अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष(आईएमएफ) की नई महानिदेशक क्रिस्टिन लगार्ड ने 26 जुलाई को अमरीका से कर के मामले पर हो रही वार्ता की गतिरोध को जल्द से जल्द तोड़ने का आग्रह किया,जिससे कि कर की सीमा को बढाया जा सके।उन्होंने अमरीका को चेतावनी भी दी कि अगर उस की साख कम की गई या कर लौटाने में वह विफल रहा,तो उससे निकलने वाले परिणाम का वैश्विव अर्यतंत्र पर प्रभाव पड़ेगा।
इससमय अमरीका पर कर का बोझ 143 खरब डाँलर की सीमा को पार कर गया है,जबकि कर के मामले पर डेमोक्रेटिक व रिपब्लिकन दो पार्टियों के बीच वार्ता गतिरोध में पड़ी है।इसे लेकर सुश्री लगार्ड ने मंगलवार को अमरीकन कूटनीति सोसाइटी में अपने भाषण में अमरीका सरकार से आग्रह किया कि वह समय को बर्बाद करना बन्द करे और यूरोप की तरह कर-मामले से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए।
लगार्ड ने कहा कि यदि अमरीका ने साख का सर्वोच्च स्तर ट्रिपल-ए(एएए) खो दिया और कर-भुगतान में वह चूक गया,तो उस के वित्तीय बाजार और अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगेगा,बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था भी इससे अछूती नहीं रह पाएगी।
लगार्ड ने कहा कि अमरीका के लिए यह जरूरी है कि वह वित्तीय घाटे को कम करने और वित्तीय असंतुलन को दूर करने की व्यावहारिक कोशिश करे,मगर जल्दबाजी से बच जाए।उनके अनुसार अमरीका में अभी बेरोजगारी बढने का खतरा मौजूद है,इसलिए वित्तीय घाटे को तेजी से घटाना जायज नहीं है और नहीं होना चाहिए कि वित्तीय सिकुड़न जल्दबाजी से लागू किया जाए।