इराकी शिया समुदाय के नेता मुकताथा अल सादर ने 9 अगस्त को अपने एक बयान में कहा कि इराक में तैनात अमेरिकी सेना निर्धारित समय तक इराक से पूरी तरह से हट जाए।
उसी दिन सादर ने अपने वेबसाइट पर अरबी एवं अंग्रेज़ी भाषा में प्रकाशित अपने बयान में इराक की अराजकता का मुख्य कारण इराक में अमरिकी सेना की उपस्थिति बताया। सादर ने दोहराया कि वे समय-सीमा के बाद भी अमेरिकी सेना का इराक में रहने का विरोध करते हैं। उन्होंने इराकी फौज के प्रशिक्षण के बहाने इराक में कुछ अमरीकी सैनिकों को बनाए रखने पर भी एतराज प्रकट किया।
इराक तथा अमेरिका के बीच एक सैन्य समझौता के अनुसार अमेरिकी सेना को 31 दिसंबर,2011 से पहले इराक से पूरी तरह से हट जाना है। लेकिन हाल ही में अमेरिका ने बार-बार इराक पर दबाव डालते हुए मांग पेश की कि निर्धारित समय के बाद भी कुछ अमेरिकी सैनिक इराक में रहने दे। 2 अगस्त को इराक के विभिन्न राजनीतिक दलों ने बैठक बुलाई और प्रधानमंत्री मलीकी की सरकार को अमेरिकी पक्ष के साथ इराक में कुछ अमेरिकी सैनिकों को बनाए रखने के सवाल पर विचार-विमर्श करने की जिम्मेदारी सौंप दी। (मीरा)