इस साल चीन और आसियन के बीच वार्तालाप संबंध कायम होने की 20वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर चीनी वाणिज्य मंत्रालय के अन्तरराष्ट्रीय व्यापार वार्ताकार व उप मंत्री क्वो हुछङ ने 26 जुलाई को कहा कि पिछले 20 सालों में चीन और आसियन के द्विपक्षीय व्यापार में तेजी से वृद्धि होती आयी है और आर्थिक व्यापारिक सहयोग में उल्लेखनीय कामयाबियां हासिल हुई हैं ।
चीनी राज्य परिषद के प्रेस कार्यालय ने 26 तारीख को पेइचिंग में न्यूज ब्रिफींग बुलाकर चीन और आसियन के बीच वार्तालाप के संबंध की स्थापना के बाद पिछले 20 सालों में आर्थिक व्यापारिक सहयोग में प्राप्त उपलब्धियों तथा आठवें चीन आसियन मेले तथा आठवें चीन आसियन वाणिज्य व निवेश शिखर सम्मेलन के बारे में जानकारी दी। न्यूज ब्रिफींग में उप मंत्री क्वो हुछङ ने परिचय देते हुए कहा कि चीन अब आसियन का प्रथम बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है। उन का कहना हैः
वर्ष 1991 में चीन और आसियन के बीच द्विपक्षीय व्यापार रकम सिर्फ 796 करोड़ अमेरिकी डालर थी, लेकिन 2010 में यह रकम 29 हजार 278 करोड़ डालर तक पहुंची जो 37 गुनी बढ़ी है। इस साल के पूर्वार्द्ध में दोनों पक्षों की व्यापार रकम में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई, जोकि 17 हजार 112 करोड़ अमेरिकी डालर दर्ज हुई। अब चीन आसियन का प्रथम बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है, आसियन भी जापान को पीछे छोड़कर चीन का तीसरा बड़ा व्यापार साझेदार रहा।
बीते 20 वर्षों में चीन और आसियन के विभिन्न देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश का निरंतर विस्तार होता चला गया, इस साल के जून माह के अंत तक कुल निवेश रकम 80 अरब अमेरिकी डालर पहुंची, आसियन देशों में चीन का निवेश लगातार बढ़ता गया और आसियन चीनी कारोबारों के लिए विदेश में निवेश का अहम स्थान बना । इन के अलावा दोनों पक्षों में आपसी लाभ वाले सहयोग भी गहराई में आए। अब तक चीन ने आसियन को 12 अरब 20 करोड़ डालर के कर्ज प्रदान किए जिन का प्रयोग वहां पर पुल, सड़क और बिजली घर जैसे अहम निर्माण परियोजनाओं में किया गया। दोनों पक्षों में समुद्री जहाजरानी, वित्त, वास्तु निर्माण तथा पर्यटन के क्षेत्रों में भी व्यापक व्यवहारिक सहयोग हुए हैं। आसियन चीन के लिए पांचवां बड़ा सेवा निर्यात का बाजार और आयात का स्रोत स्थल है।
पहली जनवरी 2010 को चीन और आसियन के बीच मुक्त व्यापार क्षेत्र कायम हुआ, वह विदेश के साथ चीन का प्रथम मुक्त व्यापार क्षेत्र है और विकासशील देशों में स्थापित सब से बड़ा मुक्त व्यापार क्षेत्र और सब से अधिक जनसंख्या वाला व्यापार क्षेत्र है। इस पर श्री क्वो ने कहा कि मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना से दोनों पक्षों के कारोबारों व लोगों को ठोस लाभ प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहाः
मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना के बाद दोनों पक्षों ने 90 प्रतिशत के उत्पादों पर शून्य सीमा शुल्क की नीति लागू की है। चीन में आसियन की चीजों पर औसत सीमा शुल्क 9.8 प्रतिशत से घटा कर 1 प्रतिशत रह गया, जबकि आसियन में चीनी चीजों का औसत सीमा शुल्क 12.8 से 0.6 फीसदी रह गया। फलस्वरूप द्विपक्षीय व्यापार का तेज विकास हुआ।
इस के साथ ही दोनों पक्षों के आर्थिक व्यापारिक सहयोग विस्तृत होकर सेवा व्यापार, आपसी निवेश, दूरसंचार, मैकोंग नदी क्षेत्र के विकास, यातायात, ऊर्जा, संस्कृति और पर्यटन आदि अनेकों क्षेत्रों में चल रहे हैं।
चीन आसियन मेला 2004 में शुरू हुआ, उस की भूमिका दिनोंदिन अहम होती जा रही है। पहले के सात मेलों के आयोजन से चीन और आसियन के देशों में आर्थिक व्यापार व निवेश आदि अनेक क्षेत्रों में परस्पर सहयोग को बल मिला। मेले में चीन व आसियन देशों के अलावा अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी, ओस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देश भी आकर्षित हो गए, जिस से बाहर के देशों के साथ चीन व आसियन के आदान प्रदान को बढ़ावा प्राप्त हुआ है।
आठवां चीन आसियन मेला और आठवां चीन आसियन वाणिज्य व निवेश शिखर सम्मेलन आगामी अक्तूबर में चीन के क्वांगसी स्वायत्त प्रदेश की राजधानी शीनिंग में होगा, मेले के दौरान पहली बार गोल मेज मीटिंग होगी और विभिन्न प्रकार की निवेश गतिविधियां होंगी। चीन और आसियन के दस देशों के अलावा अब तक इटाली, फ्रांस, जर्मनी, जापान तथा दक्षिण कोरिया ने मेले में भाग लेने के लिए नाम दर्ज किया है। इस पर उप मंत्री क्वो हुछङ ने कहाः
हम आसियन के विभिन्न देशों के साथ सहयोग बढ़ाएंगे और एक साथ मिलकर मेले को नया, विशेष और कारगर बनाने की कोशिश करेंगे तथा चीन आसियन मुक्त व्यापार क्षेत्र के निर्माण को बेहतर बनाने तथा द्विपक्षीय सहयोग को गहराई में लाने के लिए नया योगदान देंगे।