स्थानीय समय के अनुसार 13 सितम्बर के दोपहर को अफगान राजधानी काबुल में स्थित अमेरिकी दूतावास और नाटो की अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता सेना के मुख्यालय के पास श्रृंखलाबद्ध धमाके हुए और गोलीबारी की घटना घटी। अब तक इन में कम से कम 10 लोग हताहत हो गए हैं। अफगान तालिबान ने इस की जिम्मेदारी लेने की घोषणा की। उस ने दावा किया कि उस के हमले का निशाना अमेरिकी दूतावास था।
तालिबान के सशस्त्र सदस्यों ने अमेरिकी दूतावास व नाटो की सहायता सेना के मुख्यालय के दक्षिण में 300 मीटर दूर स्थान पर चार बम का विस्फोट कर दिया और उन्होंने अफगान सुरक्षा बल के साथ घमासान लड़ाई की। अमेरिकी राजदूत रीयन क्रोकर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पांच हथियारबंद तालिबान सदस्यों ने कई सौ मीटर दूर एक निर्माणधीन मकान पर दूतावास की ओर राकेट दागे और छोटे आकार वाले हथियारों से गोलीबारी की, कम से कम एक राकेट दूतावास पर लगा, लेकिन दूतावास के अमेरिकी कर्मचारी बच गए और चार अफगान कर्मचारी जख्म हुए।
उधर नाटो के प्रवक्ता ने कहा कि हथियारबंद लोगों ने नाटो की इमारत पर फायर किया, जिससे इमारत क्षतिग्रस्त हुई। कई सौ मीटर दूर एक ऊंचे मकान पर तालिबान सदस्यों ने अमेरिकी दूतावास पर राकेट छोड़े। अफगान सुरक्षा बल ने जवाब में राकेट छोड़े, लड़ाई पांच घंटे चली और दूतावास क्षेत्र में 7 भारी धमाके हुए। नाटो के हलिकोप्टरों ने हथियारबंद लोगों के छिपने वाले स्थान पर हमले बोले, पांचों तालिबान लोग खत्म हो गए।
तालिबान ने मौजूदा हमलों की जिम्मेदारी ले ली और कहा कि उस का निशाना अमेरिकी दूतावास और नाटो सेना की सुरक्षा सहायता टुकड़ी था, यह उस के बादर अभियान का एक भाग है।
इस के अलावा काबुल में 13 सितम्बर को अन्य सथानों पर भी कई धमाके हुए, जिनमें दो आत्मघातियों के अलावा एक पुलिसमेन मारे गए और तीन पुलिसकर्मी, एक छात्र घायल हुए।