एशियाई व यूरोपीय देशों के बीच वस्तुगत सहयोग को मज़बूत करना एक दूसरे की मांग ही नहीं, बल्कि वैश्विक विकास की जरूरत भी है। यह एशिया व यूरोप यहां तक कि विश्व की जोरदार, अनवरत और संतुलित वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए भी मददगार साबित होगा। इस तरह एशिया और यूरोप का सहयोग कर नए विकास को मूर्त रूप देने की कोशिश करनी चाहिए। चीनी उप प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने पहली सितम्बर को सिनच्यांग की राजधानी उरूमछि में यह बात कही।
प्रथम चीन एशिया यूरोप एक्स्पो इसी दिन उरुमछि में शुरू हुआ। ली खछ्यांग ने एक्स्पो में आयोजित चीन एशिया यूरोप के आर्थिक विकास सहयोग मंच को संबोधित करते हुए द्विपक्षीय सहयोग के लिए तीन सूत्रीय प्रस्तावों पर प्रकाश डाला। पहला, व्यापार व पूंजी निवेश आदि वस्तुगत सहयोग को मज़बूत किया जाए। संबंधित देशों को अपने बाज़ार को और खोलकर हर तरह के संरक्षणवाद का विरोध करना चाहिए। दूसरा, बुनियादी संस्थापनों के क्षेत्र में आवाजाही मजबूत की जाय। चीन संबंधित देशों के यातायात, दूरसंचार आदि बुनियादी संस्थापनों के निर्माण के समर्थन के लिए उदार नीतियां अपनाएगा। तीसरा, उच्च स्तरीय कारोबारों व उद्यमों के बीच पारस्परिक सहयोग के स्तर को उन्नत किया जाए। विभिन्न देशों को नीतिगत समर्थन व प्रोत्साहन देना चाहिए, ताकि संसाधनों की श्रेष्ठता को आर्थिक श्रेष्ठता में बदला जा सके।
गौरतलब है कि प्रथम चीन एशिया यूरोप एक्स्पो एक से पांच सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है।
(श्याओ थांग)