हाई स्कूल के दूसरे वर्ष में सौभाग्य की बात थी।नियम के लिहाज हाई स्कूल के दूसरे साल के छात्र विश्वविद्यालय के लिये परीक्षा में हिस्सा नहीं ले सकते हैं।मगर चीन के विज्ञान व तकनीक विश्वविद्यालय की दाखिला परीक्षा में नाम दर्ज कराने वाले विद्यार्थी यह कर सकते हैं।उस समय मैंने यों ही परीक्षा में भाग लिया, कोई भी तैयारी नहीं की।वांग यू यैन ने कहा कि बाद में मुझे सौभाग्य से मौखिक परीक्षा में प्रवेश लेने का मौका मिला।मौखिक परीक्षा के कई विषयों से जुड़े दौर थे।एक दौर में विश्वविद्यालय के एक गणित के प्रोफ़ेसर और एक भौतिकी प्रोफ़ेसर ने हमारी परीक्षा ली।इस परीक्षा में हमारे नया ज्ञान स्वीकार करने की क्षमता की जांच की गयी।परीक्षा के बाद मुझे यह विश्वविद्यालय बहुत अच्छा लगा।इसलिये मैंने यहां आने का फ़ैसला किया।इससे मैं दूसरे सहपाठियों से एक साल पहले विश्वविद्यालय में आ गयी।
2008 में 16 वर्षीय वांग यू यैन चीन के विज्ञान व तकनीक विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली किशोर स्कूल में भर्ती हुईं।चीन में प्रतिभाशाली किशोरों के लिये शिक्षा वर्ष 1978 में शुरू हुआ।उस समय चीन में प्रतिभाशाली किशोरों की कक्षा स्थापित इसलिए की गई थी कि चतुर बच्चों को ज़्यादा अच्छी तरह श्रेष्ठ बनाया जा सके।30 साल से अधिक विकास करने के बाद प्रतिभाशाली किशोरों की कक्षा का यह नमूना चीन के विज्ञान व तकनीक विश्वविद्यालय में सफलता का कहानी कहता है।इसके साथ इस तरह की कक्षा के विशेष नमूने केवल चीन के विज्ञान व तकनीक विश्वविद्यालय में हैं।वर्ष 2008 में प्रतिभाशाली किशोरों की शिक्षा के लिये पहले की दो कक्षाओं का वर्तमान में एक स्वतंत्र कालेज बन गया है। प्रतिभाशाली किशोर स्कूल के निदेशक छेन यांग च्ये ने हमें बताया
प्रतिभाशाली किशोर कक्षा स्थापित करने का लक्ष्य है कि इससे शिक्षा के रूपांतरण के लिये कोशिश की जा सकेगी।दूसरी ओर हमें उम्मीद है कि इन प्रतिभाशाली किशोरों को साधारण स्कूलों की शिक्षा नहीं बल्कि प्रतिष्ठापित कक्षाओं की शिक्षा दी जा सकेगी।इससे विभिन्न छात्रों को अपनी योग्यता के अनुसार विभिन्न विषय पढ़ाए जाते हैं।इसमें से क्लासरूम के बाहर शिक्षा तथा अन्य विषयों की शिक्षा भी शामिल है।
विश्वविद्यालय में प्रवेश करने के बाद वांग यू यैन व्यस्त और भरपूर जीवन बिता रही है।दो साल तक बुनियादी शिक्षा प्राप्त करने के बाद प्रतिभाशाली किशोर क्लास के छात्र अपनी रूचि,श्रेष्टता व अंतःशक्ति को देखते हुए स्वतंत्र रूप से कालेज और मुख्य विषय चुन सकते हैं।अब वांग यू यैन तीसरे साल की छात्रा है।वर्तमान के जीवन के बारे में उसने कहा कि
तीसरे साल और पहले साल के बीच इतना बड़ा फर्क नहीं है।लेकिन यहां लंबा समय बिताने के बाद मैं इसकी आदी हो गयी हूं और क्लास के विषयों का ज्यादा आनंद भी लेती हूं।पहले साल हमें गणित विद्या,भौतिकी और रसायन सब सीखने चाहिये।भौतिकी पसंद नहीं होने की वजह से पहले साल कुछ कक्षाओं में शामिल होना मुझे बहुत अच्छा नहीं लगा था।तीसरे साल में सभी विषय मेरे पसंदीदा हैं।मेरा मेजर है सांख्यिकी।पढ़ने में मुझे खुशी और यह आसान लगता है।
जून 2009 में वांग यू यैन गणित विद्या विभाग के अधीन सांख्यिकी विभाग की विद्यार्थी बन गयी।इस वर्ष गर्मी की छुट्टियों में वह आदान-प्रदान के लिये अमेरिका के यू.सी.एल.ए यानी लॉस एंजेलस में केलिफॉर्निया विश्वविद्यालय की शाखा में जाएगी।उसने पहले ही मेजर नहीं चुना,जैसा दूसरे बहुत छात्रों ने किया।उसने सीखते-सीखते अपनी रूचि खोजी।वांग यू यैन के अनुसार प्रतिभाशाली किशोर क्लास शिक्षा के नमूने से उसे अपना रास्ता चुनने का अधिकार दिया गया।उसने कहा कि
