चीनी सांस्कृतिक अवशेष की विकास प्रक्रिया में तिब्बती विरासतों की संरक्षण परियोजना का स्तर सबसे बड़ा है, उसमें निवेश भी सबसे अधिक किया गया है।
तीसरे चीनी तिब्बती संस्कृति मंच से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 30 सालों में चीन ने तिब्बत की सांस्कृतिक विरासतों, मुख्य ऐतिहासिक स्थलों व क्रांतिकारी अवशेषों के संरक्षण में कुल 1 अरब 45 करोड़ युआन खर्च किए गए।
अस्सी के दशक से बीसवीं सदी के अंत तक, पोताला महल, जोखांग मंदिर , टाशिलहुंपो मठ आदि मुख्य सांस्कृतिक विरासतों व प्राचीन स्थलों की आपातकालीन रख-रखाव संरक्षण परियोजना चलाई गयी और 30 करोड़ युआन से ज़्यादा का निवेश भी किया गया। नई सदी की शुरूआत से चीन ने पोताला महल, स्काया मंठ, नोपुलिंग्का की तीन विरासतों के संरक्षण में फिर 38 करोड़ युआन लगाए। इन तीन विरासतों की संरक्षण परियोजना के अंत तक चीन ने तिब्बत में अन्य 22 विरासतों की संरक्षण परियोजना शुरू की, जिसमें कुल 57 करोड़ युआन खर्च किए गए।
(मीरा)