यमन के राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह ने विपक्षी राजनीतिक दल से एक बार फिर अपील की कि वार्ता में हिस्सा लेते हुए खाड़ी सहयोग परिषद द्वारा प्रस्तुत मध्यस्थता समझौते के तहत यमन के घरेलू राजनीतिक संकट का समाधान करें। सऊदी अरब की राजधानी रियाद में अपना इलाज करा रहे राष्ट्रपति सालेह ने 31 जुलाई को यमन की सरकारी समाचार एजेंसी के ज़रिए उक्त बयान जारी किया।
खाड़ी सहयोग परिषद(जीसीसी) के इस समझौते में सालेह से अपनी राजनीतिक शक्ति एक उप-राष्ट्रपति को हस्तानांतरित करते हुए 30 दिनों में इस्तीफा देने की बात कही गयी है। साथ ही विपक्षी राजनीतिक पार्टी के नेतृत्व में एक संयुक्त सरकार का गठन आदि शामिल है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका व यूरोपीय संघ आदि देशों व संगठनों ने भी इस समझौते पर सहमति जताते हुए यमन का संकट हल करने के लिए इसे सबसे वास्तविक समाधान बताया।
लेकिन वर्तमान में, यमन सरकार व विपक्षी राजनीतिक पार्टी की सुलह में कोई वास्तविक प्रगति हासिल नहीं हुई। दोनो पक्षों ने वार्ता में नईं मांगें पेश की हैं।
वहीं 30 जुलाई को यमन की विपक्षी पार्टी के प्रमुख नेताओं ने सरकार विरोधी सशस्त्र आदिवासी गठबंधन की स्थापना का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि सालेह को लौटने से रोकने के प्रयास किए जाएंगे। दूसरी ओर, अलकायदा और यमनी सरकारी सेना के बीच भीषण संघर्ष जारी है, इसमें रोजाना बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की खबर है।
(नैना)