गर्मी के मौसम में, हरेक सप्ताहांत की सुबह, लंबे समय तक शहर में अपना समय व्यतीत करने वाले हाय खोउ शहर के नागरिक कुओ तुंग तुंग के लिए जब भी सप्ताहांत आता है वह कहीं बाहर जाकर आराम करना चाहता है। कुछ दिनों पहले उसने अपने कई दोस्तों के साथ मिलकर हाय खोउ शहर के छियुंग शान प्राकृतिक क्षेत्र के ता पो गाँव में घुमने का योजना बनाया।
ता पो कस्बा हाय खोय शहर के दक्षिण में स्थित है। यह शहर से लगभग 58 किलोमीटर की दूरी पर है। कुओ तुंग तुंग अपने दोस्तों के साथ हाय खोउ से रवाना हुआ और 40 मिनट के सफर के बाद ता पो कस्बे से फिर पाँच मिनट का रास्ता तयकर एक बस स्टेशन पर रूके। वहाँ से ता पो कस्वे तक का फैसला साईकिल से तय करना होता है। जब उसने एक किनारे पर दसियों नयी-नयी साईकिलें खड़े रखी देखीं तो अपने आपको रोक नहीं सका और सबसे पहले पास जाकर उसने एक साईकिल भाड़े पर ले ली।
सड़क के दोनों किनारे खड़े पेड़, पेड़ों पर चिड़िया की चहचहाहट, फल से लदे पेड़ आदि देखने के बाद, शहर में रहने वाले और उंची-उंची इमारतें, लंबी-लंबी गाड़ियों की लाइन देखने के आदी हो चुके कुओ तुंग तुंग को बड़ी खुशी और बड़ा आश्चर्य हो रहा था। कुओ तुंग तुंग के लिए तो गाँव की यात्रा मन की शांति के लिए सबसे सुखद यात्रा है।
मन बहुत हल्का महसूस हो रहा है। हमने लगभग 20 किलोमीटर की दूरी के लिए साईकिल चलाया है। लेकिन रास्ते की सुंदरता ने हमें थकान का एहसास नहीं होने दिया और इन प्राकृतिक सुंदरता से हम अपनी थकान को भूल गये। आप साईकिल चलाते समय यहां की सुंदरता में खो जाएंगे। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं भी यहाँ की सुंदरता में खोकर किसी दूसरी दुनिया में पहुंच गया हूँ। मुझे इस तरह साइकिल चलाकर आनंद लेना बहुत अच्छा लगता है।
कुओ तुंग तुंग अपने दोस्तों के साथ पूरे रास्ते साईकिल चलाने में मशगूल था। वे लोग साइकिल चलाने के साथ-साथ वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद ले रहे थे। कभी-कभी साइकिल से उतर कर वहाँ की सुंदरता को अपने कैमरे में कैद कर रहे थे। थक जाने पर वे लोग साइकिल को रास्ते के किनारे खड़ी कर खुद पेड़ों की छांव में शीतल हवा का आनंद लेते थे।
जब वे लोग आराम कर रहे थे, उसी समय पास में ही कुछ किसान नारियल के पेड़ से नारियल तोड़ रहे थे। कुओ तुंग तुंग ने दूर से हाथ हिलाकर कुछ संकेत किया जिसका मतलब था वह कुछ नारियल खरीदना चाहता है। कुछ देर बाद, वह किसान कुछ नारियल लेकर आया और प्यार से कुओ तुंग तुंग को दिया। सभी लोगों को ताजा और मीठा नारियल पानी पीने के बाद शरीर में फिर से ताजगी आ गई।
सुबह के दस बजे तक यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या बहुत हो गई थी। यहाँ पर एक पर्यटन कंपनी का प्रतिनिधि विभिन्न भागों से आये पर्यटकों का बहुत गर्मजोशी से स्वागत कर रहा था। उन्होंने यहां के दर्शनीय स्थलों के बारे में परिचय देते हुए कहाः
हमारा यह साइकिल सर्किल लगभग 20 किलोमीटर का है जो कि 13 इको-विलेज से होकर गुजरता है। इस रास्ते पर स्थित 13 गाँवों में पारिस्थितिकीगत निर्माण कार्य शुरू हो चुका है जिसमें तुओकुतुन गाँव, शियांग और थिएन शिन गाँव हाय खोउ इको-विलेज में सबसे अच्छा गाँव है। इस रास्ते पर चार स्टेशनों का भी निर्माण किया गया है जहाँ पर आराम करने और कुछ खरीददारी करने की सुविधा उपलब्ध है। इन स्टेशनों में तुओकुतुन स्टेशन को मुख्य स्टेशन बनाया गया है जहाँ पर रूकने के साथ-साथ मनोरंजन के भी सभी साधन उपलब्ध है।
पर्यटन कंपनी के अधिकारी थांग वेइ वेइ ने पूरे विश्वास के साथ कहाः
शहरी जीवन की व्यस्तता के कारण, अब अधिक से अधिक लोग प्रकृति से नजदीकी बढ़ा रहे हैं, और शहर के शोरगुल से दूर रहना चाहते हैं। वे गाँवों में आकर ग्रामीण जीवन का आनंद उठाने के साथ-साथ काम के दबाव को भी कम करना चाहते हैं। अब बिना भागदौड़ वाली जिंदगी लोगों के लिए पसंदीदा जीवन चर्या बन चुका है। यहाँ पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। मुझे विश्वास है कि, यहाँ पर आवश्यक साधनों का निर्माण पूरा होने के बाद आने वाले पर्यटकों की तादाद में दिन पर दिन वृद्धि होगी।
