चीन के तिब्बती स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में 3 सितंबर को गैरभौतिक सांस्कृतिक विरासतों की प्रदर्शनी आयोजित की गई। जिसके उद्घाटन समारोह में ल्हासा के उप मेयर मा शीनमिंग ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और जातीय संस्कृति का उत्तराधिकार विभिन्न जातियों को जोड़ने वाला पुल है।
बताया जाता है कि वर्ष 2011 ल्हासा श्वेतुन उत्सव की सिलसिलेवार गतिविधियों में से एक होने के रूप में इस दो दिवसीय प्रदर्शनी में ल्हासा की 8 काउंटियों से आए 50 से अधिक अभिनेता और गौरभौतिक सांस्कृतिक विरासतों के दस उत्तराधिकारी स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों को 40 से ज़्यादा गैरभौतिक सांस्कृतिक विरासतों से जुड़े कार्यक्रम पेश कर रहे हैं।
वर्तमान ल्हासा में राष्ट्र स्तरीय, स्वायत्त प्रदेश स्तरीय और शहर स्तरीय गैरभौतिक सांस्कृतिक विरासत परियोजनाओं की संख्या अलग-अलग तौर पर 20, 44 और 64 है। स्थानीय सरकार का मानना है कि गैरभौतिक सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण से ल्हासा की जातीय संस्कृति और विस्तृत होकर सांस्कृतिक कार्य के विकास के लिए बड़ा फायदा मिलेगा।
(दिनेश)