ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने काबुल में कहा कि 2014 में नाटो के सुरक्षा दायित्व को अफगान सुरक्षा बलों को सौंपने के बाद भी ब्रिटेन अफगानिस्तान का समर्थन करता रहेगा। उन्होंने तालिबान से हथियार छोड़कर अफगान राजनीतिक सुलह प्रगति में भाग लेने की अपील की। अफ़गानिस्तान की यात्रा कर रहे कैमरन ने 5 जुलाई को काबुल में यह बात कही।
कैमरून ने अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ आयोजित संयुक्त पत्रकार सम्मेलन में कहा कि तालिबान को हिंसा को बंद करना और हथियारों को छोड़ना चाहिए, ताकि राजनीतिक सुलह प्रगति में भाग लेकर अफगानिस्तान के भविष्य का एक हिस्सा बने।
कैमरून ने कहा कि ब्रिटेन अफगानिस्तान के साथ दीर्घकालीन संबंध स्थापित करेगा। अफगानिस्तान के भविष्य के निर्माण के लिए ब्रिटेन अफगानिस्तान की बड़ै पैमाने पर सहायता करेगा।
अब अफगानिस्तान में तैनात कुल 9500 ब्रिटिश सैनिक हैं, जिसका पैमाना सिर्फ़ अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के बाद है।
कैमरून ने 4 जुलाई को काबुल पहँचकर अफगानिस्तान की दो दिवसीय औपचारिक यात्रा शुरू की।
(नीलम)