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दावस मंच का ग्रीष्मकालीन सम्मेलन आयोजित
2011-09-14 16:12:12

वर्ष 2011 का दावस मंच का ग्रीष्मकालीन सम्मेलन 14 सितम्बर को चीन के ताल्यान शहर में उद्घाटित हुआ। विश्व के 90 से अधिक देशों से आए 1600 राजनीतिज्ञ, वाणिज्य व उद्योग जगत के प्रतिनिधि और विद्वान सम्मेलन में उपस्थित हुए और आर्थिक वृद्धि की क्वालिटी उन्नत करने तथा वित्तीय संकट से विश्व अर्थव्यवस्था पर पड़े कुप्रभाव को मिटाने के बारे में विचार विमर्श करेंगे। चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने दावस मंच के सम्मेलन की उद्घाटन रस्म में भाग लिया और भाषण दिया। उन्हों ने बलपूर्वक कहा कि चीन विश्व विकास से अभिन्न है। चीन अपने दीर्घकालीन, उच्च स्तरीय और अच्छी क्वालिटी वाले विकास पर पूरी तरह आश्वस्त है और चीन विश्व अर्थव्यवस्था के प्रबल, अनवरल और संतुलित विकास के लिए नया योगदान देगा।

2008 में विश्व वित्तीय संकट छिड़ने के बाद विश्व अर्थव्यवस्था में यद्यपि धीरे धीरे पुनरूत्थान शुरू हुआ है, तथापि उस के सामने अस्थिरता व अनिश्चितता लगातार बढ़ती जा रही है और भारी चुनौतियां खड़ी हुई हैं। इसलिए आर्थिक वृद्धि की क्वालिटी उन्नत करने का सवाल मौजूदा मंच में ध्यानाकर्षण का केन्द्र बन गया। मौजूदा दावस ग्रीष्मकालीन मंच में क्वालिटी की उन्नति पर ध्यान देने का थीम रखा गया, इस का मतलब है कि विभिन्न कारोबारों और उद्योगपतियों को उत्पादन की क्वालिटी की उन्नति के बारे में अनुभवों का साझा करना चाहिए।

चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने अपने भाषण में मौजूदा मंच के थीम पर बल देते हुए कहा कि इस से जाहिर है कि विभिन्न देश आर्थिक विकास की प्रबलता, निरंतरता और संतुलित वृद्धि पर ज्यादा ध्यान देते रहेंगे और वर्तमान विश्व आर्थिक स्थिति का यह तकाजा है कि अन्तरराष्ट्रीय समाज अपना विश्वास व सहयोग बढ़ाएं। श्री वन चापाओ ने कहाः

वर्तमान में विकसित अर्थव्यवस्था और नवोदित अर्थव्यवस्था दोनों में आर्थिक वृद्धि की गति धीमी पड़ी और कुछ देशों के संप्रभु कर्ज के खतरा बढ़ गया है और अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय बाजार में उतार चढ़ाव तेज हुआ है। ऐसी स्थिति में विभिन्न देशों को चाहिए कि वे अपना अपना कर्तव्य निभाएं, अपने कामों को अच्छा अंजाम दे दें तथा प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाओं को जिम्मेदाराना व प्रभावकारी वित्तीय नीति व मौद्रिक नीति अपनाते हुए कर्ज मामलों को ठीक ढंग से हल करना चाहिए, ताकि बाजार में पूंजी निवेश की सुरक्षा की गारंटी हो तथा सारे विश्व के निवेशकों के विश्वास को बनाए रखा जाए।

श्री वन चापाओ ने अपने भाषण में बदलती हुई विश्व आर्थिक स्थिति में चीन की हालत की चर्चा करते हुए कहा कि चीन अपने आर्थिक विकास को एक नए मुकाम पर पहुंचा देने में पूर्ण सक्षम और आश्वस्त है तथा चीन में इस के लिए अनुकूल स्थिति भी मौजूद है। उन्होंने कहा कि चीन 21वीं सदी के दूसरे दशक में अपने आर्थिक विकास की निरंतरता बढाएगा और विभिन्न प्रभावकारी कदम उठाएगा।

हम निरंतर अर्थव्यवस्था व राजनीतिक व्यवस्था के सुधार को गहराई में ले जाएंगे और बुनियादी अर्थव्यवस्था पर कायम रहेंगे तथा सक्रिय रूप से आर्थिक भूमंडलीकरण की प्रक्रिया में भाग लेंगे और युक्तियुक्त अन्तरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली व वित्तीय प्रणाली के निर्माण को गति देने की कोशिश करेंगे ।

विश्व आर्थिक पुनरूत्थान के दौरान चीन के महत्व पर बड़ा ध्यान दिया गया। विश्व आर्थिक मंच के अध्यक्ष सर्वास ने मंच में चीन के आर्थिक सामाजिक विकास की सफलता की तारीफ करते हुए कहाः

चीन के विकासक्रम से यह उक्ति सही साबित हुई है कि जहां चाह वहां राह। मेरी आशा है कि मौजूदा ग्रीष्मकालीन दावस मंच भावी विकास की दिशा साफ साफ दिखाएगा। हमें इस पर यकीन होना चाहिए कि यदि हम अपनी शक्ति पूरी लगाएंगे, तो चीन एक समृद्ध व जिम्मेदारा बड़ा देश बनेगा और विश्व के अन्य देश भी अपनी समस्याओं को हल करने में कामयाब होंगे।

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