अमरीका के उपराष्ट्रपति जोसेफ़ बाइडेन ने चीन के उपराष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग के नियंत्रण पर 17 तारीख को पेइचिंग पहुंचकर चीन का 5 दिनों का दौरा शुरू किया।चीन में अपने प्रवास के दौरान वे चीनी राजनेताओं से द्विपक्षीय,क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सवालों पर विचार-विमर्श करेंगे।
उपराष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन की यह पहली चीन-यात्रा है।
गत जनवरी में चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिंगथाओ ने अमरीका की यात्रा की थी।उस दौरान जारी चीन-अमरीका संयुक्त घोषणा-पत्र में दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आवाजाही को बढाने की महत्ता पर जोर दिया गया है और अमरीका के उपराष्ट्रपति बाइडेन का इससाल के भीतर चीन जाने की बात तय की गई है तथा कहा गया है कि अमरीका चीनी उपराष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की अमरीका-यात्रा का स्वागत करता है।15 तारीख को हाइट हाउस ने बल देकर कहा कि बाइडेन की चीन-यात्रा का मुख्य मकसद चीन-अमरीका संबंधों के भावी विकास की नींव डालना है।यात्रा के दौरान जिन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा,उन के कई अंदाज लगाए गए हैं।उन के अनुसार अमरीका के कर्ज सवाल के चीन-अमरीका के आर्थिक व व्यापारिक संबंधों पर असर और थाईवान सवाल विचार-विमर्श के विषय होंगे।
बाइडेन 22 तारीख तक चीन में ठहरेंगे।पेइचिंग के बाद वे सछ्वान प्रांत की राजधानी छंगतू जाएंगे।वहां वे सछवान विश्वविद्यालय में चीन-अमरीका रिश्तों पर अहम भाषण देगे।इस के बाद वे तू च्यांगयांग बांध और उस के पास वन छ्वान का दौरा करेंगे।ये दोनों जगहें 2008 में विनाशकारी भूकंप की चपेट में आई थीं।
चीन की अपनी यात्रा समाप्त कर बाइडेन मंगोलिया गणराज्य औऱ जापान जाएंगे।