भारतीय उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत में वर्ष 2011 में पहली छमाही में 16.832 बिलियन अमरीकी डॉलर का विदेशी निवेश हुआ है, जिससे एफडीआई में 57 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इस साल के जून माह में एफडीआई में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है जिससे मात्र जून माह में यह राशि 310 प्रतिशत वृद्धि के साथ 5.656 बिलियन अमरीकी डॉलर रही है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च एफडीआई निवेश का रूझान इस वित्तीय वर्ष के शुरूआत से ही बरकरार रहा है।
भारत में इस साल कई परियोजनाओं की स्वीकृति के कारण बहुत बड़ी संख्या में एफडीआई के निवेश होने की संभावना है।
केंद्र सरकार ने जुलाई माह में ब्रिटिश पेट्रोलियम के द्वारा 7.2 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश से रिलायंस इंडस्ट्री के कुछ स्टेक खरिदने पर सहमति दे दी है।
जून माह में यूके में स्थित वेदांता रिसोर्स ने भारतीय निजी कंपनी सायरन इंडिया के 50 प्रतिशत से ज्यादा शेयर खरिदने के लिए लगभग 8.7 बिलियन अमरीकी डॉलर का भुगतान किया है।
संयुक्त राष्ट्र उद्योग एवं विकास के सम्मेलन में कहा गया है कि भारत में वर्ष 2009 में 36 बिलियन अमरीकी डॉलर तथा वर्ष 2010 में 25 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश हुआ था।