पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने रविवार को स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर आंतकवाद को जड़ से मिटाने के लिए एकजुट होकर लड़ने की अपील की।
राजधानी में 31 तोपों की सलामी तथा प्रांतीय राजधानियों में 21 तोपों की सलामी के साथ समारोह शुरु हुआ।
प्रधानमंत्री गिलानी ने इस्लामाबाद में ध्वाजारोहण के पश्चात शहर के जिन्ना कन्वेंशन सेंटर से राष्ट्र को संबोधित किया।
गिलानी ने कहा पाकिस्तान ने राष्ट्र हित तथा वैश्विक प्रतिबद्धता के साथ आतंकवाद और उग्रवाद से लड़ने की चुनौती को सफलतापूर्वक स्वीकार किया है।
पाकिस्तान के लोगों के समर्थन के साथ सरकार ने आतंकवाद से लड़ने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
उन्होंने कहा, राष्ट्रीय पहचान की रक्षा के लिए तथा इतनी बाधाओं के बाद भी पाकिस्तान की संप्रभुता की रक्षा के लिए पाकिस्तानी राष्ट्र तथा सुरक्षा बलों ने जान और माल का भारी बलिदान दिया है।
इससे पहले राष्ट्रपति जरदारी ने औपचारिक रूप से समारोह का उद्घाटन किया तथा सभा में कहा कि संसद, देश की जनता और सेना मिलकर सभी चुनौतियों का सामना करेंगे और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में देश को उचित स्थान तथा सम्मान दिलवाएँगे।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख अशफाक परवेज़ कयानी ने अपने भाषण में आतंक-विरोधी युद्ध में सैनिकों तथा नागरिकों के बलिदान को स्वीकार कर उनके परिवारजनों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
जनरल कयानी ने एबटाबाद में पाकिस्तानी सैन्य अकादमी में शनिवार देर रात स्वतंत्रता दिवस के प्रतिभागियों से कहा कि उनके बलिदान, निस्संदेह, राष्ट्र की क्षमता और अखंडता, संप्रभुता के लिए किसी भी खतरे से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पाकिस्तान को अगस्त 1947 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिली और 14 अगस्त को राष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
हेमा