कोरिया गणराज्य की यात्रा कर रहे चीनी तिब्बती विद्या के जीवित बुद्ध प्रतिनिधिमंडल ने 7 सितंबर को सियोल में स्थानीय मीडिया, धार्मिक व्यक्तियों और विश्विविद्यालय छात्रों के साथ बैठक कर वास्तविक तिब्बत से अवगत कराया।
प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख यानी चीनी तिब्बती विद्या अनुसंधान केंद्र के उप महानिदेशक द्रामतूल ने तिब्बत में प्रशासनिक व धार्मिक मिश्रित सत्ता प्रणाली से समाजवादी जातीय क्षेत्रीय स्वायत्त प्रशासन प्रणाली का बदलाव, वर्तमान जातीय धार्मिक नीतियों और तिब्बती विद्या अनुसंधान का स्थान व भूमिका आदि की जानकारी दी।
दलाई लामा के बारे में उन्होंने कहा कि इतिहास में तिब्बत और केंद्रीय सरकार के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। दलाई लामा निर्वासित सरकार स्थापित कर देश और तिब्बत अलग करना चाहता है। चीन सरकार और जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश बौद्ध धर्म जगत में कई विषयों पर चर्चा कर सकते हैं। आशा है कि भविष्य में ज़्यादा आदान प्रदान किया जाएगा, ताकि आपस में समझ बढ़े।
गौरतलब है कि चीनी तिब्बती विद्या का जीवित बुद्ध प्रतिनिधिमंडल 4 सितंबर से 5 दिवसीय कोरिया गणराज्य यात्रा कर रहा है।
(दिनेश)