भारत के प्रधनमंत्री मनमोहन सिंह सात तारीख की शाम को ढ़ाका की दो दिवसीय यात्रा समाप्त कर दिल्ली वापस जाने के लिए रवाना हुए । यात्रा भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए सकारात्मक और प्रगतिशील साबित हुई । दोनों देशों के नेताओं ने वार्ता में भूमि विवादों से लेकर बाघ संरक्षण जैसे विभिन्न मुद्दों से जुड़े करारों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री के अनुसार भारत और बांग्लादेश अपनी साझेदारी को एक नया रूप देने पर सहमत हुए ।
यात्रा के दौरान दोनों देशों ने विकास के लिए सहयोग पर एक ढांचागत करार, अपनी सीमा के निर्धारण पर एक मसविदे, नेपाल के लिए सड़क मार्ग उपलब्ध कराने के आदि समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनके अलावा दोनों ने मत्स्य पालन, ढाका विश्वविद्यालय और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के बीच सहयोग, दूरदर्शन एवं बांग्लादेश टेलीविजन के बीच सहयोग पर भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए । लेकिन दोनों देश तीस्ता नदी और फेनी नदी के जल बंटवारे पर कोई अंतिम समझौता संपन्न नहीं कर पाये । इसी दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध के चलते दोनों देशों के बीच जल बंटवारा समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो सका। पर भारत ने बांग्लादेशी सामानों को शुल्क मुक्त कराने के सवाल पर सहमति प्रकट की । इस के अलावा भारत और बांग्लादेश ने घुसपैठ और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई में सहयोग की सराहना की ।