हाल में अमेरिकी व यूरोपीय शयर बाज़ार में संकट होने के कारण वैश्विक आर्थिक मंदी फिर से उत्पन्न होने की चिंता बढ़ गई। अनेक निवेशकों को चिंतित है कि इससे चीन की अर्थव्यवस्था, नीति व बाजार को भी टक्कर लगेगा। ड्यूश बैंक के अधीनस्थ ग्रेटर चीन के प्रथम अर्थशास्त्री मा चुन ने हाल में एक अध्ययन रिपोर्ट में उक्त बात कही।
उनके मुताबिक ड्यूश बैंक के ऐसे निर्णय के दो अहम कारण हैं। पहला, चीन के निर्यात में कमी होने की गति संभवतः उम्मीद से तेज़ होगी। दूसरा, बाजा़र, शयर, निर्यात, समुद्री नौवहन, बंदरगाह, कच्ची सामग्री और जमीन जायदाद आदि क्षेत्रों को नकारात्मक जोखिम का सामना पड़ेगा। अनुमान के मुताबिक निर्यात से संबंधित व्यवसायों को सबसे गंभीर टक्कर लगेगा।
मा चुन का मानना है कि अगर अमेरिका और यूरोप की अर्थव्यवस्थाएं और बिगड़ होंगी, तो चीन सरकार संभवतः ब्याज दर, जमा राशि के नकद आरक्षित अनुपात, आरएमबी के मूल्य में बढ़ोतरी, ऋण और वित्तीय नीति आदि क्षेत्रों में समायोजन करेगी।
हालांकि ऐसी स्थिति हो रही है, लेकिन चीन में आर्थिक विकास का अनुमान कम नहीं हुआ। तीसरी तिमाही में चीन में आर्थिक वृद्धि दर 9.1 से 9.2 प्रतिशत तक होने की संभावना है, चौथी तिमाही में यह दर 9 प्रतिशत से कम की जाएगी।
(दिनेश)