चुन्नीलाल कैवर्त जी, चू शी(朱熹)प्राचीन चीन के दक्षिण सोंग राजवंशकाल(南宋) के दार्शनिक, शिक्षाविद और साहित्यकार थे। उस का जन्म चीन के वर्तमान चांग सी प्रांत के हु युन में हुआ । सन् 1148 में चू शी ने तत्कालीन शाही अधिकारी परीक्षा में उत्तीर्ण हो कर सरकारी पद प्राप्त किया था। लेकिन बाद में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए उस ने सरकारी पद से इस्तीफा दिया। सन् 1163 और 1178 में वे दो बार शाही दरबार के प्रधान मंत्री के पद पर नियुक्त किए गए, किन्तु दोनों बार राजनीतिक मतभेद के कारण अल्प समय में ही पद से बर्खास्त किये गए। अपने जीवन काल में चू शी 9 सालों तक सरकारी पद पर रहे थे और दरबार में सिर्फ 40 दिन तक टिके थे। इतनी कम अवधि के सरकारी कामकाज में उस ने कड़े कदम उठाकर तत्कालीन भ्रष्टाचार का विरोध करते हुए भ्रष्ट पदाधिकारियों पर करारा प्रहार किया और विपत्तियों में फंसी प्रजा उद्धारने की कोशिश की। उत्तर चीन के चिन राजवंश के दक्षिण सोंग राजवंश पर आक्रमण का दृढ़ विरोघ करने की रणनीति अपनायी।
अपनी जिन्दगी में चूशी ने मुख्यतः शिक्षा के विकास और दर्शन शास्त्र पर अध्ययन किया। दर्शन शास्त्र पर चू शी ने सामंती काल के कन्फ्यूशियसवाद का विकास किया और सामंती शासन के लिए दार्शिनक सिद्धांत पेश किया, जो बाद के युन, मिंग और छिंग राजवंशों के शासन के नीतिगत सिद्धांत बने। चू शी ने थांग राजवंश के कन्फ्यूशियसवादी छङ हो और छङ ई (程颢,程颐)के नीति शास्त्र को विरासत में ग्रहण कर उसे विकसित किया और एक संपूर्ण वस्तुगत आदर्शवाद सिद्धांत कायम किया, जो बाद में सामंती शासक वर्ग का औपचारिक दर्शन शास्त्र बना और इस का चीन की विचारधारा पर सदियों लम्बा नकारात्मक प्रभाव पड़ा और युन, मिंग और छिंग राजवंशों के सामंती शासन को मजबूत करने में प्रबल वैचारिक भूमिका अदा की गयी थी । महिला वर्ग के लिए उस ने जो नीतिगत सिद्धांत बनाये थे, जिस से बंधी चीनी महिलाएं सदियों से दलित और शोषित रही थी ।
चू शी ने प्राचीन चीन के शिक्षा व साहित्य के विकास में बड़ा काम किया था। उस ने बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को दाखिला दिया और चीन के मशहूर प्राचीन विद्यालय यानी यो लु (岳麓)विद्यालय का विकास व विस्तार किया । उस ने प्राचीन काव्य के बारे में कुछ अच्छी विचारधारा पेश की थी और कुछ प्राचीन कवियों के बारे में सही समीक्षाएं की थीं। चू शी की बहुत सी कविताएं और साहित्यिक रचनाएं भी श्रेष्ठ हैं। विश्व सांस्कृतिक इतिहास में चूशी की अकादमिक विचारधारा अहम प्रभाव रखती है । चूशी की अनेक रचनाएं मशहूर हैं जिन में कन्फ्यूशियसवादी चार मुख्य रचनाओं पर समीक्षाएं, चू ची की सुक्तियां( 朱子语类), चो ई मंत्र- दर्शन का मूल सिद्धांत (周易本义)आदि शामिल हैं। चू शी ने चीन के ताओ धर्म के सिद्धांत का भी विकास किया था ।
खरियार रोड उड़ीसा के हेम सागर नाएक ने पूछा है कि चीन में कितनी प्रतिशत लोग खेती करते हैं, कितने मजदूर काम करते हैं?और चीन में कौन कौन से देश के लोग रहते हैं ?
हेम सागर नाएक जी, चीन में हर दस साल में एक बार जनगणना होती है। अगली राष्ट्रीय जनगणना अगले साल में होगी। 2005 में चीन के राष्ट्रीय ग्रामीण विकास कार्यक्रम में बताया गया है कि चीन की कुल जन संख्या एक अरब 29 करोड़ 22 लाख 70 हजार है, जिस में से 93 करोड़ 75 लाख गांवों में रहते हैं। वे किसान वर्ग में आते हैं, पर सभी खेती नहीं करते हैं। बहुत से ग्रामीण लोग अब पशुपालन, मत्स्य पालन, ग्रामीण उद्योगों, व्यापार और सेवा उद्योग में काम करते हैं। चीन में खुले द्वार और सुधार नीति लागू होने के बाद किसान भी कृषि उत्पादन से बंधे नहीं रहे, वे अपनी मर्जी से काम करने के लिए स्वतंत्र हैं।
संबंधित आंकड़ों के मुताबिक इस समय चीन में मजदूर वर्ग में करीब 40 करोड़ लोग मजदूरी करते हैं, जिन में से दस करोड़ शहरों में काम करते हैं और कोई 30 करोड़ गांवों से आने वाले मजदूर हैं, जो ग्रामीण उद्योगों, कस्बों व शहरों के उद्योगों में काम करते हैं।
हेम सागर नाएक जी, चीन में खुले द्वार और सुधार की नीति लागू होने के बाद चीन का द्वार पूरी तरह विदेशियों के लिए खुला है। फिर दुनिया में वैश्विकीकरण के चलते लोग आसानी से आवाजाही कर सकते हैं। इधर के सालों में बेशुमार विदेशी लोग चीन आते जाते हैं। आरंभिक आंकड़ों के मुताबिक इन सालों में हर साल कई करोड़ विभिन्न कामों के लिए चीन आते और जाते हैं। 2008 में चार करोड़ लोग दुनिया के विभिन्न स्थानों से चीन आ जा चुके थे। इस के दौरान बहुत से विदेशी लोग चीन में स्थाई या अस्थाई रूप से रह गये। मोटे तौर पर अब कोई 2 लाख 30 हजार लोग चीन में रहते हैं, जिन में चीन सरकार से औपचारिक रूप से आवास अनुमति मिले लोगों की संख्या तीन हजार से ज्यादा है। चीन में स्थाई और अस्थाई रूप से रहने वाले लोगों में एशिया, दक्षिण एशिया, अफ्रीका, अमरीका और यूरोप के अनेक देशों के हैं। वर्तमान में चीन में बसे विदेशी लोगों में दक्षिण कोरिया के लोग सब से ज्यादा है। एक आंकड़े के अनुसार इस समय चीन में करीब दस लाख दक्षिण कोरियाई लोग रहते हैं, पेइचिंग में कोई एक लाख, छिंगताओ में 70 हजार और शांगहाई में 50 हजार हैं। वे सब चीनियों के साथ घुलमिल कर रहते हैं।