लीबिया के सरकार विरोधी पक्ष के नेता अब्दुल जालिल ने 28 जुलाई को लीबिया के पूर्व भाग के सब से बड़े शहर और विपक्ष के मुख्यालय बैंगाजी में मीडिया को बताया कि विपक्षी सेना के जनरल कमांडर अब्दुल फत्ताह योनिस की उसी दिन हत्या की गयी है, उन के साथ उन के दो वरिष्ठ सहायकों को भी जान गंवाना पड़ा। श्री जालिल ने कहा कि फिलहाल इस हत्या कांड की जांच चल रही है। सुरक्षा बल ने मुख्य संदिग्ध हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हों ने यह भी ऐलान किया कि योनिस और उन के सहायकों की मौत पर तीन दिल के लिए शोक मनाया जाएगा।
28 जुलाई को आयोजित न्यूज ब्रिफींग में लीबिया के विपक्षी नेता जालिल ने यह नहीं संकेत किया कि योनिस की हत्या करने वालों का लीबिया सरकार से कोई नाते-संबंध है। लेकिन उन्हों ने इस बात पर गद्दाफी सरकार की कड़ी निन्दा की कि उस ने विपक्षी दलों में फूट के बीज बोलने की कोशिश की है। श्री जालिल ने चेतावनी देते हुए कहा कि विपक्ष नियंत्रित क्षेत्रों में रहने वाले सशस्त्र शक्तियों को गद्दाफी के खिलाफ चल रहे युद्धों में शिरकत करना होगा, वरना उन्हें सुरक्षा बल से गिरफ्तार किया जाएगा।
अब्दुल फत्ताह योनिस लम्बे अरसे से सैनिक सेवा में लगे थे और उन के युद्ध चलाने के प्रचुर अनुभव प्राप्त हुए है। वे कभी गद्दाफी के नजदीकी सहायक थे, और सरकार के गृह मंत्री के पद पर भी नियुक्त हुए थे, जिस के अधिकार खासा शक्तिशाली थे। वे लीबियाई सेना की तूफानी ब्रिगेड के कमांडर और लीबियाई विशेष टुकड़ी के आला कमान भी थे। इस साल की फरवरी में योनिस गद्दाफी के साथ विश्वासघात कर विपक्ष में जा मिले और वहां सरकार विरोधी सेना के चीफ कमांडर बने। जानकार सूत्रों के अनुसार योनिस का दूसरे लोगों के साथ नाते-रिश्ते अच्छे नहीं थे। विरोधी सेना में उन के अनेक विरोधी भी हैं। इस से योनिस अकसर क्रोध में भी आते थे और शिकायत करते थे कि विरोधी सेना में कुछ लोग अनुशासित नहीं हैं और आदेश का पालन नहीं करते हैं, जिस के कारण सेना की शक्ति काफी कमजोर पड़ी है। इस साल के अप्रैल माह में योनिस की जबरदस्त मांग के चलते लीबिया की राष्ट्रीय संक्रमणकारी कमेटी ने सैनिक पुनर्गठन किया और सेना में योनिस के नेतृत्व को मजबूत कर दिया। इस की वजह से विरोधी सेना की लड़ाई शक्ति कुछ प्रबल हो गयी।
योनिस की हत्या के कारण के बारे में अनेक अटकलें हो रही हैं, ऐसा कहना सुनने में आया है कि गद्दाफी के साथ गद्दारी के कारण उस की गद्दाफी द्वारा हत्या करवायी गयी है। योनिस सरकार विरोधी सेना के प्रमुख नेता थे, उन की कार्यवाही बराबर गोपनीय थी, सारी दुनिया में सिर्फ चंद कुछ मीडिया संस्थाओं को उन का साक्षात्कार लेने का मौका मिला था। उन्हों ने संवाददातों को बताया था कि गद्दाफी ने उन पर 4 लाख अमेरिकी डालर का इनाम रखा है और वे तीन बार हत्या से भी बच गए हैं। ऐसी अटकल भी है कि योनिस को लीबिया के विपक्ष में उन के विरोधियों के हाथों मार डाला गया है।
मीडिया से यह खबर भी सुनने को मिली है कि योनिस की हत्या की जाने से पहले उन के परिवारजन लीबिया की गद्दाफी सत्ता के साथ संपर्क कायम रखे हुए हैं, इसलिए विपक्ष के सुरक्षा बल ने पूर्वी भाग के अग्रिम मोर्चे के कमान में उन्हें उन के दो सहायकों केसाथ पकड़ा है और तीनों को बैंगाजी में पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा था, किन्तु रास्ते में योनिस और उन के दो सहायकों को गोली मार कर मौत के घाट उतारा गया। इसतरह कुछ विश्लेषकों का मानना है कि योनिस तीनों गद्दाफी सरकार द्वारा विपक्ष में भेदी के रूप में भेजे जाने की संभावना भी है, अतः कलई खुलने के बाद विपक्ष में भेजे गए अन्य भेदियों के द्वारा उन्हें मारा गया हो।
लोकमतों का कहना है कि योनिस लीबिया की सरकार विरोधी सेना के चीफ कमांडर थे और वे विरोधी सेना के आला कमान और मजबूत स्तंभ के समान थे, इसलिए उन की मौत से सरकार विरोधी पक्ष को करारा धक्का पहुंचेगा।