साठ साल पूर्व चीन की केंद्र सरकार और भूतपूर्व तिब्बती स्थानीय सरकार ने《तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति संधि》पर हस्ताक्षर किए, जिससे तिब्बती समाज आधुनिक हुआ। इस वर्ष शांतिपूर्ण मुक्ति की साठवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हमारे संवाददाताओं ने तिब्बत के विभिनन स्थलों का दौरा किया। उन्होंने स्थानीय तिब्बती नागरिकों व पर्यटकों के साथ बातचीत की और तिब्बत में आर्थिक व सामाजिक विकास की नई स्थिति की जानकारी ली। दिलचस्प बात यह है कि विकसित हो रहे तिब्बत को सुयोग्य व्यक्तियों की भारी आवश्यकता है, जबकि देश के दूसरे प्रांतों व शहरों के पास ज्यादा उपयोगी तकनीक व प्रतिभाओं को देने का विचार भी है।
विशेष भौगोलिक स्थिति व जलवायु के कारण लम्बे समय में तिब्बत के बाज़ार में सब्ज़ियों व फलों की कमी रहती आयी है। पेइचिंग वासी यू क्वोछिंग यह जानने के बाद अपनी पत्नी के साथ तिब्बत गए और यहां एक फल उत्पादन केंद्र यानी ल्हासा छ्वुश्वेइ पठारीय फल उत्पादन केंद्र की स्थापना की। केंद्र स्थापित करने की वजह बताते हुए यू क्वोछिंग ने कहा:
"मेरा विचार है कि तिब्बत फल उगाने के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ जगह है, यानी विश्व में सबसे स्वच्छ भूमि के चलते यहां प्रदूषण नहीं है। दूसरा यहां पराबैगनी किरणें बहुत तेज़ है। तिब्बत में रात को तापमान कम होने से ठंड पड़ती है और दिन में तापमान ऊंचा होने से गर्मी लगती है। यह फल उगाने के लिए लाभदायक है।"
पठार व भीतरी इलाके के अन्य स्थलों में फल उगाने की स्थिति में काफी अंतर होता है। इस तरह बड़ी मात्रा में फल उगाने से पूर्व संबंधित परीक्षण की आवश्यकता होती है। वर्तमान में यू क्वोछिंग के फल उत्पादन केंद्र में कई किस्मों वाले फल उगाए जाने का परीक्षण किया जा चुका है, जिनमें स्ट्रॉबेरी, चेरी, अंगूर, ब्लूबेरी आदि शामिल हैं। परीक्षण सफल होने के बाद यू क्वोछिंग फल उत्पादन के दौरान हासिल अनुभवों को स्थानीय तिब्बती किसानों को बताते हैं। इसकी चर्चा में उन्होंने कहा:
"हम परीक्षण करने के बाद अपने अनुभव स्थानीय किसानों को बताते हैं। तिब्बती हमसे सीखते हैं और उनके द्वारा उगाए गए अच्छी गुणवत्ता वाले फल खरीदते हैं।"
यू क्वोछिंग इस प्रकार के तरीके को"कंपनी प्लस केंद्र प्लस किसान"कहा जाता है। यह तरीका स्ट्रॉबरी उगाने के क्षेत्र में विस्तार के लिए अपनाया गया, जो अब परिपक्व हो गया है। उनकी पत्नी ल्यू वेई ने हमारे संवाददाता से कहा कि इस प्रकार के आर्थिक नमूने से स्थानीय तिब्बती किसानों का बोझ भी कम हो जाता है, क्योंकि वे फलों की बिक्री के बारे में चिंतित नहीं होते। ल्यू वेई ने कहा:
"हम किसानों को संबंधित तकनीक, फलों के पौधे देते हैं और बाद में उनके द्वारा उत्पादित फलों को खरीदते हैं, जिससे किसानों की बिक्री वाली चिंता दूर हो गई है। पहले अधिकांश किसान फलों की बिक्री को लेकर काफी चिंतित होते थे। अब हमारे इस प्रकार के आर्थिक नमूने से उन्हें गारंटी मिल चुकी है। चाहे खेती में फलों की पैदावार कैसी ही क्यों न हो, हम उन्हें न्यूनतम फ़ीस की गारंटी देते हैं और उनके उत्पादित सभी फल खरीदते हैं।"
