उन नेपाली बच्चों ने रोज शीन आन अंतर्राष्ट्रीय बागबानी मेले के आयोजन की जगह कार्यक्रम पेश करने के लिए मोटे मोटे कपड़े पहनकर दो बार जातीय गाना गाया व नृत्य किया। हर बार का कार्यक्रम पेश करने के बाद पसीने से वे लथपथ हो गए । लेकिन उन्हें थकान महसूस नहीं हुई । कार्यक्रम समाप्त करने के बाद फूल कारों से अभ्यास करने की जगह वापस जाने के समय वे बहुत खुश हैं। क्योंकि उस समय वे आराम से अंतर्राष्ट्रीय बागबानी मेले के सुंदर दृश्य देख सकते हैं। चीन आने के कुछ दिनों बाद ही वे अंतर्राष्ट्रीय बागबानी मेले के सुंदर दृश्य सही रूप से महसूस कर सकते हैं। हर बार जब संवाददाताओं ने उन्हें पूंछा कि चीन के बारे में आप क्या महसूस करते हैं?इन प्यारे बच्चों ने अक्सर कहा कि चीन बहुत सुन्दर है।
श्याम काठमांडू के एक अंतर्राष्ट्रीय मध्य विद्यालय से आया एक लड़का है। कार्यक्रम में उसने एक जादूगर की भूमिका निभाई। कार्यक्रम में उसने अक्सर इधर-उधर जाकर दर्शकों को चिढाया। बहुत दिलचस्प है। यह श्याम की पहली चीन यात्रा है। पहले चीन के बारे में उस की जानकारी बहुत कम थी। लेकिन यहां आने के बाद उसे मालूम हुआ कि चीन कितना अच्छा देश है।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है चीन एक बहुत अच्छा देश है। नेपाल के बराबर नहीं है। यहां के रास्ते पर बहुत साफ हैं। चीनी लोग बहुत मैत्रीपूर्ण व उत्साही हैं। हमारे रहने वाले होटल भी बहुत अच्छे हैं। अंतर्राष्ट्रीय बागबानी मेला बहुत सुन्दर है। शी आन और पेइचिंग दोनों बहुत सुन्दर शहर हैं। इस बार हमने पेइचिंग में लम्बी दीवार, पेई था शी मठ की यात्रा की। और शी आन में हम मिट्टी योद्धाओं व ह्वा छिंग पुल की यात्रा करेंगे। मुझे विश्वास है बहुत मजा आएगा। ये दोनों शहर बहुत अच्छे हैं।
13 वर्षीय लड़की पारिस भी काठमांडू से आई है। कार्यक्रम में उसने नेपाल की जीवित देवी की भूमिका निभाई है। यह सुन्दर नेपाली लड़की कार्यक्रम में फूल कार के सबसे सामने स्थान पर बैठी, जैसे नेपाल की जीवित देवी ।
नेपाल एक परंपरागत देश है। लड़कियां अक्सर परंपरागत कपड़े पहनती हैं। लेकिन जीवन में पारिस एक फैशनबल लड़की है। उसने कहा कि इस बार चीन आने के बाद उस पर सबसे गहरी छाप जो पड़ी वह है चीन के युवा लोगों का इतना फैशनेबल व सुन्दर होना। उसें चीनी लड़कियों के कपड़े बहुत पसन्द हैं।
उसने कहा कि चीन आने के बाद जो भी चीजें मैंने देखी वे बहुत अच्छी हैं। चीनी लोग मैत्रीपूर्ण हैं। चीन की यात्रा में मुझे चीज़ें खरीदना बहुत पसन्द है। मुझे लगता है कि चीन के कपड़े बहुत फैशनेबल व सुन्दर हैं। नेपाली कपड़े के मुकाबले मुझे चीनी कपड़ें ज्यादा पसन्द हैं।
उसने चुपचाप संवाददाताओं को बताया कि हालांकि उसे फैशनेबल कपड़े पसन्द हैं, लेकिन वास्तव में वह चीनी लड़कियों की तरह फैशनेबव कपड़े नेपाल में नहीं पहन सकती, क्योंकि उस के मां-पाप परंपरागत हैं। वे फैशनेबल कपड़ों को स्वीकार नहीं करेंगे। इसलिए इस प्यारी नेपाली लड़की के लिए चीन की यात्रा उस का सपना ढूंढने का रास्ता है।
17 वर्षीय लड़का विश्वाष इस बार के युवा कला दल का नेता है। कार्यक्रम में वह बस के सामने नेपाली राष्ट्र ध्वज फहरा रहा है। वह एक फैशनेबल लड़का है। वह अक्सर धूप का चश्मा लगाता है और अब सबसे लोकप्रिय आईफोन मोबाइल फोन का उपयोग करता है। उसने कहा कि उसे चीन बहुत पसन्द है विशेषकर चीन का फैशन व खुला वातावरण। अब वह हाई स्कूल का एक छात्र है। उस की योजना है कि हाई स्कूल की शिक्षा समाप्त करने के बाद चीन में विश्वविद्यालय में शिक्षा पाएगा। इसलिए अपने देश वापस जाने के बाद अच्छी तरह चीनी भाषा सीखने की जरूरत है।
उसने कहा कि मैं चाहता हूं अच्छी तरह चीनी भाषा सीखूं। मैं सिर्फ कुछ दिनों से यहां हूं, और केवल नमस्ते, धन्यवाद व फिर मिलेंगे जैसे चीनी भाषा के शब्द सीखे हैं।
इस बार की चीन यात्रा उस के लिए चीन की जानकारी पाने का एक सुअवसर है और भविष्य के जीवन के लिए एक नया लक्ष्य पाने का रास्ता भी है।
उक्त नेपाली युवा लोगों के लिए एक हफ्ते की शी आन अंतर्राष्ट्रीय बागबानी मेले की यात्रा का समय कम है, लेकिन इससे उन्हें चीन की काफी जानकारी मिली है। वे चीनी जनता की मैत्री अपने देश में जरूर ले जाएंगे।