दो दिवसीय जनवादी कोरिया-अमेरिका वार्ता 29 जुलाई को न्यूयार्क में समाप्त हुई। कोई भी दस्तावेज संपन्न न होने के बावजूद दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने कहा कि वार्ता रचनात्मक व व्यवहारिक रही।
जनवादी कोरिया के उप विदेश मंत्री किम क्ये ग्वान ने कहा कि दोनों पक्षों ने समान रूचि वाले सवालों पर रचनात्कम, व्यवहारिक व चतुर्मुखी वार्ता की। जनवादी कोरिया अमेरिका के साथ संपर्क बनाए रखने को तैयार है।
जनवादी कोरिया सवाल के लिए अमेरिकी विशेष दूत स्टीफ़न बोस्वोर्थ ने कहा कि मौजूदा वार्ता का मकसद गैर नाभिकीयकरण पर व्यवहारिक व अपरिवर्तनीय कदम उठाने में जनवादी कोरिया के इरादे का परीक्षण करना है। इस क्षेत्र में कहा जाए, तो वार्ता रचनात्मक व व्यवहारिक रही।
उन्होंने अमेरिका का रुख दोहराते हुए कहा कि अगर जनवादी कोरिया ठोस कदम से छः पक्षीय वार्ता बढ़ाने का दृढ़ व सक्रिय समर्थन करे, तो उसके लिए छः पक्षीय वार्ता बहाल करने, अमेरिका के साथ संबंध सुधारने व क्षेत्रीय स्थिरता स्थापित करने का रास्ता खुलेगा।
स्टीफन बोस्वोर्थ ने यह भी कहा कि अगले कदम उठाने से पहले अमेरिका कोरिया गणराज्य व छः पक्षीय वार्ता के अन्य पक्षों के साथ घनिष्ठ सलाह करेगा।
गौरतलब है कि अगस्त 2003 से अब तक चीन, जनवादी कोरिया, अमेरिका, कोरिया गणराज्य, रूस व जापान ने कोरियाई प्रायद्वीप के नाभिकीय सवाल पर कई वार्ता की हैं। अब गैर नाभिकीयकरण प्रक्रिया अवरूद्ध होने के साथ साथ छः पक्षीय वार्ता दो साल तक गतिरोध में पड़ गई है।
(ललिता)