वर्तमान में पूरे तिब्बत में अधिकांश वनों, नदियों, तालाबों, घास मैदान, दलदलों, बर्फ़ीले पर्वत और जंगली जानवरों तथा वनस्पतियों का अच्छी तरह से संरक्षण किया जा रहा है।ल्हासा से लोका गुज़रकर शिकाजे तक बनी यनलूनंग त्सांगपो सुरक्षा वन प्रणाली का प्रभाव दिखाई पड़ रहा है।इससे नदी के किनारे बने खेत सुरक्षित हुए हैं।
सुत्रों के अनुसार फरवरी 2009 में राज्य परिषद ने "तिब्बत में पारिस्थितिकी सुरक्षा पट्टी की गारंटी व निर्माण परियोजना" पारित की।तिब्बत में पारिस्थितिकी सुरक्षा परियोजना को राष्ट्रीय मुख्य पारिस्थितिकी परियोजना बनाया गया।इस परियोजा को वर्ष 2008 से 2030 तक अमल में लाया जाएगा, जिस में कुल 15 अरब 50 करोड़ य्वान का निवेश किया जाएगा।(लिली)