अमेरिका द्वारा घोषित 2011 में चीन की सैन्य व सुरक्षा स्थिति की विकास रिपोर्ट को लेकर चीनी पीपुल्स डेली ने 26 अगस्त को कहा कि इस रिपोर्ट से जाहिर है कि अमेरिका अपने हितों से संबंधित मुद्दों पर चीन से मदद हासिल करना चाहता है वहीं अन्य मसले उठाकर चीन पर दबाव भी डालना चाहता है। इस अंतर्विरोध रुख से दोनों देशों के आपसी विश्वास को नुकसान पहुंचा है।
इस लेख में कहा गया है कि अमेरिका द्वारा घोषित 84 पेज की रिपोर्ट में थाईवान जलडमरूमध्य , चीन की सैन्य शक्ति की बढ़ोतरी, नौसेना के विकास, दक्षिण चीन सागर आदि मुद्दों पर विरोधाभासी उल्लेख है। अमेरिका के न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अमेरिकी रक्षा मंत्रालाय का वार्षिक व्यय चीन के सैन्य खर्च से 5 खरब डॉलर अधिक है। इराक व अफगानिस्तान में युद्ध के खर्च को मिलाकर यह राशि 7 खरब डॉलर बनती है।
इस लेख में यह भी कहा गया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जनरल छन पिंगद ने तीन महीने पहले अमेरिका की यात्रा करते समय कहा कि चीनी सेना अमेरिकी सेना के साथ टकराव नहीं चाहती है। इस साल चीन व अमेरिका दोनों सेनाओं के वरिष्ठ नेताओं के बीच मुलाकात से चीन व अमेरिकी सेनाओं के बीच वार्ता करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
(नीलम)