चियांग सु प्रांत के खुन शान शहर का चोउ च्वांग चीन का प्रसिद्ध रमणीक गांव है। यहाँ पर काले और सफेद खपरैल वाले मकान, पत्थरों से बनी संकरी गलियाँ और गलियों के दोनों तरफ बने छोटे-छोट मकान तथा इन मकानों के पीछे से होकर बहती हुई छोटी नदी लोगों का ध्यान आकर्षित किए बिना नहीं रह सकती है। कलकल करती हुई नदी के पानी इतने साफ है कि नदी के तल तक दिखाई देते है और नदी में अक्सर आपको छोटी-छोटी नावें तैरती दिखाई देती हैं। इन नावों की उम्र उन पर बनी लकड़ी के चिन्हों से पता चल सकती है। सबसे ज्यादा आकर्षक तो वो महिलाएं हैं जो इन नावों पर बैठी नाव खेते हुए दिखाई देती है।
आज के इस कार्यक्रम में हम आपको ऐसी ही एक नाव खेने वाली महिला श्वी मेइ चन की कहानी सुनाएंगे।
अभी जो आप गाना सुन रहे थे, उस का नाम है नाव खेना और इस गीत के बोल श्वी मेइ चन ने खुद लिखे हैं। श्वी मेई चन इस साल 61 वर्ष की हो चुकी हैं। जब उन्हें पता चला कि कुछ संवाददाता उनका साक्षात्कार करना चाहते हैं तो वे खुशी से फूली नहीं समा रही थी। उन्होंने बड़ी निडरता से संवाददाता की गाईड बनना स्वीकार किया। नाव खेते-खेते वह अपने अनुभव को लोगों को बता भी रही थीं। उन्होंने कहा, वह अपने पति के साथ गाना बनाती है। जब कोई पर्यटक उसकी नाव पर बैठता है तब उसका स्वागत करने से लेकर उसको विदाई तक का भाव गाने में भरा होता है। यही कारण है कि चीनी केंद्रीय टीवी स्टेशन ने भी उसे एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था।
श्वी मेई चन का घर चोउ च्वांग गांव के प्रसिद्ध जुड़वें पुल के पास स्थित है। नाव चलाने का काम करने से पहले वह पास में स्थित एक जूते की फैक्ट्री के कैंटिन में खाना बनाने का काम करती थी। पर्यटन के विकास ने उसी जैसे अनेक ग्रामीण महिलाओं को पर्टयन सेवा के साथ जोड़ दिया है। जब उसने नाव पर काम करना शुरू किया तो जैसे उसके सारे गुण एक-एक कर सामने आने लगे। वह बहुत ही नेक, मेहमाननवाज, साहसी और मधुर आवाज वाली महिला है। चोउ च्वांग का प्रसिद्ध नाव खेना नामक गाना उसी के द्वारा रचा गया और गाया गया है। आज इस गाने को चोउ च्वांग की लगभग सभी महिलाएं गा सकती हैं।
चोउ च्वांग में नाव खेने वाली सभी महिलाएं नीले रंग में सफेद छींट वाले कपड़ों में सजी-धजी होती हैं। दूर से देखने पर ऐसा लगता है जैसे नाव पर सफेद-सफेद गुलदाउदी के फूल खिले हों। नाव पर सभी महिलाओं के हाथों में पतवार, और बड़े आराम के साथ नाव खेने के दृश्य देखते ही बनते है। धूप और हवाओं के थपेड़े से उन सभी के मुखड़े का रंग सांवला बन गया है लेकिन चेहरे से फिर भी संतोष जनक मुस्कान खिलती है।
उम्र बड़ी होने के कारण श्वी मेइ चन अब नाव पर काम नहीं करती है, लेकिन वह अभी भी उसी तरह के पोशाक पहनना पसंद करती है। पूरे रास्ते में स्थानीय लोग उसका अभिवादन में हाथ हिलाकर स्वागत करते रहे। श्वी मेइ चन ने हँसते हुए कहा, सेवानिवृत होने से पहले वह चोउ च्वांग की प्रसिद्ध कलाकार की तरह थी। वह न केवल गाना मधुर गाती थी बल्कि नाव खेने में भी निपुण थी। साथ ही वह चोउ च्वांग की हरेक नदी, पुल, गली-कूची सबों से अच्छी तरह परिचित थी। इसलिए अगर कभी देश या विदेश से कोई विशेष मेहमान आते थे तो सभी लोग उसे ही नाव खेने के लिए बुलाते थे। श्वी चन मेई गर्व के साथ संवाददाता को बतायी, बहुत सारे प्रसिद्ध व्यक्ति उसके नाव की सवारी कर चुके हैं जिनमें सिंगापुर के भूतपूर्व प्रधानमंत्री, थाइलैंड की राजकुमारी, चीन के उप प्रधानमंत्री वुई आदि शामिल हैं।
सिंगापुर के भूतपूर्व प्रधानमंत्री ली क्वांग याओ मेरी नाव पर तीन बार सवार कर चुके हैं। वे कद में लम्बे, पतले और सफेद बाल वाले हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि उनका लड़का अब उनका पदभार संभालने वाला है। 2007 में थाइलैंड की राजकुमारी सिरिन्धोर्न और 2004 में चीन के उप प्रधानमंत्री वुई ने उनके नाव की सवारी की थी। उन्होंने कहा कि चोउ च्वांग की प्राकृतिक सुंदरता बहुत ही मनोरम है। यह सुंदरता प्राचीन काल के लोगों के द्वारा विरासत में छोड़ी गई है। हमारे चोउ च्वांग गांव में 4 छोटी नदियाँ, आठ गलियाँ और चोकोण रूप में नहरें हैं जो देखने में बहुत ही सुंदर दिखता है।
