चीनी पंचांग के अनुसार हर साल के आठवें महीने का 15वां दिन मध्यम शरद उत्सव या पूर्णिमा दिवस होता है।चालू वर्ष यह दिवस ठीक 12 सितम्बर यानी आज पड़ता है।चीन में इसे सब से बड़े परंपरागत त्यौहार—वसंतोत्सव के बाद दूसरा सब से बडा पर्व माना जाता है।इसी दिन हर परिवार के सदस्य घर लौटकर मिलन-समारोह जैसे वातावरण में मून-केक खाते हुए और पूर्णिमा की खूबसूरती का लुत्फ उठाते हुए पर्व मनाते हैं।हां,यह तो परंपरागत तरीका है।समय बदलने के साथ-साथ आज लोग अपनी मर्जी या सुविधा के अनुसार परंपरा से अलग तरीके से भी इस पर्व को मनाते हैं,जैसे छुट्टियों का फायदा उठाकर पर्यटन के लिए किसी दूसरी जगत जाते हैं,फिल्म देखते हैं और विशेष संगीत-समारोह में भाग लेते हैं।
इस उत्सव की खासियत यह है कि लोग मून-केक खाते हैं।दरअसल मूल-केक इस पर्व का प्रतीक वाला खाद्य-चीज है।हमारे संवाददाता इस पर्व के मौके पर देश के उत्तर-पूर्वी प्रांत—ल्याओनिंग के बन-शी शहर गए हैं।वहां एक सुपरमार्कट में उन्होंने देखा कि खाद्य-सेक्टर में तरह-तरह के मून-केक ध्यानाकर्षक तौर पर रखे गए हैं।उन की कीमतें दसियों य्वान से लेकर कई सौ य्वान तक हैं और उस की पैंकिंग खूबसूरत हैं।पैकिंग में इस्तेमाल होने वाले या तो लोहे के बोक्स हैं,या कागज़ी बाक्स या फिर प्राचीन शैली में लकड़ी के गोलाकार बोक्स।उन सब पर डिजाइनें बेहद सुक्ष्म हैं।शुभं व समृद्धि का द्योतक वाले पुष्प-- चीनी रोस और इस पर्व से जुड़ी किंवदंती में वर्णित सुन्दरी छांग-अ और अन्य अप्सराओं के चित्र अवश्य ही डिजाइनों के अंग हैं।मून-केक के स्वाद अलग-अलग के हैं।परंपरा के अनुसार वे मूंगफली,बादाम,सीड व अन्य मेवों से बनाए जाते हैं और तरह-तरह के फलों के स्वाद लिए होते हैं।सुपरमार्केट के एक कर्मचारी ने कहा,
`सब मून-केक बहुत लोकप्रिय हैं और खूब बिकते हैं।लोग अपने अपने बजट के अनुसार खरीदते हैं।ज्यादात्तर लोग सीधे-सादे पैक खरीदते हैं।हां उन में केक बेशक उच्च क्वोलिटी के हैं। `
बन-शी शहर में इस उत्सव के मौके पर पर्यटन-बाजार भी गर्म दिख रहा है।सितम्बर माह में वहां मैपल-ट्री की पत्तियां लाल हो जाती हैं,जो अद्भूत सुन्दर दृश्य पेश करते हैं।इस नजारे को देखने के लिए देश के दूसरे क्षेत्रों से बहुत से पर्यटक आते हैं।स्थानीय पर्यटन-एजेंसियां भी इस का लाभ लेते हुए विशेष गतिविधियां चलाती हैं।उनमें से एक मिंग-चू पर्यटन-एजेंसी के मैनेजर चांग छंग-ह्वी का कहना है,
`बन-शी एक पर्वतीय शहर है।उस में पर्वत पर चढ़कर पूर्णिमा की खूबसूरती देखना लाजवाब है।उस की यह विशेषता हर साल बहुत से पर्यटकों का आकर्षित करती है।`
चांद देखना मध्यम शरद उत्सव मनाने का एक अहम विषय है।इसके लिए लोग पर्वत पर चढने के अलावा समुद्री तट पर भी जाते हैं।पूर्वी चीन के शानतुंग प्रांत के समुदतटीय हाई यांग शहर में चालू उत्सव के मौके पर `समुद्र के ऊपर चांद रोशनीदार हो, मिलन-समारोह का साझा करो` विषयक आयोजन किया गया।इसमें इस उत्सव से जुड़े लोककथा के आधार पर नाटक,आँपरा और नाचगान आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किए जा रहे हैं।ली चुन नामक एक पर्यटक ने कहा,
`मैं छिंगताओ शहर से यहां आया हूं।यहां के कार्यक्रम देखने के बाद मुझे कुछ नयापन सा अहसास हुआ है।कलाकार और कार्यक्रम दोनों उच्च स्तर के हैं।खास बात यह है कि मंच बिल्कुल तट के निकट खुले मदान में लगाया गया है,जिससे आकाश में रोशनीदार चांद और नीचे समुद्र में उस का प्रतिबिंब साफ-साफ दिखाई देता है,बल्कि आस-पास की इमारतों पर लगी लालटेनें भी जगमगाते हुए नजर आती हैं।इससब ने लोगों को सुन्दर कवि की दुनिया में ले लिया है।`
दक्षिण चीन के क्वांग चाओ शहर में देश में सब से ऊंचा टी वी टावर क्वांग चाओ टावर अब क्वांग चाओ वासियों का मध्य शरद उत्वस मनाने का एक पसंदीदा स्थल है ।क्वांग चाओ टावर पर विश्व की सब से ऊंची फेरिस ह्वील है ।455 मीटर ऊंचे आकाश पर गोलाकार 16 बॉक्स टाउर की चोटी से केंद्रित होकर धीरे धीरे चक्कर लगाते हैं ।मध्य शरद दिसव की रात क्वांग चाओ टावर पर पर्यटक एक तरफ गोल चांद का लुत्फ लेते हैं और दूसरी तरफ पूरे शहर की सुंदरता दिखाई देती है ।इस के अलावा टावर के रेस्टरांट में सिंगापुर ,थाइलैंड व इंतोनिशिया जैसे विभिन्न देशों के स्वादिष्ट खाना उपलब्ध हैं ।
क्वांग चाओ ग्रैंड थियटर ने चालू साल एक विशेष कार्यक्रम पेश किया ,जिस का नाम है कि कला को एक दिन दिलाना ।क्वांग चाओ वासी थियटर का दौरा कर सकते हैं और एक संगीत समारोह भी सुन सकते हैं ,जिस से देशी विदेशी श्रेष्ठ संगीत रचनाओं में कला व चंद्रमा के मेल मिलाप का आनंद उठाया जा सकता है ।क्वांग चाओ ग्रैंड थियटर के पर्यटन विभाग के प्रतिनिधि चांग यी छी ने बताया ,हम मध्य शरद छुट्टियों के अवसर पर व्यापक नागरिकों में संगीत को लोकप्रिय बनाना चाहते हैं ।आशा है कि वे कलात्मक माहौल में एक मिलन उत्सव बिताएंगे ।