चीनी उपविदेश मंत्री छ्वी थियन काइ ने 17 तारीख के तडके चीन स्थित अमरीकी दूतावास के अधिकारी को आपात रूप से बुलाकर अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा दलाई लामा से मुलाकात की जाने का मामला गंभीरता से उठाया ।इस के साथ अमरीका स्थित चीनी राजदूत चांग य सुइ ने भी अमरीका के समक्ष यह मामला गंभीरता से उठाया ।
चीनी पक्ष का कहा कि कि चीन के विरोध व गंभीरता से मामला उठाये जाने के बावजूद अमरीकी पक्ष ने राष्ट्रपति बराक ओबामा की दलाई लामा से मुलाकात का प्रबंध किया ,जिस ने चीन के अंदरूनी मामले में गंभीर रूप से दखलदाजी की ,चीनी जनता की भावना पर ठेस पहुंचायी ,चीन के केंद्रीय हितों को हानि पहुंचायी और चीन-अमरीका संबंधों को बर्बाद किया ।चीन इस के प्रति जबरदस्त रोष व्यक्त करता और डटकर विरोध करता है ।
चीनी पक्ष ने बल दिया कि तिब्बत चीन की प्रादेशिक भूमि का अभिन्न अंग है ।तिब्बत मामला चीन का बिल्कुल आंतरिक मामला है ।चीन सरकार व चीनी जनता को देश के केंद्रीय हितों की सुरक्षा व राष्ट्रीय सम्मान बनाए रखने का डटकर संकल्प है ।
17 तारीख के तडके चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मा छाओ शू ने ब्यान जारी कर कहा कि दलाई लामा वास्तव में धर्म की आड़ में चीन का विभोजन करने वाला एक राजनीतिक निर्वासित है ।चीन किसी देश के नेता द्वारा किसी तरीके से दलाई लामा से मुलाकात करने का विरोध करता है ।चीन अमरीका से कुप्रभाव दूर करने के लिए फौरन कदम उठाने और चीन के आंतरिक मामले में दखलदाजी बंद करने और तथाकथित तिब्बती स्वाधीनता के समर्थकों का समर्थन रद्द करने का अनुरोध करता है ।