अर्थव्यवस्था की निराशाजनक भविष्यवाणी के कारण बाजार में आशंकाएं बढती गई हैं।4 तारीख को विश्व के प्रमुख शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई।अमरीकी शेयर बाजार में वर्ष 2008 के बाद सब से बड़ी गिरावट आई।सबसे बड़ी तीन शेयर सूचकांकों में गिरावट 4 प्रतिशत से अधिक थी।कारोबार बंद होने के समय यूरोपीय शेयर बाजार भी भारी गिरावट के साथ बंद हुए,जिन में गिरावट 3 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई।लातिन अमेरिकी शेयर बाजारों में भी गिरावट 5 प्रतिशत से अधिक देखने को मिली। 5 तारीख को एशियाई शेयर बाजारों में भी व्यापार शुरू होते ही बड़ी गिरावट आने लगी। इस के अलावा 4 तारीख को अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमत भी 5 प्रतिशत से अधिक गिर गई।।
विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक शेयर बाजारों में हुई इस भारी गिरावट के दो कारण हैं।एक है यूरोप में कर-संकट का गहराना और दूसरा है अमरीका में ऋण-सीमा पर समझौता होने के बावजूद आर्थिक मंदी बनी रहना।
दूसरे विश्लेषकों का कहना है कि हमें निराश नहीं होना चाहिए। गत गर्मियों में न्यूयार्क शेयर बाजार में भी ऐसी स्थिति आयी थी, लेकिन नई आसान मौद्रिक नीति लागू करने के बाद न्यूयार्क शेयर बाजार बहाल हुआ। इसके अलावा नवोदित आर्थिक समुदाय आर्थिक पुनरूत्थान में अधिकाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।(होवेइ)