अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष(आईएमएफ़) ने 25 तारीख को अमरीका को चेतावनी दी कि अगर वह समय रहते ऋण लेने की सीमा को नहीं बढा पाया,तो उस की अर्थव्यवस्था को भारी झकटा लगेगा।
अमरीकी अर्थव्यवस्था की सालाना समीक्षा-रिपोर्ट में आईएमएफ़ ने इस आपात जरूरत पर जोर दिया है कि अमरीका ऋण संबंधी सीमा को बढाए।रिपोर्ट कहती है कि अमरीका को सार्वजनिक खर्चों में धीरे-धीरे कमी कटौती करनी चाहिए,ताकि उस की वित्तीय साख को नुकसान न पहुंचे।
रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि अमरीका आगामी पहली अक्तूबर से शुरु होने वाले 2012 वित्त-वर्ष से ही अपने वित्तीय काम को सुधारना शुरू करे,जैसे सामाजिक कल्यांणकारी नीतियों में समायोजन करे,चिकित्सीय प्रतिभूति में अधिक धनराशि जमा करे और सरकारी आमदनी में इजाफ़ा करे।
इधर के दिनों में अमरीकी संसद में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों के बीच ऋण लेने की सीमा को बढाने और घाटे को कम करने के मुद्दों पर तीव्र संघर्ष चल रहा है।अभी इन मुद्दों पर वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं हो पाई है।अमरीकी वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार यदि संसद में आने वाले चंद दिनों में कोई समझौता संपन्न नहीं हुआ,तो आने वाली दूसरी अगस्त को अमरीका सरकार कर-अदायगी में चूक जाएगी।