लीबिया के विपक्षी सशस्त्र बल के अनुसार उस ने देश के पश्चिमी शहर जिल्तान पर पूरा कब्जा कर लिया है।इस शहर में सफाए का काम चल रहा है।
लीबियाई विपक्षी दल की जिल्तान में स्थित मीडिया समिति के अधिकारी ने 19 तारीख को संवाददाताओं के समक्ष कहा कि सारा जिल्तान शहर विपक्षी सशस्त्र बल के नियंत्रण में आ गया है और इससमय शहर से गद्दाफी प्रशासन की सेना की बची-खुची दुकड़ियों को भगाने की मुहिम चल रही है।इस अधिकारी के अनुसार 18 तारीख को विपक्षी सशस्त्र बल ने जिल्तान पर भीषण हमला बोलना शुरू किया।दोनों पक्षों के बीच हुई तीव्र मुठभेडों में विपक्षी बल के 32 जवानों की जान चली गई और अन्य 125 से अधिक जवान जख्मी हो गए।गद्दाफी प्रशासन के एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर और कई सैनिकों को पकड़ा गया,साथ ही अन्य 45 सैनिक मारे गए।इससे पहले गद्दाफी की सेना की ओर से हुए मिसाइल-हमले में कई आम लोग घायल हुए थे।
जिल्तान लीबिया के तीसरे बड़े शहर मिस्राता और राजधानी त्रिपोली के बीच में बसा है।त्रिपोली से 160 कि.मी दूर स्थित यह शहर सरकारी सेना द्वारा त्रिपोली की ओर विपक्षी सशस्त्र बल को बढने से रोकने के लिए एक प्रमुख जरिया है।अगस्त के शुरू होने के बाद इस शहर में सरकारी सेना और विपक्षी सशस्त्र बल के बीच अनेक भीषण लड़ाइयां हुई हैं,जिनमें भारी हताहती हुई है।
विपक्षी दल ने कहा कि इस समय राजधानी त्रिपोली अलगाव में फंसे द्वीप जैसा हो गया है।गद्दाफ़ी कहां जाएंगे,इसपर अकटलों का बाजार गर्म हो रहा है।कई मीडिया संस्थाओं ने तो गद्दाफी के वेनेजुल्लाह जाने की खबर दी।उधर वेनेजुल्लाह के उपविदेश मंत्री तमिर पोरास ने 19 तारीख को इस खबर को सरासर निराधार अफवाह करार दिया।वेनेजुल्लाह के राष्ट्रपति भवन के अन्य एक जानकार सूत्र ने भी कहा कि उन्हें इस के बारे में कुछ भी पता नहींहै।