सच में, चोउ च्वांग बहुत ही सुंदर जगह है। इसने अपने विशेष प्राकृतिक सौंदर्य से देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया है। इस स्थल को युनेस्को के द्वारा विश्व विरासत सूची में शामिल किए जाने की तैयारी चल रही है। इस स्थल को कई पुरस्कार भी मिले हैं जैसे दुबई अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कार, संयुक्त राष्ट्र संघ का एशिया प्रशांत क्षेत्रीय सांस्कृतिक विरासत पुरस्कार और अमरिकी सरकारी पुरस्कार इत्यादि। हरेक साल चोउ च्वांग आने वाले पर्यटकों की संख्या लगभग तीस लाख है। प्रतिदिन औसतन दस हजार लोग इस स्थल का भ्रमण करते हैं।
आज चोउ च्वांग में पीठ पर बैग लादे विदेशी पर्यटक अक्सर दिखाई देते हैं। वे लोग भी एक नाव को भाड़े में ले कर नदी में खेते घूमते हैं, साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य तथा गाने का आनंद लेते हैं। पर्यटन का विकास होने के बाद, यहाँ आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। श्वी मेइ चन ने कहा कि पहले वह मानक चीनी भाषा अच्छी नहीं बोल पाती थी लेकिन अब धारावाहिक मानक चीनी के अलावा थोड़ी कुछ अंग्रेजी और जापानी भाषा भी बोल सकती है। साक्षात्कार के समय, श्वी मेई चन ने जब विदेशी भाषा में बात करना शुरू किया तो सुनकर हमारे संवाददाता भी आश्चर्यचकित रह गये।
जापानी भाषा में नमस्ते, धन्यवाद जैसे सरल वाक्य मुझे आते हैं। थोड़ी-बहुत अंग्रेजी बोलने भी आती है। किसी विदेशी पर्यटक को देखने के बाद मैं अंग्रेजी में कहती हूँ, चोउ च्वांग में आपका स्वागत है। शुभ प्रभात, शुभ दोपहर, शुभ रात्री, कृपया यहाँ बैठिए, धन्यवाद, शुभ विदा। क्या मैं गाना गा सकती हूँ। यह सभी मैने उन्हीं से सीखा है।
श्वी मेई चन ने बताया कि उसे नाव खेते हुए बीस साल हो गए हैं। बहुत सारे पर्यटक जिन्होंने उसकी नाव पर सवारी की है, उसे पत्र लिखते हैं तथा फोटो भी भेजते हैं। अब तो उसके पास एक बड़े बक्से में पत्र और फोटो भरे हुए है। संवाददाता ने एक पत्र निकाला, पत्र चियांग सु प्रांत के इंजीनियरिंग कॉलेज की दो लड़कियों के द्वारा लिखा गया था।
पत्र में लिखा हैः श्वी जी नमस्ते। जैसे ही मैने पेन उठाया, मेरे ख्याल में चोउ च्वांग की सुंदरता और आपलोगों के साथ बिताए हुए पल याद आ गए। एक पर्यटक के रूप में मैं और हमारे दोस्तों ने न केवल चोउ च्वांग की सुंदरता का आनंद उठाया, बल्कि वहाँ के लोगों के प्यार का भी आभारी हूँ। आपका स्वागत करने का तरिका, आपकी मदद हमलोगों को घर की याद दिलाती है। आज मैं इस पत्र में आपसे बिछड़ने के समय खिंचे गये ग्रुप फोटो को भेज रही हूँ। आशा है कि आप भी हमारी खुशी को महसूस कर सकेंगी। श्वी मेइ चन ने कहा, मेरे पास बहुत से पत्र हैं। और बहुत सारे फोटो भी हैं।
श्वी मेइ चन ने बताया कि उसकी नाव पर बैठने वाले पर्यटकों में उसे सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले सुप्रसिद्ध चीनी चित्रकार छन ई- फेई हैं। चोउ च्वांग के साथ उनका अटूट रिश्ता है। वर्ष 1984 में उनकी पेंटिंग जन्म भूमि की याद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ख्याती मिली थी और देखते ही देखते एक ही रात में वे विश्वविख्यात व्यक्ति बन गये । छन ई फेई ने एक चित्रकार के रूप में इस चोउ च्वांग के मूल्य को पहचाना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे ख्याति दिलवायी। वर्ष 2005 के 10 अप्रैल को छन ई फेई ने हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया। चोउ च्वांग के लोगों ने उसकी स्मृति में यहाँ के जुड़वें पुल के समीप एक स्मारक की स्थापना किया। श्वी मेइ चन ने उसके फोटो की तरफ इशारा करते हुए बतायाः
वर्ष 2005 के 12 फरवरी को वह अंतिम बार मेरी नाव पर बैठे थे। उस दिन थोड़ी बर्फबारी हो रही थी। वह हमेशा मेरी ही नाव पर बैठते थे। एक बार मैं उसके साथ सुबह के चार बजे नाव पर आयी थी । मैं नाव को धीरे-धीरे चला रही थी और वह आराम से चित्रकारी कर रहे थे। उस दिन लगभग दो घंटे तक उन्होंने चित्रकारी किया। वही उनसे अंतिम मुलाकात थी।
संवाददाता ने पूछा—क्या आप उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल हुई थी।
श्वी मेइ चन ने कहा—हाँ मैं गई थी। उनका अंतिम संस्कार शांगहाय में संपन्न हुआ था। उनके साथ जिस किसी की भी जान पहचान थी, वे सभी लोग गए थे।
चोउ च्वांग की महिलाएं छन ई-फेइ को आज भी याद करती हैं। हमलोगों ने भी उनके पेंटिंग में चोउ च्वांग की सुंदरता और नाव खेने वाली महिलाओं को देखा।