दोस्तो , 14 अगस्त को पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस था , जब इस दिवस की 64 वीं वर्षगांठ की खुशियों में समूचे देश के विभिन्न क्षेत्रों में झंडा रोहण रस्म और विविधतापूर्ण आयोजन हो रहे थे , तो पाकिस्तान की अंदरुनी सुरक्षा स्थिति फिर भी गम्भीर बनी रही है और आतंकी हमले कभी कभार देखने को मिलते हैं । 14 अगस्त को यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन दक्षिण पाकिस्तान के बलुचिस्तान प्रांत के एक होटल में बम का हमला हुआ , जिस से 11 लोग मारे गये और अन्य 20 से अधिक लोग घायल हुए । उसी दिन सुबह उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान के उत्तर वाजिरिस्तान कबीलाई क्षेत्र में अवस्थित एक फौजी छावनी में राँकेट का प्रहार हुआ , जिस से 28 नागरिक हताहत हुए । विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान का आतंक विरोधी रास्ता चुनौतियों से भरा हुआ है , निकट भविष्य में पाक सुरक्षा स्थिति फिर भी बहुत जटिल बरकरार रही है ।
पाकिस्तान की हालिया सुरक्षा स्थिति में मुख्यतः निम्न तीन विशेषताएं नजर आती हैं , सर्वप्रथम तालिबान के आतंकी प्रहार , खासकर कबीलाई क्षेत्रों पर प्रहार लगातार भीषण रुप ले रहे हैं । उत्तर पश्चिम पाकिस्तान के पेशावर शहर में 11 अगस्त को हुए एक बम धमाके में 6 मृतकों में से अधिकतर पुलिसमैन थे । फिर कई घंटे बाद एक अन्य पुलिस चौकी में विस्फोट हुआ . जिस से एक 20 उम्र से कम महिला आत्मघाती हमलावर और अन्य एक महिला की मृत्यु हुई । दूसरी तरफ आतंकवादियों ने अपना प्रभाव प्रमुख शहरों तक बढा दिया , जिस से पाकिस्तान के प्रमुख शहरों की सुरक्षा स्थिति में बिगाड़ आयी है । इस माह की दो तारीख को राजधानी इस्लामाबाद के निकट पानीकाला क्षेत्र में एक रिमोट बम विस्फोट हुआ , विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रहार फौजी व सरकारी अधिकारियों के खिलाफ हुआ था । 13 अगस्त को एक अमरीकी नागरिक पूर्वी पाकिस्तान के लाहौर में अपने निवास स्थान पर अपहृत हुआ । तीसरी तरफ जातियों और पार्टियों के बीच अंतरविऱोधों से दक्षिण पाकिस्तान , खासकर कराची में मुठभेड़ें दिन ब दिन गम्भीर हो गयी हैं । गत पांच जुलाई को कराची में बड़े पैमाने वाला दंगाभसाद हुआ , उसी दिन रात को अनेक बंदूकधारी व्यक्तियों ने दो बसों पर गोलियां चलाईं , मौके पर दसियों लोग हताहत हुए । इस के बाद कराची की सुरक्षा स्थिति में बिगाड़ आयी और सौ से ज्यादा सशस्त्र व्यक्तियों और बेगुनाह नागरिकों की मौत हुई ।
विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान की अंदरुनी सुरक्षा स्थिति में बिगाड़ आने के कई कारण ये हैं कि पहले पाकिस्तान में अमरीका विरोधी मनोभाव फिर भी बुलंदी पर है । चालू वर्ष में पाक अमरीका संबंध में उतार चढाव आया है , खासकर अमरीकी सेना द्वारा अल कायदा के सरगना बिन लादेन को मारे जाने के बाद पाक अमरीका संबंध में शीघ्र ही भारी गिरावट आयी , पर पाकिस्तान के प्रति अमरीका के रवैये में कोई मूल बदलाव नहीं आय़ा । हाल ही में अमरीकी सेना के चालक रहित विमानों ने क्रमशः पाकिस्तान के उत्तर माजिरिस्तान आदि क्षेत्रों पर अनेक बार प्रहार किये । इस के अलावा अमरीका के दबाव तले पाक सेना ने हाल ही में उत्तर पश्चिम पाकिस्तान के मालाकंद और बलुचिस्तान प्रांत आदि क्षेत्रों में अल कायदा और अन्य आतंकी संगठनों की बची खुची शक्तियों विरोधी फौजी अभियान चलाये । इस सिलसिलेवार कदमों से पाक अंदरुनी अमरीका विरोधी मनोभाव और तीव्र हो गया , साथ ही पाक सेना और सरकार के उच्च अधिकारी अल कायदा और तालिबान आदि आतंकी सगठनों का बदला लेने का मुख्य निशाना बन गये ।
दूसरे , अफगानिस्तान की अस्थिर स्थिति से भी पाक सुरक्षा स्थिति पर परोक्ष प्रभाव पड़ा । इधर दिनों में अफगान तालिबान और अमरीका की रहनुमाई में नाटो टुकड़ियों के बीच भीड़ंत जारी रही , अमरीका के दबाव में अफगान तालिबान तत्व पाकिस्तान में फरार हुए , यह स्थिति पाक सुरक्षा स्थिति के लिये एक भारी खतरा है । इसे ध्यान में रखकर पाकिस्तान ने मालाकंद , मोहमद और बाजोर आदि क्षेत्रों में तालिबान पर प्रहार करने के साथ साथ पाक अफगान सीमांत क्षेत्रों में नौ सौ से अधिक चाकी स्थापित किये और आतंकवादियों को रोकने के लिये सीमांत क्षेत्रों में 50 हजार से अधिक पाक सैनिकों को भेज दिया ।
तीसरे , पाक अंदरुनी परिस्थिति में आया उतार चढाव सुरक्षा स्थिति के लिये एक अनिश्चित तत्व भी है । हाल ही में पाक राजनीतिक स्थिति डावांडोल आयी है , एकीकृत राष्ट्रीय आंदोलन ने सत्तारुढ़ गठबंधन से हटने की घोषणा की , फिर पाकिस्तान के प्रथम बड़े शहर कराची में गम्भीर दंगाफसाद हुआ , जिस से सैकड़ों व्यक्तियों की मृत्यु हुई ।
लोकमत का मानना है कि हाल ही में पाक सुरक्षा स्थिति में बिगाड़ आने से जाहिर है कि विभिन्न प्रकार वाले अंतरविरोध जटिल होते जा रहे हैं । अनुमान किया जा सकता है कि निकट भविष्य में उक्त अंतरविरोधों का समाधान करना कठिन है , पाक सुरक्षा स्थिति फिर भी गम्भीर बनी रहेगी ।