वर्तमान में यू क्वोछिंग के फल उत्पादन केंद्र में कुल 92 स्ट्रॉबरी ग्रीनहाउस हैं, प्रति वर्ष ग्रीनहाउस की पैदावार 1500 किग्रा. के आसपास है, जिससे तीस हज़ार युआन का उत्पानद मूल्य प्राप्त होता है। स्थानीय तिब्बती किसान फल उगाने वाली तकनीक के साथ स्थिर आय भी हासिल करते हैं।
फल उत्पादन केंद्र की तरह तिब्बत य्वानचङ काग़ज़ कंपनी ल्हासा की छ्वुश्वेइ कांउटी में स्थित है। पहली खेप में 25 करोड़ युआन लगाकर पर्यावरण संरक्षण वाली पुनरुत्पादनीय काग़ज़ निर्माण योजना पूरी होकर उत्पादन में इस्तेमाल हो रही है। भीतरी इलाके के शान्नशी प्रांत के वांग लोंग तिब्बत आए, जो काग़ज़ निर्माण में निपुण हैं। वे इस काग़ज़ कंपनी के स्थाई उप मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि पहले तिब्बत की यात्रा करना उनकी अभिलाषा थी।
"लोगों को लगता है कि तिब्बत एक रहस्यमय स्थल ही नहीं, पवित्र भूमि भी है। मुझे यहां आने की जिज्ञासा थी।"
लेकिन एक काग़ज़ निर्माण विशेषज्ञ के रूप में वांग लोंग तिब्बत में अपशिष्ट पेपर रिसाइक्लिंग से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा:
"तिब्बत में अपशिष्ट पेपर की रिसाइक्लिंग नहीं की जाती है। पेपर इस्तेमाल किए जाने के बाद उसे फेंक दिया जाता है। हम यहां आकर अपशिष्ट पेपर रीसाइक्लिंग का काम करते हैं। अपशिष्ट पेपर की पुनः प्रोसेसिंग करते हैं।"
पचास वर्षीय वांग लोंग अपनी पेशेवर तकनीक के जरिए तिब्बत के विकास में योगदान कर रहे हैं। वास्तव में तिब्बत आने से पूर्व इसी क्षेत्र के मानवीय व प्राकृतिक पर्यावरण के बारे में उनके पास कम जानकारी थी। लेकिन उन्होंने बिना संकोच तिब्बत आने का निश्चय किया। इसकी चर्चा में उन्होंने कहा:
"वर्तमान तिब्बत में सुयोग्य व्यक्तियों की बड़ी आवश्यकता है। हम यहां आकर उसकी सहायता कर सकते हैं। मेरी उम्र वाले और मुझ जैसे व्यक्ति, जो कागज़ तकनीक से परिचित है, भीतरी इलाके में ज्यादा हैं। लेकिन मेरे विचार है कि तिब्बत में काम करने का ज्यादा महत्व है। दूसरी तरफ़ अगर यहां हम सुयोग्य व्यक्तियों का प्रशिक्षण करेंगे, तो तिब्बत के विकास के लिए लाभदायक होगा।"
वांग लोंग ल्हासा में दो महीने से ज्यादा समय ठहरे , उधर यान क्वेइयिंग तो एक पुरानी ल्हासा वाली जैसी हैं। भीतरी इलाके के सछ्वान प्रांत से वे दस साल पूर्व तिब्बत आई। शुरू में एक वस्त्र कंपनी में प्रबंधन कार्य करती थी। आठ साल पूर्व उन्होंने तिब्बत की राजधानी ल्हासा स्थित यूरोपीय मार्क वाले पुरूष वस्त्र जैक अंड जोन्स की दुकान का काम देखना शुरू किया और वे ल्हासा क्षेत्र में इसी मार्क की क्षेत्रीय मैनेजर बनकर स्थानीय तीन दुकानों का प्रबंधन करती हैं। एक पुरानी ल्हासा वासी के रूप में यान क्वेइचिंग के पास स्थानीय रीति रिवाज़ व संस्कृति की ज्यादा जानकारी है। उन्होंने कहा:
