ईरान ने ज़ोर देकर कहा है कि वह अपना परमाणु कार्यक्रम नहीं छोड़ेगा।
ईरान विदेशी विभाग के प्रवक्ता रमीन मेहमानपरस्ट ने 13 सितंबर को ईरान विदेशी विभाग के नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि ईरान को और अधिक परमाणु तकनीक अपनाने की ज़रुरत है। साथ ही ईरान को पहले परमाणु संयंत्र यानी बुशेहर परमाणु संयंत्र के लिये परमाणु ईंधन सप्लाई करना चाहिए। इसलिये यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम जारी रखने की आवश्यकता है। उन्होंने दोहराया कि ईरान"शांति"परमाणु प्रक्रिया से पीछे नहीं हटेगा।
मेहमानपरस्ट ने पुष्टि की है कि हाल ही में यूरोपीय संघ के विदेश व सुरक्षा नीति की उच्च प्रतिनिधि कैथरीन अश्टन को भेजे गए पत्र में ईरान के मुख्य परमाणु वार्ताकार सईद जालीली ने कहा कि ईरान परमाणु मुद्दे से संबंधित सभी पक्षों के साथ आम मुद्दों के बारे में वार्ता करने के लिये पूरी तरह से तैयार है। और उसके रुख में कभी भी बदलाव नहीं आया है।
गौरतलब है कि परमाणु मसले पर छह देश (अमेरिका,ब्रिटेन,फ्रांस,रूस,चीन और जर्मनी) और ईरान के बीच आयोजित अंतिम वार्ता इस वर्ष 22 जनवरी में तुर्की के इस्तांबुल में समाप्त हुई। लेकिन यूरेनियम संवर्धन आदि मुद्दे पर मौलिक मतभेद के कारण वार्ता में सकारात्मक परिणाम हसिल नहीं हो सका।
(रमेश)