अब सुलतानपुर उत्तर प्रदेश के अनिल कुमार द्विवेदी का पत्र । उन्हों ने पत्र में कहा कि आप का कार्यक्रम मुझे बहुत अच्छा लगता है , अच्छा लगने का पहला कारण था कि ओ. पी. नैयार साहब के ऊपर आप का कार्यक्रम था । जबकि ओ पी नैयार साहब के निधन के बाद आप लोगों ने उन पर एक अच्छा परिचयात्मक लेख सहित कार्यक्रम दिया , मुझे इतनी जल्दी किसी हस्ती पर कार्यक्रम सुनने को नहीं मिलता । इस के लिए हमारा पूरा क्लब आप लोगों का आभारी है कि आप ने हम लोगों के लिए तुरंत ऐसा कार्यक्रम दिया , जो संगीतकार अपना जीवन संगीत को अर्पित कर दिया, सुन कर अच्छा लगा है । हम लोग ऐसी प्रस्तुति के लिए शत शत धन्यावाद तथा उम्मीद करते हैं कि आप लोग हमें ऐसे ही कार्यक्रम सुनवाते रहेंगे ।
अब है रोहतास बिहार के हशिम आजाद का पत्र । उन्हों ने पत्र में आप की पसंद कार्यक्रम की चर्चा करते हुए कहा कि बहन जी, आप के द्वारा प्रसारित कार्यक्रम आप की पसंद सुना , जो दिल को छू गया , आज जो गीत प्रसारित किया गया , वह सभी गीत लाजवाब थे । जो गीत मेरी फरमाइश पर पेश किया , वह तो आसमान को छूता हुआ गीत था ।
बहन जी , जब आप और वंकत जी मेरे पत्र को पढ़ रहे थे , उस समय मुझे ऐसा महसूस हो रहा था , जैसे किसी इंसान को अपनी मंजिल हासिल होने पर दुनिया की तमाम खुशियां उस के दामन में सिमट कर आ जाती हैं। वही खुशी आज मुझे हासिल हुआ हो रहा था ।
हशिम आजाद के पत्र के बाद अब सामने है रोहतास बिहार के अब्दुल मोहिब खां सूरी का पत्र । उन्हों ने पत्र में कहा कि हम आप के तमाम प्रोग्राम को प्रत्यक दिन सुनता हूं । मैं आप का बहुत पुराना श्रोता हूं और आप लोगों द्वारा प्रस्तुत किया हुआ प्रोग्राम इतना ज्ञान से भरा हुआ होता है , मानो ऐसा लगता है कि युनिवर्सिटी में क्लास ले रहा हो । हु मिन साहब का लेख प्रशांत महासागर के बारे में काफी ज्ञान से भरी हुई थी , इस लेख ने यह सिद्ध कर दिया कि हु मिन साहब ज्ञान के महा सागर है और जहां कई महासागर के मिलन की जगह है , वह सी .आर .आई है । इस के लिए हु मिन साहब को मुबारकबाद दे रहा हूं ।
हशिम आजाद और अब्दुल मोहिब खां सूरी को धन्यावाद है कि आप दोनों ने सी .आर .आई के कार्यक्रमों और उद्घोषकों को इतनी गहराई से पसंद किया । यह हमारे लिए एक प्रेरणा है ।
अब कुछ ऐसे छोटे पत्र, जो बहुत मतलब के अच्छे लगते हैं।
नई दिल्ली के सरिता विहार के प्रभात चन्द्र बोस ने पत्र में बताया कि आज शाम की सभा सुना , आप का कार्यक्रम इतना अच्छा व आवाज इतनी मीठी लगती है , सुनने में कि मैं जिन बच्चों को पढ़ाता हूं , वो कहता है , सर यह कहां का समाचार है ,तो मैं कहता हूं चीन से ।
कानपुर देहात के अब्दुल प्रसाद ने हमें पत्र लिख कर कहा कि मैं आप का प्रसारण समय हमेशा याद रखता हूं ताकि ये कार्यक्रम छूट न जाए , इसलिए रेडियो अपने साथ रखता हूं और दोस्तों को भी सुनाता हूं । हमारे मित्र सुनने वालों के नाम है –आदिल शंखवार , आलोक गुप्ता , मुहम्मद असलम , मुहम्मद तौसीब , मुहम्मद वासिद , अमित यादव , आशीब गुप्ता , मोहित गुप्ता , मोहम्मद रासिद और मोहम्मद अमजद । खुदा करे कि ये कार्यक्रम हमेशा चलता रहें ।
अब नारनौल हरियाणा के उमेष कुमार शर्मा का पत्र , उन्हों ने कहा कि कार्यक्रम सांस्कृतिक जीवन के अन्तर्गत आप ने गायक ली श्यांग चांग के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की । यह रूचिकर होने के साथ साथ काफी ज्ञानवर्धक भी रही। सांस्कृतिक जीवन चीन के विभिन्न सांस्कृतिक पहलुओं की जानकारी देने वाला अद्वितीय कार्यक्रम है । वैसे भी चीन का सांस्कृतिक क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण तथा विस्तृत योगदान रहा है । यहां के ऐतिहासिक स्मारक हमारा मन मोह लेते हैं । सांस्कृतिक गतिविधियों की बात तो निराली होती है ।
कटनी मध्य प्रदेश के अनिल ताभ्रकार का पत्र , उन्हों ने पत्र में कहा कि श्रोता वाटिका आदि सामग्री प्राप्त हुई , इन सभी सामग्री को पा कर मन हर्षित हो उठा । इन सामग्री में आप सभी का प्यार ही प्यार झलक रहा है । इस के लिए हम आप के हृद्य से आभारी हैं ।
पत्र के माध्यम से मैं यही कहूंगा कि आप के कार्यक्रम मनोरंजन व ज्ञान से परिपूर्ण होते हैं । आप सभी उद्घोषक अपार उत्साह , जोश खरोश एवं लालित्यपूर्ण शैली में कार्यक्रमों का प्रसारण करते हैं । इस से हम सब एक नई उमंग से प्रफुल्लित हो जाते हैं । और आप के साथ हम भी चाइना की हसीन वादियों में खो जाते हैं । आप लोग चाइना में रह कर भारतीय भाषा हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की जो महान सेवा कर रहे हैं , वह निसंदेह प्रशंसनीय है । अंत में मैं यही कहूंगा किः
कांटों से खुशबू का अहसास करके तो देखिए,
एक नए सिरे से जिन्दगी तलाश करके तो देखिए ,
आंसू भी मोती बन कर होठों पे मुस्कराएगे
अपनी खुशियां औरों पर निसार करके तो देखिए ।
अनिल ताभ्रकार जी के इस अच्छे शेर के लिए हम आप के आभारी हैं । वास्तव में भारतीय भाषा हिन्दी में श्रोताओं को प्रसारण की सेवा करने वाले हम चीनियों के मन में भारतीय बहनों और भाइयों तथा अन्य हिन्दी भाषी श्रोता मित्रों के प्रति गहरा प्यार और आत्मीयता निहित है । हम आप लोगों के सुख में सुखी और दुख में दुखी हैं । हम तहेदिल से चाहते हैं कि हमारे भारतीय बहन और भाई हमेशा खुशहाल रहें , सुखमय रहें , स्वस्थ रहें और दीर्घआयु रहें ।