"जैक अंड जोन्स के ल्हासा में प्रवेश करने के बाद शुरुआत में कम लोग इसे स्वीकार करते थे। इस तरह कई लोग इस प्रकार के वस्त्रों के भावी विकास के प्रति आशाप्रद नहीं थे। उस समय सिर्फ सबसे फैशनेबल ल्हासावासी ही इसे स्वीकार करते थे।"
यांन क्वेइयिंग ने कहा कि शुरू में दुकान में आने वाले ग्राहक आम तौर पर तिब्बत की यात्रा करने वाले पर्यटक थे, जिनके पास तिब्बत के मौसम के बारे में कम जानकारी होती थी। लेकिन तिब्बत के विकास के चलते धीरे-धीरे ज्यादा से ज्यादा ल्हासा वासी विशेष कर युवा यूरोपीय व अमेरिकी डिजायनरों द्वारा डिज़ायन किए गए वस्त्रों को स्वाकीर करने लगे हैं। इस तरह विदेशी मार्कों की मान्यता लगातार बढ रही है। इसकी चर्चा में यान क्वेइयिंग ने कहा:
"मेरा मतलब है कि पांच या सात व आठ वर्ष पूर्व यहां फैशनेबल ब्रांड कम थे। लेकिन आज धीरे-धीरे मशहूर ब्रांड तिब्बत में खुल गए हैं।"
ऐसा कहा जा सकता है कि वस्त्र बिक्री की वृद्धि तिब्बत के आर्थिक व सामाजिक विकास से अलग नहीं है। साथ ही तिब्बत की समृद्धि व विकास भीतरी इलाके से आए यू क्वोछिंग, वांग लोंग और यान क्वेइयिंग आदि व्यक्तियों की सहायता के बिना भी संभव नहीं है।
स्ट्रॉबरी उगाना तिब्बत के कृषि विकास को आगे बढ़ाता है। पर्यावरण संरक्षण वाले काग़ज़ का निर्माण करना तिब्बत के औद्योगिक उत्पादन का विकास है। विदेशी मशहूर वस्त्र ब्रांड के प्रवेश से तिब्बत में सेवा व्यवसाय का विकास बढ़ा है। इस तरह पहले, दूसरे व तीसरे व्यवसायों के सर्वांगीण विकास से तिब्बत की समृद्धि व स्थिरता के लिए अनुकूल स्थिति तैयार हुई है। साथ ही तिब्बत की समृद्धि व स्थिरता से देशी विदेशी पर्यटक, अच्छे पर्यटन वातावरण का लाभ उठा सकते हैं।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा स्थित पोटाला महल के सामने चौक पर हमारे संवाददाता की मुलाकात जर्मन युवक अंद्रे से हुई। उन्होंने कहा कि तिब्बत में चार दिन बीत चुके हैं, नामूत्सो झील का सुन्दर दृश्य वह कभी नहीं भूल सकता। अंद्रे की नज़र में तिब्बत के ऊंचे पहाड़, सुन्दर भूमि आश्चर्यजनक हैं। जर्मन युवा अंद्रे ने कहा:
"तिब्बत आने के बाद मुझे पता चला कि यहां हमारे संकल्प से ज्यादा अच्छा है। जर्मनी में इतने शानदार पहाड़ नहीं होते। हमारे लिए यह बहुत आश्चर्यजनक व अविस्मरणीय यात्रा है।"
अंद्रे ने कहा कि तिब्बत की पांच दिवसीय यात्रा के बाद वे अपने साथियों के साथ शांगहाई का दौरा करेंगे और चीन यात्रा जारी रखेंगे।
दोस्तो, चाहे देश में भीतरी इलाके के विभिन्न स्थलों के लोग हो, या देशी विदेशी पर्यटक, वे उत्पादन तकनीक लाकर तिब्बत में मकानों व कारखानों का निर्माण करते हैं, प्रगतिशील प्रबंधन अनुभव लाकर तिब्बत में व्यापार करते हैं, या अपने सपनों को पूरा करने के लिए तिब्बत की यात्रा करने आते हैं। शांतिपूर्ण मुक्ति से तिब्बती समाज आधुनिकीकरण की ओर बढ़ने लगा है, तिब्बती जनता बाहरी दुनिया के साथ ज्यादा संपर्क करती है और बाहरी दुनिया से हासिल प्रगतिशील अनुभवों से अपना विकास करती है। आज तिब्बत पुरानी सभ्यता व आधुनिक संस्कृति को जोड़कर नया रूप दुनिया भर को दिखा रहा है।