एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग संगठन का प्रथम वानिकी मंत्री-सम्मेलन 6 सितम्बर को पेइचिंग में शुरू हुआ।चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिंग-थाओ ने उस के उद्घाटन-समारोह में भाषण देते हुए अपील की कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हरित वृद्धि की प्राप्ति के लिए वानिकी उद्योग के विकास में सहयोग बढाया जाए।
हू चिंग-थाओ ने कहा कि हरित वृद्धि में वनों की अहम भूमिका होती है।एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग संगठन के पास वानिकी उद्योग में सहयोग की भारी नितिह शक्ति है और उज्जवल भविष्य होगा।उन्होंने इस क्षेत्र के सभी देशों को सुझाव दिया कि वे वानिकी-उद्योग के निर्माण को मजबूत करें,वानिकी के विकास को आर्थिक व सामाजिक विकास के समग्र ढांचे में शामिल करें,विकास व संरक्षण के बीच और उद्योग व पारिस्थितिकी के बीच रिश्तों का समुचित निपटारा करें,अर्थव्यवस्था,समाज,पारिस्थितिकी एवं संस्कृति में वनों के तरह-तरह के फायदों को विकसित करें,हरित व्यापार में भित्ति को कम या नष्ट करें और वानिकी के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर सलाह-मशविरे व वार्तालाप में सक्रियता से भाग लें।
हू चिंग थाओं ने जोर देकर कहा कि चीन वानिकी-उद्योग के विकास को गति देता रहेगा और इस कोशिश में रहेगा कि वर्ष 2020 तक देश में वनों का क्षेत्रफल 2005 के मुकाबले 4 करोड़ हेयक्टर अधिक हो जाए।
यह सम्मेलन पिछले साल जापान के योकोहामा में हुए एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग संगठन के 18वें अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में पारित एक प्रस्ताव के अनुसार आयोजित हो रहा है।