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श्रोताओं के पत्र उद्धरण
2009-11-04 14:35:58

यह है आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के गोविन्द प्रताप गौतम का पत्र । श्री गोविन्द प्रताप गौतम ने अपने पत्र में कहा कि मार्च के महीने में आजमगढ़ में सी आर आई हिन्दी सेवा के 50 वर्ष पूरे होने के उलपक्ष्य पर आए श्री अमीर अहमद से सी आर आई के बारे में हमें जानकारी प्राप्त हुई, श्री अमीर ने हमें बताया कि चाइना से हम भारतीयों के लिए हिन्दी में कार्यक्रम प्रसारित होता है । यह जानकर हमें बहुत प्रसन्नता हुई । अतः सी आर आई के माध्यम से हमें वहां की संस्कृति, व्यंजन व पर्यटन स्थल के साथ साथ भारत चीन से संबंधित समाचार भी सुनने को मिलता है। हमें भारत चीन की मित्रता से बहुत प्रसन्नता होती है।

हम बहुत प्रसन्न हैं कि जब पेइचिंग में ओलिंपिक खेल का भव्य उद्धाटन समारोह हुआ, जिस में पांच बार आठ अंक शामिल है। आठ अगस्त 2008 और आठ बजकर आठ मिनट पर शुभारंभ हुआ। इस ऐतिहासिक क्षण को हम हमेशा याद रखेंगे । हम सी आर आई हिन्दी सेवा के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष पर बधाई देते हैं , हम सी आर आई हिन्दी कार्यक्रम को हमेशा सुनते रहेंगे ।

अब आप के सामने है भागलपुर बिहार के इजराइल कस्तुरी का पत्र । श्री इजराइल कस्तुरी ने अपने पत्र में कहा कि आप की पसंद कार्यक्रम हमारे क्लब के सब से अधिक पसंद किये जाने वाले कार्यक्रमों की श्रेणी में शुमार किया जाने वाला कार्यक्रम है । अधिकांश सदस्य एक साथ मिलकर इस कार्यक्रम को सुनते हैं। साथ ही कार्यक्रम की लोकप्रियता के लिए विचार विमर्श करते हैं।

आप की पसंद कार्यक्रम इन दिनों बहुत अच्छे हो रहे हैं , अपितु कष्ट तब होता है, जब हमारे क्लब का फरमाइशी पत्र शामिल नहीं होता है । हमारे क्लब की ओर से नियमितता के आधार पर पत्र भेजा जा रहा है । आप से अनुरोध है कि हमारे क्लब के फरमाइशी पत्रों पर ध्यान आकृष्ट करें ।

अब है भागलपुर बिहार के इसमाइल अंसारी, मिकाइल अंसारी तथा खानम प्रवीण के सवाब का जवाब । श्री इसमाइल अंसारी, मिकाइल अंसारी और खानम प्रवीण ने पूछा है कि क्या भारत की तरह चीन में भी लोक सभा व विधान सभा के सदस्यों का चुनाव होता है, अगर हां, तो बताएं कि यह चुनाव कितने दिनों पर होता है?

भाइयो, चीन की राजनीति व्यवस्था भारत से भिन्न होती है, भारत में संसद प्रणाली लागू होती है ,जबकि चीन में जन प्रतिनिधि सभा की व्यवस्था होती है। जन प्रतिनिधि सभा व्यवस्था चीन की बुनियादी राजनीतिक व्यवस्था होती है । चीन लोक गणराज्य की तमाम सत्ता जनता की होकी है , जनता राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा और विभिन्न स्तरों की स्थानीय जन प्रतिनिधि सभा के जरिए सत्ता का उपयोग करती है । चीन में राष्ट्रीय व स्थानीय जन प्रतिनिधि सभा जनवादी चुनाव से कायम होती है । राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा देश की राज सत्ता का सर्वोच्च अंग होती है और स्थानीय जन प्रतिनिधि सभा स्थानीय सत्ता का सर्वोच्च अंग होती है। चीन में जन प्रतिनिधि सभा कई स्तरों की होती है यानी राष्ट्रीय स्तर की जन प्रतिनिधि सभा, जिस के प्रतिनिधियों का चुनाव हर पांचवें साल पर एक बार किया जाता है। राष्ट्र के स्तर के अलावा प्रांत, स्वायतत्त प्रदेश, केन्द्र शासित शहर, प्रिफेक्चर , स्वायत्त प्रिफेक्चर, शहर, काउंटी और टाउनशिप स्तर की जन प्रतिनिधि सभा होती है, जिन के सदस्य भी हर पांच सालों के बाद चुने जाते हैं। चीन में ऊपर स्तर के जन प्रतिनिधि उस के नीचे स्तर की जन प्रतिनिधि सभा द्वारा चुने जाते हैं। यानी राष्ट्रीय जन प्रतिनधि सभा के प्रतिनिधि पूरे देश के विभिन्न प्रांतों, स्वायत्त प्रदेशों और केन्द्र शासित शहरों की जन प्रतिनिधि सभाओं द्वारा चुने जाते हैं, प्रांत स्तरीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि उस के नीचे स्तर की जन प्रतिनिधि सभाओं द्वारा चुने जाते हैं और सब से बुनियादी स्तर की जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि आम लोगों द्वारा प्रत्येक्ष मतदान से चुने जाते हैं।

चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिध सभा चीनी संविधान में संशोधन करती है और विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के कानून बनाती है , इस के अलावा राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा राष्ट्राध्यक्ष व उपाध्याध्य , केन्द्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, सर्वोच्च जन अदालत व जन प्रोक्युरेट के अध्यक्ष चुनती है और राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा में सरकार के प्रधान मंत्री व उप प्रधान मंत्री और स्टेट कौंसुलर नियुक्त होते हैं। स्थानीय जन प्रतिनिधि सभाओं में वहां के स्थानीय नेतागण व सरकारी अधिकारी चुने जाते हैं या नियुक्त किये जाते हैं।

वर्तमान में चीन में 11 वीं राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा चल रही है।

यह है नादिया पश्चिम बंगाल के धीरेन वसाक का सवाल । श्री धीरेन वसाक ने पूछा है कि चीन में रेल मार्ग कब स्थापित हुआ है.

भाइयो, चीन में सब से पहले का रेल मार्ग 1865 में पेइचिंग के श्यांग वू द्वार के बाहर बिछाया गया रेल पथ था, लेकिन वह सिर्फ एक किलोमीटर लम्बा था । 1876 में शांगहाई में 30 किलोमीटर लम्बी एक रेल मार्ग बनाया गया और 1881 में उत्तर चीन के थांगशान से श्यु ग ज्वांग तक तीसरा रेल मार्ग बिछाया गया । 1909 में पेइचिंग से चांग चा खो तक जो रेल वे निर्मित किया गया था, वह खुद चीनियों द्वारा बनाया गया था और जो 200 किलोमीटर लम्बा था। यह रेल मार्ग चीन के रेल इतिसाह में मील का एक पत्थर का महत्व रखता है। इस के इंजीनियर चांग थ्येन यो चीन के यातायात इतिहास में एक सुप्रसिद्ध लोग है।

नए चीन की स्थापना के बाद चीन में रेल मार्गों का जोरदार विकास हुआ, अनेक लम्बे लम्बे रेल मार्ग बिछाये गए, जो देश के हर स्थलों को एक दूसरे से जोड़ देते हैं। अब चीन में रेल मार्गों की कुल लम्बाई अब 75 हजार किलोमीटर से ज्यादा हो गयी और 2010 तक उस की कुल लम्बाई 90 हजार किलोमीटर होगी। इस के अलावा रेल मार्गों का आधुनिकीकरण, विद्युतीकरण और एक्सप्रेस रेल वे का विकास तेजी से हो रहा है। वर्तमान में चीन के अनेक शहरों के बीच जो प्रमुख रेल गाड़ी दौड़ रही है, उन की रफ्तार प्रति घंटा 200 किलोमीटर तक पहुंची और पेइचिंग व थ्येन शहरों के बीच दौड़ रही रेल गाड़ी की गति प्रतिघंटा 300 किलोमीटर हो गयी । यानी दोनों शहरों के बीच 200 किलोमीटर की दूरी पूरा करने में सिर्फ 40 मिनट का समय लगता है। और पेइचिंग व शांगहाई के बीच भी तेज रफतार का रेल वे बिछाया जा रहा है।

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