रसारण कार्य के प्रबल समर्थक ही नहीं है , और हमारे बिरादराना भाई बहन तूल्य भी हैं । वर्षों से हम दोनों पक्षों के बीच कायम दोस्ती किसी मामली किस्म की दोस्ती नहीं है , इस प्रकार की दोस्ती में पारस्परिक विश्वास भी है , आदर सम्मान भी है और एक दूसरे के समर्थन की भावना भी । हमें पक्का विश्वास है कि हमारी जैसी दोस्ती चिरस्थाई बनी रहेगी और अच्छी विकसित होगी ।
अब प्रस्तुत है बाराबंकी उत्तर प्रदेश के दान सिंह वर्मा का पत्र । दान सिंह वर्मा जी ने पत्र में कहा कि मैं आप के प्रोग्राम की सभा नियमित रूप से सुन रहा हूं , और नियमित रूप से पत्र लिख भी रहा हूं । शायज बाराबंकी जिले से लिस्नर्स क्लब का पहला पत्र हो , पर विश्व में सी .आर .आई सर्विस बहुत अच्छी लगती है , पत्र तो बहुत जगह लिखता हूं , पर अपने घर का पत्र लिख रहा हूं , तो सोच कर सी .आर .आई पत्र लिखता हूं । क्योंकि सी .आर ,आई विश्व में एक ऐसा स्टेशन है , जो श्रोताओं के साथ अन्याय नहीं करता व एक नजर से हर श्रोता को देखता है । वंकत भैया और शाओथांग दीदी की बातचीत से लगता है कि कोई घर का आदमी हाल चाल ले रहा है । विश्व में किसी रेडियो सर्विस पर पत्र पढ़ने से पहले श्रोता के हाल चाल पर कोई नजर नहीं डालता है , पर सी .आर .आई ऐसा स्टेशन है , जो हर श्रोता का हाल चाल जरूर पूछता है और इसी प्रश्न का जवाब देते हुए मैं अवश्य बताता हूं कि मैं बिलकुल ठीक हूं , आशा करता हूं कि आप भी ठीक होंगे।
दान सिंह वर्मा भाई ने सी .आर .आई के हिन्दी परिवार को अपना घर समझ कर पत्र लिख कर भेजा है , उन की यह आत्मीय भावना बहुत हृद्यस्पर्शी है और इस के लिए हम उन के बहुत आभारी है कि आप हमें कोई पर लोग नहीं समझते हैं । हमें विश्वास है कि सी .आर .आई हिन्दी परिवार और विभिन्न श्रोता बहनों व भाइयों की दोस्ती दिनोदिन मजबूत होती जाएगी ।
दान सिंह वर्मा भाई ने सी .आर .आई के कार्यक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप के प्रोग्राम सांस्कृतिक जीवन के तहत फिल्म की जानकारी में चांग चांगखांग की बातों व जीवन पर एक रिपोर्ट काफी अच्छी लगी । एवं चीनी अल्पसंख्यक जाति में उत्तर पश्चिम में फूखान शहर के छांचुखो वादी पर एक रिपोर्ट पर वहां पहले गरीबी की कितनी बातें थी , पर अब लिप्त हो कर अमीरी के रूप में बदल गयी और पलहे के फटे तंबू में खुद रहते थे , अब अच्छे अच्छे तंबू व घर उपलब्ध कराते हैं । चीनी लोग काफी मेहनत से बड़े बनते हैं , जानकारी बहुत अच्छी लगी ।
आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के मुहम्मद अजमल अजहरी का पत्र । उन्हों ने पत्र में कहा कि मैं और मेरे क्लब के सभी लोग रोज सी .आर .आई का हिन्दी कार्यक्रम ध्यान एवं शौक से सुना करते हैं , दीदी जी , आप के सभी कार्यक्रम रोचक एवं लाभदायक होते हैं । दिल्ली में आप के संवाददाता श्री वितुंग जी की भेजी हुई खबर अच्छी लग रही है । दी दी जी , आप दिल्ली में श्रोता मीटिंग कब बुला रहे है , जरूर बताएं ।
मुहम्मद अजमल अजहरी जी , अभी मैं आप को नहीं बता सकती हूं कि दिल्ली में कब श्रोताओं का सम्मेलन होगा , लेकिन यह जरूर है कि एक न एक दिन जरूर आयोजित किया जाएगा । जब इस का आयोजन होगा , तो हम जरूर घोषित करेंगे ।