अब शिक्षा का नमूना बहुत अच्छा है।विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के बाद पहले साल हमें मेजर चुनने की ज़रूरत नहीं थी।एक साल की पढ़ाई के बाद,शायद गणित विद्या के लिये इतनी सुयोग्य नहीं हूं,लेकिन मैं सचमुच इस विषय को बड़ा पसंद करती हूं।अगर मुझे विश्वविद्यालय में प्रवेश करने से पहले मेजर चुनना होता,मैं सांख्यिकी को ज़रूर नहीं चुनती।
स्वतंत्र रूप से मेजर चुनने के संबंध में अग्रिम शिक्षा पाने के लिये अमेरिका जाने वाला लांग याओ भी काफ़ी कुछ बताना चाहता है।
हाई स्कूल में मैंने भौतिकी के अलावा गणित विद्या,रयासन और जैव-विज्ञान से जुड़े प्रतियोगितात्मक विषय सब सीखे थे।विश्वविद्यालय में मेरी पहली भौतिकी क्लास थी यांत्रिकी के बारे में ।मैं एकदम सम्मोहित हो गया।मुझे लगा कि भौतिकी की दुनिया अद्भुत है।और ऐसा लग रहा था कि शायद मुझे इस क्षेत्र में जाना चाहिये।
इसलिये मैंने भौतिकी अपने मेजर के रूप में चुना ।यह चुनाव किसी के दबाव के तहत नहीं बल्कि अपनी रूचि के अनुसार किया।
चीन के विज्ञान व तकनीक विश्वविद्यालय में जो उच्च शिक्षा के लिये परीक्षाओं से दाखिल हुए हैं,वे विद्यार्थी भी बहुत श्रेष्ठ हैं।और उन युवाओं के दिल में भविष्य का सुंदर चित्र भी बन रहा है।हर युवा अपने सपने पूरा करने के लिये स्वतंत्र रूप से अपना रास्ता चुन सकते हैं और प्रयास कर सकते हैं।
20वीं सदी के आठवें दशक से लेकर चीन के विज्ञान व तकनीक विश्वविद्यालय ने प्रतिभाशाली किशोर स्कूल को प्रयोग का केंद्र बनाते हुए विद्यार्थियों की विभिन्न खूबियों के मद्देनज़र उन्हें विभिन्न विषय पढ़ाने की कोशिश की है।ताकि छात्रों की जिज्ञासा और नवाचार की योग्यता प्रोत्साहित की जा सके। प्रतिभाशाली किशोर स्कूल के निदेशक छेन यांग च्ये ने कहा कि
हमारे विश्वविद्यालय में सुधार की काफ़ी योजनाएं प्रतिभाशाली किशोर क्लास में आरंभ की गयी हैं।हम हमेशा प्रतिभाओं को अच्छी शिक्षा देने का काम करते हैं।प्रतिभाशाली छात्रों के लिये शिक्षा ज़रूर व्यक्तिगत शिक्षा होती है।हर विद्यार्थी को जानने के लिये अवश्य ज़्यादा समय लगता है।कहा जा सकता है कि प्रतिभाशाली किशोर क्लास प्रतिभाओं को दी जाने वाली शिक्षा की एक झलक है.
चीन के विज्ञान व तकनीक विश्वविद्यालय में हर साल स्कूल छात्रों को फिर एक बार स्कूल स्तर पर मेजर चुनने में मदद करता है।ताकि विद्यार्थी रूचि के मुताबिक अपने पसंदीदा मेजर चुन सकें।भौतिकी स्कूल के उपनिदेशक यिन मिंग ने हमें बताया कि
हम बीस-तीस लेक्चर आयोजित करते हैं।जिनसे मेजर चुनने के लिये छात्रों को काफ़ी सूचनाएं और मौके दिये जा सकें।भौतिकी स्कूल के उदाहरण के लिये मैं स्कूल की ओर से स्कूल की पूर्ण स्थिति का परिचय देता हूं।इसके बाद हर विभाग के निदेशक तथा विभिन्न विभागों के अधीन शाखाओं के ज़िम्मेदार व्यक्ति अपने विषयों की जानकारियां देते हैं।इसके साथ विभागों के कुछ श्रेष्ठ वैज्ञानिक भी संबंधित परिचय देते हैं।
चीन में बुनियादी शिक्षा की तुलना में परीक्षा के लिये शिक्षा पर ज़्यादा बल दिया जाता है।स्कोर या कॉलेज में दाखिल होने की दर लोगों के सामने सबसे महत्वपूर्ण बात है।इससे युवाओं की रूचि,व्यक्तित्व व कल्पना कुछ हद तक दबायी जाती है।प्राकृतिक विज्ञान से जुड़े प्रतिष्ठान के रूप में छात्रों के स्वतंत्र चुनाव का पूरी तरह सम्मान करने के आधार पर हम उनकी विज्ञान में रूचि विकसित करने पर ध्यान देते हैं।ताकि विद्यार्थी सचमुच विज्ञान को प्यार करें।खगोल भौतिकी केंद्र के प्रफ़ेसर छंग फू ने कहा कि
हाई स्कूल के दौरान अपने पर पड़े ज़्यादा दबाव से वे क्लांत लग रहे थे।विश्वविद्यालय में प्रवेश करते ही किसी विषय पर ध्यान केंद्रित करना उनके लिये मुश्किल है।सब विश्वविद्यालयों में यह बात विभिन्न अनुपात में चल रही है।इसलिये हम इस पर ज़्यादा ध्यान देते हैं कि एक अच्छा वातावरण बनाकर इन छात्रों को प्रोत्साहित करें।