अमेरिकी डेमोक्रेटिक व रिपब्लिकन पार्टी ने ऋण सीमा बढ़ाए जाने पर सहमति जताई है, जिससे अमेरिका अब डिफ़ॉल्ट होने से बच जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 31 जुलाई की रात इसकी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी डेमोक्रेटिक व रिपब्लिकन पार्टी ने ऋण सीमा बढ़ाने व घाटा कम करने के बारे में समझौता संपन्न किया। समझौते के पहले भाग में दस साल में 10 खरब अमेरिकी डॉलर का खर्च घटाने की मांग की गयी। दूसरे भाग में कहा गया है कि कांग्रेस में दोनों पार्टियों के सदस्यों से गठित एक विशेष समिति स्थापित होगी, जो नवंबर से पहले घाटा और कम करने का प्रस्ताव पेश करेगी। इस समझौते से संकट के बारे में अनिश्चितता हटायी जाएगी और अमेरिका के सामने अगले 6,8 या 12 महीनों में इस प्रकार का संकट पैदा नहीं होगा।
इसके बाद व्हाइट हाउस ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि ऋण सीमा कम से कम 21 खरब अमेरिकी डॉलर बढ़ेगी और घाटा लगभग 15 खरब अमेरिकी डॉलर कम होगा।
अमेरिका की विधायी प्रक्रिया के अनुसार यह समझौता डेमोक्रेटिक व रिपब्लिकन पार्टी की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के पश्चात प्रभावी होगा। ओबामा ने दोनों पार्टियों से अगले कुछ दिनों में ऋण सीमा बढ़ाने की इस योजना को स्वीकार करने का आग्रह भी किया।
अमेरिकी वित्तीय विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अगर 2 अगस्त को इसकी अधिकतम सीमा न हटाई गई,तो अमेरिका ऋण डिफ़ॉल्ट के खतरे का सामना करेगा। गौरतलब है कि हाल में अमेरिकी कांग्रेस की दोनों पार्टियों ने ऋण सीमा बढ़ाने के संबंध में कई बार चर्चा की।
(मीनू)