इस साल 19 मई को हाय खोय शहर में 100 किलोमीटर लंबे हरित पर्यटन सर्किल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद औपचारिक तौर पर खोला गया तथा इसका प्रयोग भी शुरू हो गया। इस हरित सर्किल का निर्माण होने से, हाय खोय शहर का समुद्री नजारा, प्राकृतिक सौंदर्य, गांव की सुंदरता सभी एक सूत्र में बंध गये हैं, जिनमें प्राकृतिक पर्यटन स्थल, मानव निर्मित पर्यटन स्थल, हरित साइकिल पथ, स्टेशन आदि भी शामिल हैं। वर्तमान में, हाय खोउ शहर में तरह-तरह के निर्मित या निर्माणाधीन हरित यात्रा पट्टियों ने यहाँ के स्थानीय संस्कृति को भी साथ जोड़ दिया है। साथ ही यहाँ पर गावं के भ्रमण में इको-विलेज पर्यटन का मुख्य संसाधन बन गया है।
हाय खोउ शहर के मेइ लान डिस्ट्रिक्ट के येन फंग कस्बे पर एक नवनिर्मित हरित सफर सर्किल देखा जा सकता है जो गाँव के मुहाने से शुरू होकर गाँव के अंदर तक चले जाता है। यहाँ पर कुछ किसानों के घरों की दीवारों पर रंग-बिरंगी लताएं फैली हुई हैं जो देखने में बहुत सुंदर लगती है। यह रास्ता गोल चक्कर जैसा है और बहुत सारे लोग इसपर दौड़ लगाते हुए दिखते हैं तथा साथ ही किसानों के जीवन का भी अनुभव कर सकते हैं।
शिंगह्वी सांस्कृतिक परिसर के नजदीक स्थित एक विशाल पेड़ के नीचे हमेशा सभा जैसा माहौल रहता है। यहाँ पर बहुत सारे लोग एक साथ इकट्ठे होकर तरह-तरह के कामों में व्यस्त रहते हैं। यहाँ पर कुछ लोग पेड़ों पर झूलता चादर टांगकर छांव में लेटे बातचीत के साथ-साथ गाने का भी आनंद लेते हैं। यहां से कुछ दूरी पर कुछ वृद्ध महिलाएं नारियल के पेड़ के नीचे शीतल हवा का आनंद लेती दिखाई देती हैं तो पास ही में कुछ लोग समुद्र तट पर मछली पकड़ने में व्यस्त दिखाई देते हैं। वहीं पर एक मछली पकड़ने के शौकिन व्यक्ति चिनवी ने कहाः
मैंने इससे पहले इतना सुंदर और प्राकृतिक गाँव नहीं देखा था। मैं यहाँ पहली बार आया हूँ। यहां का वातावरण बहुत अच्छा है। मुझे यहाँ की जीवन शैली बहुत पसंद है। अब मैं यहाँ पर अक्सर मछली पकड़ने आता हूँ। हरेक बार शाम के छह बजे तक वापस जाता हूँ। कभी-कभी ज्यादा मछली भी नहीं पकड़ पाता हूँ लेकिन सबसे ज्यादा अच्छा आनंद मछली पकड़ने की प्रक्रिया में है।
शिंगह्वी गाँव में आपको चारों तरफ विभिन्न फलों के पेड़ ही पेड़ दिखाई देंगे। हाय नान प्रांत का विशेष उत्पाद लीची, पपीता, अनानास आदि के पेड़ चारों तरफ दिखाई देते हैं। कुछ लोग बागवानी में फल तोड़ने का मजा भी लेते हैं।
सांस्कृतिक परिसर के दूसरे छोड़ पर बहुत शोर-शराबे की आवाज आ रही थी। जब पास जाकर देखा तो वहाँ पर बास्केटबॉल की मैत्री प्रतियोगिता चल रही था। वहीं से मैच देखकर आ रहे यांग ने कहाः
साप्ताहांत में यहाँ आना, यहाँ के वातावरण का आनंद उठाना, स्थानीय व्यंजनों का जायका लेना, साथ ही स्थानीय लोगों के साथ कुछ खेल खेलना, यह सब बहुत ही अच्छा लगता है। अब मैं यहाँ अक्सर आया करूंगा।
यांग जी एक सरकारी अधिकारी हैं। शहर में रहते हुए बहुत दिन हो गए थे इसलिए चार पांच दोस्तों के साथ इस साप्ताहांत में यहाँ पर गावं के जीवन का आनंद लेने आ गए। उस दिन वे लोग लाल फूलों वाले रास्ते पर सैर किया। वहीं कुछ लोग चित्रकारी भी कर रहे थे। यांग जी के साथ ही आए लियु जी ने कहा कि यहाँ पर आना उन्हें बहुत अच्छा लगता है। गाँव की इस बिना भागदौड़ वाली जिंदगी बहुत अच्छी है।
भागदौ़ड़ रहित जिंदगी का मतलब आलसी जीवन से नहीं है। भागदौड़ रहित जिंदगी जीना सीखने के बाद, भागदौड़ वाली जिंदगी को भी आसानी से वाहन किया जा सकता है।
हमलोगों ने शहर से यहाँ आने के बाद 10 चीनी युवान में एक साइकिल भाड़े पर ले ली तथा घूमना शुरू कर दिया। थक जाने पर, यहाँ हमलोग साइकिल रोककर किसी जगह कॉफी पीते हैं या नारियल का पानी पीते हैं। सुबह 11 बजे हमलोग समुद्री तट पर स्थित एक रेस्तरां में समुद्री मछली सहित कई दूसरे व्यंजनों का भी लुत्फ उठाया। दोपहर बाद यहां पर बास्केटबॉल का आनंद उठाया। इस प्रकार के हिसाब से तो हमलोगों ने 100 चीनी युवान में ही पूरे दिन के आराम का मजा ले लिया है।