पटना बिहार के संदीप कुमार ने अपने पत्र में कहा कि मैं चाइना रेडयो इंटरनेशनल का नियमित श्रोता हूं एवं प्रायः ज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेता हूं। मैं प्रत्येक वर्ष ज्ञान प्रतियोगिता में सी आर आई से गिफ्ट प्राप्त करता हूं इसकेलिए मैं चाइना रेडियो इंटरनेशनल का आभारी हूं। चाइना रेडियो के कार्यक्रम एवं टिप्पणियां काफी रोचक होते हैं।
श्रोता वाटिका के 21 वें अंक में प्रकाशित सी आरआई हिन्दी विभाग के द्वारा अपनी 50वीं जयंती की रिपोर्ट काफी लोकप्रिय थी। सीआरआई डायरेक्टर वांग कङ न्यान ने सीआरआई हिन्दी सेवा द्वारा पिछले 50 सालों में प्राप्त उल्लेखनीय उपलब्धियों एवं चीन स्थित भारतीय राजदूत सुश्री निरूपमा राव का बधाई संदेश एवं अन्य बिन्दुओं पर टिप्पणियां काफी रोचक थी।
हिन्दी विभाग की प्रधान सुश्री यांग यीफङ का भाषण संदेश काफी रोचक था क्योंकि सुश्री यांग ने काफी लम्बे समय से सी आरआई के लिए योगदान किया है । सीआरआई हिन्दी वेबसाइट पर भारत और चीन के मैत्री संबंधों पर विशेष जानकारी का विशेष योगदान सुश्री यांग यीफङ को जाता है।
सीआरआई के इतिहास और महत्वपूर्ण तस्वीरों को मैं ने बहुत ध्यान से देखा और कल्पना की कि पूर्व के विशेषज्ञों के कारण एवं श्रोताओं के विश्वास के कारण सी आरआई अन्य रेडियो केन्द्रों से बिलकुल आगे है।
अब है कोआथ बिहार के राकेश रौशन का पत्र। श्री राकेश रौशन हमारे पुराने और नियमित श्रोता हैं। उन्हों ने समय समय पर पत्र लिखकर अपनी रायें भेजी हैं। उन्हों ने अपने इस पत्र में कहा कि सी आरआई को मैं करीब बीस वर्षों से सुन रहा हूं, इन बीस वर्षों के अन्तराल में सीआरआई के हिन्दी कार्यक्रम में काफी फेरबदल हुआ है। सच कहे तो वर्तमान समय में सीआरआई अपने पूरे शबाब पर है। सी आरआई से प्रसारित कार्यक्रम की रोचकता बरबस अपनी ओर आकर्षित कर लेते हैं।
कार्यक्रम को आकर्षक एवं रोचक बनाने में उद्घोषक भाई-बहनों का काफी योगदान रहता है जिस के लिए वे बधाई के पात्र हैं।
सीआरआई के हिन्दी कार्यक्रम को मैं काफी नजदीक से देखा और परखा है। इसके सभी कार्यक्रम रोचक एवं लाजवाब होते हैं। सीआरआई द्वारा चीन के बारे में ढेर सारी जानकारियां दी जाती हैं। सच पूछिए तो सीआरआई चीनी जानकारी का खजाना है। कृषि, सभ्यता संस्कृति, रहनसहन, इतिहास और जातियों इत्यादि के बारे में हमें विस्तृत एवं अनोखी जानकारी प्राप्त होती हैं।
सीआरआई हिन्दी कार्यक्रम पर इतनी सटीक और अच्छी टिप्पणी के लिए हम श्री राकेश रौशन को कोटि कोटि धन्यवाद देते हैं। हम आप के नए नए पत्र का इंतजार कर रहे हैं।
अब है धनबाद बिहार के रीतिका सुमन का पत्र। सुश्री रीतिका सुमन ने अपने पत्र में कहा कि मैं ने अभी अभी सीआरआई का हिन्दी प्रसारण सुनना आरंभ किया है। मैं आप को पहली बार पत्र लिख रही हूं। मुझे सीआरआई का हिन्दी प्रसारण सुनने की प्रेरणा अपनी पिताजी से मिली। हमारे पिता जी सीआरआई का हिन्दी प्रसारण काफी सालों से सुनते आ रहे हैं। मुझे सी आरआई से प्रसारित समाचार, सामायिक वार्ता, आप का पत्र मिला, आप की पसंद, चीनी अल्पसंख्यक जातियां, चीनी बोलना सीखें आदि कार्यक्रम बहुत ही रोचक, ज्ञानवर्धक व जानकारीपूर्ण लगता है। मैं अपने कम्प्युटर पर सीआरआई की हिन्दी वेबसाइट भी बराबर देखती रहती हूं , इस वेबसाइट पर मुझे बहुत सारी नयी नयी जानकारी मिलती है।
रीतिका सुमन बहन, हम तुम्हारा सी आरआई के एक नये श्रोता के रूप में हार्दिक स्वागत करते हैं। हमें पक्का विश्वास है कि तुम आगे नियमति रूप से सीआरआई हिन्दी प्रसारण सुनती रहेगी और चीन के बारे में अधिक जानकारी व समझ प्राप्त करेगी, जिस से तुम्हारे और हिन्दी परिवार के बीच मित्रता कायम रहेगी । तुम्हारे नए पत्र का हम इंतजार कर रहे हैं।
अब प्रस्तुत है गौतमी नगर आंध्र प्रदेश के राम कृष्ण प्रसाद का पत्र। श्री राम कृष्ण प्रसाद ने अपने इस पत्र में कहा कि सीआरआई के हिन्दी कार्यक्रमों में सब से पहले विश्व भर का ताजा समाचार और अन्य रिपोर्ट। श्रोताओं का मनपसंदिदा कार्यक्रम आप की पसंद है, जिस में हिन्दी फिल्मी गाने श्रोताओं के अनुरोध पर प्रसारित होते हैं, सुनकर बहुत ही अच्छा लगता है। चीनी भाषा कार्यक्रम सुनकर अच्छा लगा । आप के हर कार्यक्रम बहुत ही विज्ञानदायक और ज्ञानवर्धक है। आप के कार्यक्रमों में नवीनता लाने की आप की कोशिश बहुत सराहनीय है ।