पाकिस्तान ने 5 सितंबर को अल कायदा के तीन सदस्यों को गिरफ्तार करने की घोषणा की। इस ख़बर से बिन लादेन की मौत के बाद खराब हो रहे अमेरिका-पाकिस्तान रिश्ते बेहतर हो सकता है।
पाक सेना ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के सहयोग से अल कायदा के सरगना युनिस अल मौरितानी समेत तीन सदस्य दक्षिणी पाक के क्वेटा में गिरफ्तार किए गए। अल मौरितानी पर कई बार अमेरिका, यूरोप व ऑस्ट्रेलिया में हमले करने का आरोप है।
पाक सेना का कहना है कि अब अल कायदा कमज़ोर हो रहा है, और उसमें जल्द हमले करने की क्षमता नहीं है।
अमेरिकी एसोसिएटेड प्रेस ने कहा कि पाकिस्तान के इस तरह के ऐलान से जाहिर होता है कि वह अमेरिका के साथ संबंध सुधारना चाहता है। मीडिया में जारी रिपोर्टों में कहा गया कि मई में पाकिस्तान में बिन लादेन की मौत के बाद दोनों देशों के संबंध बिगड़ गए हैं। लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि हालांकि अमेरिका पाकिस्तान से संतुष्ट नहीं है, लेकिन वह पाक को नहीं छोड़ेगा। क्योंकि पाकिस्तान में सीआईए के खुफिया नेटवर्क के माध्यम से आतंकवाद विरोधी युद्ध जल्द समाप्त हो सकता है। अगर पाकिस्तान इस क्षेत्र में कोई उपलब्धि हासिल करेगा, तो दोनों देशों के संबंध सुधर सकते हैं।
(दिनेश)