वर्ष 2011 से तिब्बत में चौतरफा तौर पर शिक्षा उदारता नीति लागू हुई, जिस के तहत तिब्बती किसानों और चरवाहों की संतानों के लिए किन्टरगार्टन से लेकर हाई स्कूल तक की शिक्षा निःशुल्क होगी।
यह तिब्बत की राजधानी ल्हासा में ल्हासा मिडिल स्कूल में हाई मिडिल स्कूल के छात्रों को नयी भत्ता नीति पढ़कर सुनायी जाने का रिकार्डिंग है, नयी नीति के अनुसार स्कूल में पढ़ने वाले किसानों व चरवाहों के छात्रों को देने वाली सरकारी भत्ता चतुर्मुखी तौर पर बढ़ायी गयी है। इस खबर से सीनियर विभाग की कक्षा सात की छात्रा पाईमाच्युजन बेहद द्रवित हुई है। उसने कहाः
यह खबर सुनकर मुझे बड़ी खुशी हुई है, अब मैं पढ़ाई के लिए फीस बहुत कम देती हूं, जिस से मेरे बाप पर बोझ काफी हल्का हो जाएगा। सरकार की यह नीति हमारे किसान परिवारों के बच्चों के लिए बिलकुल एक खुशखबरी है।
हाई स्कूल की छात्रा पाईमाच्युजन ल्हासा शहर के अधीन त्वुलुंगते जिले के फुबुछिन गांव के एक गरीब परिवार की बेटी है। पिछले साल उस ने श्रेष्ठ अंकों केसाथ ल्हासा मिडिल स्कूल के सीनियर विभाग में पढ़ने के लिए दाखिला प्राप्त किया, इस के साथ ही साथ उस की बड़ी बहन को तिब्बती चिकित्सा कालेज में प्रवेश हासिल हुआ है। दोनों बहनों के पढ़ाई खर्च से गरीब परिवार पर भारी बोझ पड़ा। इसके बारे में सुश्री पाईमाच्वुजन ने कहाः
उच्च शिक्षालय में पढ़ने केलिए बड़ी बहन को हर साल 4000 य्वान की पढ़ाई फीस देना है और सीनियर मिडिल स्कूल में पढ़ने के लिए मेरी फीस भी एक हजार है। हम दोनों बहनों की शिक्षा के लिए माता जी ने बैंक से 20 हजार य्वान का कर्ज ले लिया है, फिर भी मेरी आगे उच्च शिक्षा के लिए पैसा काफी नहीं है।
पाईमाच्युजन जैसे गरीब परिवार से आने वाले छात्रों की शिक्षा खर्चा समस्या को हल करने के लिए और नौ साल की अनिवार्य शिक्षा का स्तर उन्नत करने तथा हाई स्कूल की शिक्षा भत्ता व्यवस्था मजबूत करने केलिए तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की सरकार ने यह फैसला लिया है कि 2011 से नौ साल की शिक्षा के लिए लागू मुफ्त भोजन, मुफ्त आवास तथा मुफ्त पढ़ाई वाली नीति को बढ़ाकर ग्रामीण व चरवाही क्षेत्रों में पूर्व स्कूली शिक्षा से लेकर हाई स्कूल तक भी लागू किया जाएगा। स्कूल से पूर्व की शिक्षा के लिए हरेक किसान व चरवाह परिवार के बच्चे को हर साल 2000 य्वान की भत्ता दी जाएगी और हाई स्कूल में पढ़ने वाले हरेक छात्र को भी हर साल 2000 य्वान की भत्ता मिलेगी। इस के बारे में ल्हासा मिडिल स्कूल के कुलपति थांग जे ह्वी ने कहाः
नयी नीति के अन्तर्गत हर साल हरेक बच्चे को जीवन के खर्च के लिए 2000 य्वान की भत्ता दी जाती है। जिस से बच्चों के परिवार पर आर्थिक बोझ काफी हल्का हो सकता है। भविष्य में किसानों और चरवाहों के बच्चों के लिए रजाई और चादर तक की रोजमर्रा की चीजें भी सरकार देगी। इस से बच्चों में आगे पढ़ने का उत्साह और बढ़ जाएगा और गरीबी के कारण अपनी शिक्षा को बीच में छोड़ देने की समस्या भी हल हो सकेगी।
तिब्बत में शिक्षा कार्य को तेज विकसित करने केलिए चीन सरकार ने वर्ष 1985 से वहां ग्रामीण व चरवाही क्षेत्रों में पढ़ाई के दौरान खाना, आवास और शिक्षा फीस को माफ करने की नीति लागू करना शुरू किया है, इस से किसान चरवाह परिवार के बच्चों में पढ़ने जाने की सरगर्मी बहुत बढ़ी। पिछले 5 सालों में तिब्बत में प्राथमिक स्कूल और जुनियर मिडिस स्कूल में दाखिला दर अलग अलग तौर पर 99.2 और 98.2 प्रतिशत तक पहुंची है, इस तरह वहां बुनियादी शिक्षा विकास के एक नए मुकाम पर चढी है।
नयी शिक्षा नीति के अनुसार नौ साल की अनिवार्य शिक्षा के दौर के लिए भत्ता की राशि पहले के 210 य्वान से बढ़ाकर अब 2000 य्वान कर दी गयी है, यह नौवीं दफा है कि तिब्बत में शिक्षा की भत्ता बढ़ायी गयी। इस पर तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के सरकारी शिक्षा विभाग के निरीक्षक डोजीछयेवांग ने कहाः
नई नीति लागू होने के बाद 2011 में पूर्व स्कूली शिक्षा से लेकर अनिवार्य शिक्षा तथा हाई स्कूली शिक्षा तक की कुल भत्ता रकम 100 करोड़ य्वान होगी, जिस में पहले से 49 करोड़ य्वान की वृद्धि हुई है, इस भत्ता नीति से कुल 5 लाख से ज्यादा बच्चों को लाभ मिला है, जबकि इससे पहले 2 लाख 70 हजार छात्रों को फायदा हासिल हुआ था।