सब से पहले कोव्वूरू आंध्र प्रदेश के राम कृष्ण प्रसाद का पत्र । उन्हों ने कहा कि मुझे सी .आर .आई के हिन्दी विभाग के सभी कार्यक्रम बहुत पसंद हैं । आप के कार्यक्रमों में विविधता लाने का प्रयास बहुत ही सराहनीय है , आप के कार्यक्रम हर दिन साफ सुनाई पड़ते हैं।
हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा है , इस का प्रचलन और प्रसारण करने के लिए सी .आर .आई के हिन्दी विभाग को हमारा धन्यावाद । सी .आर.आई के हिन्दी विभाग द्वारा हिन्दी की संकल्पना अत्यन्त व्यापक और महत्वपूर्ण है । भारत चीन मैत्री वर्ष हो रहा है , हमारे दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक व वैज्ञानिक तकनीकी आदान प्रदान हो रहा है । भारत चीन दोनों विश्व के प्राचीन सभ्यता व परम्परा युक्त देश हैं , इन के बीच आर्थिक व्यापारिक आवाजाही एवं पारस्परिक सहयोग और आगे बढ़ेंगे ।
अब आप के सामने है ढोली सकरा बिहार के दीपक कुमार दास का पत्र , इस समय हमारे पास दीपक कुमार दास के अनेक पत्र है , इतने पत्र भेजने के लिए हम उन के बहुत आभारी हैं , हम चाहते हैं कि उन के पत्र ज्यादा से ज्यादा कार्यक्रम में शामिल करें , लेकिन समय की कमी को देखते हुए आज उन के एक पत्र के कुछ अंश को शामिल करेंगे , आशा है कि आप इस प्रबंधन पर भी संतुष्ट होंगे ।
श्री दीपक कुमार दास ने अपने पत्र में सी .आर .आई के कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए कहा कि आज का तिब्बत के अन्तर्गत श्री नाराय शाउथ से भेंटवार्ता में तिब्बक के विकास एवं संस्कृति पर चर्चा रोचक एवं सार्थक था । चीन सरकार ने तिब्बत के चतुरमुखी विकास के लिए बहुत से कार्य योजना बनायी है । साथ ही तिब्बत के सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा पर भी विशेष काम कर रही है । इस का प्रमाण सारे विश्व को दिखाने को मिला है । दुनिया का सब से ऊंचा रेल मार्ग छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग , जो आधुनिक तिब्बत का मूल्यवान धरोहर है , उस के द्वारा तिब्बत के सुदूर पहाड़ी क्षेत्र में सीधी आवाजाही हो गयी है । आयात निर्यात से तिब्बत का आर्थिक विकास हो जाएगा । शिकाजे प्रिफैक्चर में काफी कार्य हुआ . वहां विशेष कर पर्यटन के लिए काफी आधुनिक होटल व रेस्तरां बनाये गए ।
चीन की अल्प संख्यक जाति कार्यक्रम के अन्तर्गत सिन्चांग की सुन्दरी कुलबीया की कला प्रतियोगिता पर आलेख दिलचस्प एवं सार्थक था । कुलबीया की बड़ी मेहनत तथा कला भक्ति से उस ने कला प्रतियोगिता में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर दर्शकों और व्यवस्थापकों को प्रभावित कर दिया है ।
अब बिलासपुर छत्तीसगढ़ के चुन्नी लाल कैवर्त के पत्रों से चुने गए कुछ अंश । श्री चुन्नी लाल कैवर्त हमारे पुराने नियमित श्रोता हैं , वे दशकों से सी .आर .आई के हिन्दी प्रसारण सुनते आये हैं और समय समय हमें अच्छे और सार्थक पत्र लिख कर भेजते हैं । हम उन की इस सक्रियता के लिए उन के बहुत बहुत आभारी हैं । श्री चुन्नी लाल कैवर्त ने अपने एक पत्र में कहा कि वर्ष 2006 चीन भारत मैत्री वर्ष है , वास्तव में चीन भारत संबंध नयी मंजिल पर है और इस मैत्रीपूर्ण संबंधों को और गहरा बनाने के लिए दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण अनेक गतिविधियां आयोजित की गयी थीं । इस महोत्सव में सी .आर .आई ने भी महत्वपूर्ण और सार्थक भूमिका निभायी । सी .आर.आई हिन्दी सेवा तो भारत चीन के बीच मैत्री पुल का एक बहुत बड़ा निर्माता है , इन सब मैत्रीपूर्ण गतिविधियों की जानकारी हम श्रोताओं तक पहुंचायी , इस के लिए हम सी .आर आई को हार्दिक धन्यावाद देते है ।
चुन्नीलाल केवर्त ने अपने एक पत्र में कहा कि आप के द्वारा साप्ताहिक कार्यक्रम सिन्चांग का दौरा मुझे और कल्ब के सभी सदस्यों को बेहद पसंद है और इसे हम प्रारंभ से ही प्रति सप्ताह नियमित रूप से सुनते आ रहे हैं , इस कार्यक्रम में हमें चीन की ग्रामीण संस्कृति की आकर्षक झलक देखने को मिलती है , जो कि हमारे ग्रामीण जीवन से काफी मिलती जुलती है , इस कार्यक्रम को हमारे गांव के लोग बड़े चाव से ध्यानपूर्वक सुनते हैं और बड़ी प्रशंसा भी करते हैं ।
आगे कोआथ बिहार के सुनील केशरी का एक पत्र । उन्हों ने अपने इस पत्र में कहा कि पिछले दिनों तीन मार्च को श्री हु मिन भैया जी से तेलीफोन उद्योग के विकास पर एक लेख प्रसारित किया गया , जो साबित करता है कि चीन में 40 करोड़ तेलीविजन लोगों के पास हैं तो वही एक अरब बीस करोड़ दर्शक भी हैं । वाकई में यह संख्या सब से अधिक है , कही से भी चीन से टक्कर देने वाला कोई देश नहीं होगा । चीन का तेलिविजन परियोजना का देन है , जो हर गांव में तेलीविजन सुविधा मुहैया करायी जा रही है और इस में दस अरब य्वान का खर्च हुआ तथा चीनी सरकार को प्रतिवर्ष इस से दस करोड़ य्वान का लाभ होता है । इस परियोजना की आय से चीन के ग्रामीण क्षेत्रों में मनोरंजन का स्तर बढ़ेगा तथा लोगों की जानकारी बढ़ेगी , इतनी अच्छी जानकारी के लिए हार्दिक धन्यावाद ।