अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 12 तारीख को फिर एक बार कहा कि अगर फिलिस्तीन की संयुक्त राष्ट्र की औपचारिक सदस्यता को लेकर सुरक्षा परिषद में मतदान देने की जरूरत पड़ती है तो अमरीका इस का जबरदस्त विरोध करेगा।
उसी दिन संवाददाताओं को इन्टरव्यू देते समय ओबामा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में प्रवेश करने का फिलिस्तीन का प्रयास देश-स्थापन के सवाल का समाधान नहीं कर सकता। संयुक्त राष्ट्र का औपचारिक सदस्य बनने के प्रयास पर फिलिस्तीन का लक्ष्य है ध्यान का बांटना, फिलिस्तीन के देश-स्थापन के सवाल का फिलिस्तीन और इजरायल के बीच समझौता संपन्न होने के बाद समाधान किया जाएगा।
ओबामा का कहना है कि फिलिस्तीन की संयुक्त राष्ट्र में हैसियत मत अधिकार न होने वाले प्रेक्षक से बढ़कर मत अधिकार न होने वाले देश की बन सकेगी।
वर्ष 1988 में फिलिस्तीन ने देश की स्थापना करने की घोषणा की थी और संयुक्त राष्ट्र के अधिकांश सदस्य देशों की उसे मान्यता मिली थी, लेकिन संयुक्त राष्ट्र में उस की हैसियत औपचारिक सदस्य की नहीं है।(होवेइ)