संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 9 अगस्त को मीडिया वक्तव्य जारी किया,जिसमें यमन में बिगड़ती मानवीय स्थिति व सुरक्षा स्थिति और अरब प्रायद्वीप में अल-कायदा की शाखा से मिली धमकी पर गंभीर चिंता जतायी गयी।
सुरक्षा परिषद ने यमन के विभिन्न पक्षों से अहम बुनियादी सुविधाओं को नष्ट न करने की अपील भी की, ताकि मानवीय राहत समग्री का परिवहन ठीक से हो सके। साथ ही सुरक्षा परिषद ने उनसे यह भी अपील की कि वे हिंसा छोड़कर सबसे बड़ी हद तक संयम बरतें और यमन के नेतृत्व में एक सुव्यवस्थित राजनीतिक संक्रमण बढ़ाएं,जिसमें सभी पक्ष शामिल हो सकते हैं।इस तरह रूपांतरण के बारे में यमन की जनता की मांग पूरी हो सकेगी।
उसी दिन यमन के विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ने राष्ट्रीय सत्ताधारी आयोग की स्थापना धोषित की,जिसकी अगुवाई में राजनीतिक रूपांतरण पूरा किया जाएगा। यमन के विपक्षी पार्टियों के गठबंधन के अनुसार गठबंधन ने 17 अगस्त को बैठक बुलाकर राष्ट्रीय सत्ताधारी आयोग की स्थापना व संबंधित कार्य घोषित करने का फ़ैसला किया।
फरवरी के मध्य से लेकर यमन में राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सलेह के पद से हटने के अनुरोध पर सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी रहे हैं।हाल में यमन के अधिकांश इलाके डावांडोल स्थिति में पड़े हैं।3 जून को यमन के राष्ट्रपति भवन पर रॉकेट से हमला किया गया, जिसमें सलेह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी घायल हुए।वर्तमान में सलेह इलाज के लिये सऊदी अरब में ठहरे हुए हैं।
28 मई को अरब प्रायद्वीप में अल-कायदा की शाखा ने दक्षिण यमन के ज़िंजिबार शहर को अपने कब्जे में लेने की घोषणा की। इसके बाद यमन की सरकारी सेना और अल-कायदा के बीच घमासान गोलाबारी जारी रही है।अभी तक कम से कम सौ लोगों की मौत हुई।
(लिली)